Sanjeev Jeeva Murder Case : बुधवार (7 जून) को लखनऊ के सिविल कोर्ट में संजीव जीवा की हत्या के मामले को लेकर योगी सरकार छह पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। ये सभी पुलिसकर्मी कोर्ट की सुरक्षा में तैनात किए गए थे। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में SIT जांच की बात कही थी। DCP लखनऊ सेंट्रल अपर्णा कौशिक ने बताया कि लापरवाही बरतने के आरोप में छह पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।

संजीव जीवा को लगी 8 गोलियां लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज ने बताया कि संजीव जीवा की मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, उसके शरीर में बुलेट घुसने और निकलने के 16 निशाना है, जिससे पता चलता है कि उसपर 8 गोलियां चलाई गईं। इन गोलियों में से 6 संजीव जीवा की चेस्ट औऱ 2 गोलियां उसके हाथ में लगीं। जब उसे अस्पताल लाया गया, तब उसकी मौत हो चुकी थी।

कौन है संजीव जीवा की हत्या का आरोपी? – संजीव जीवा की हत्या का आरोपी विजय यादव जौनपुर के केकरात कोतवाली क्षेत्र का रहने वाला है। विजय यादव द्वारा संजीव जीवा की हत्या के तुरंत बाद स्थानीय पुलिस उसके गांव सर्की सुल्तानपुर गांव पहुंची और लोगों से उसकी क्रिमनल हिस्ट्री के बारे में पूछताछ की।

पुलिस अधिकारी गौरव शर्मा ने न्यूज एजेंसी PTI को बताया कि विजय लखनऊ में प्लंबर का काम करता था। वह एक शादी में शामिल होने 10 मई को अपने गांव आया था और अगले दिन लखनऊ वापस लौट गया था। उनहोंने बताया कि विजय यादव के खिलाफ दो आपराधिक मामले पहले से दर्ज हैं। इनमें से एक मामला एक नाबालिग लड़की के अपहरण दुष्कर्म से जुड़ा है। इस संबंध में आजमगढ़ के देवगांव थाने में FIR दर्ज है।

मुंबई में काम करता था विजय

गौरव शर्मा ने बताया कि विजय के खिलाफ दूसरी FIR सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोपों से जुड़ी है। यह साल 2020 में केराकत पुलिस थाने में दर्ज की गई थी। विजय यादव के पिता श्यामा यादव ने बताया कि उनका बेटा मुंबई में एक निजी कंपनी में काम करता था और बाद में वह नौकरी छोड़कर घर चला आया। श्यामा ने बताया कि नौकरी छोड़ने के डेढ़ महीने बाद विजय रोजगार की तलाश में लखनऊ चला गया था जहां वह प्लंबर का काम करता था।

गौरतलब है कि विजय यादव (24) को बुधवार शाम 4 बजे के आसपास घटना के तुरंत बाद मौके पर ही पकड़ लिया गया था। मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक, हमलावर ने वकील की ड्रेस पहन रखी थी और उसने करीब छह गोलियां चलाईं।