पुलिस ने 13 वर्षीय एक किशोरी की मौत के मामले में उसके अभिभावकों और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का एक मामला दर्ज किया है। लड़की की एक सामुदायिक परंपरा के तहत 68 दिन का उपवास रखने के बाद मौत हो गई थी। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त :उत्तर क्षेत्र: पी वाई गिरि ने पीटीआई से कहा, ‘‘एक स्थानीय बाल अधिकार एनजीओ ‘बलाला हक्कुला संघम’ की ओर से मार्केट पुलिस थाने में दी गई शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304 और किशोर न्याय कानून की धारा 75 के तहत एक मामला दर्ज किया गया है।’

पुलिस निरीक्षक एम मुत्तैया ने कहा कि एनजीओ ने शिकायत में आरोप लगाया है कि लड़की के अभिभावकों और परिवार के सदस्यों ने उससे एक जैन परंपरा के तहत 68 दिन का उपवास कराया। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता द्वारा लड़की के अभिभावकों और परिवार के अन्य सदस्यों पर आरोप लगाये जाने के मद्देनजर उनके खिलाफ एक मामला दर्ज कर लिया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह आरोप है..हमें इसकी पुष्टि करनी होगी। जांच के आधार पर वह :जानकारी: सामने आएगा।’ उन्होंने कहा कि सिकंदराबाद के पोट बाजार में रहने वाले लड़की के अभिभावकों से उसकी मौत को लेकर पहले ही सवाल किये जा चुके हैं। एनजीओ अध्यक्ष अनुराधा राव ने गत शनिवार को हैदराबाद पुलिस आयुक्त को लिखे अपने पत्र में आरोप लगाया कि किशोरी की तीन अक्तूबर को ‘‘संदिग्ध परिस्थितियों’’ में मौत हो गई।

पुलिस ने पहले कहा था, ‘‘लड़की 68 दिन तक उपवास पर थी। उपवास एक अक्तूबर को समाप्त हो गया। वह पहले दो दिन तक तरल आहार पर रही और तीन अक्तूबर की रात में वह अचानक बीमार हो गई और उसके परिवार के सदस्यों ने उसे एक अस्पताल में भर्ती कराया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।’’