दीदी की महत्वाकांक्षा एक बार फिर जोर मारने लगी है। वह अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा के खिलाफ तमाम राजनीतिक दलों को एकजुट करने में जुट गई हैं। यहां तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव से मुलाकात के बाद अब वे अगले हफ्ते दिल्ली जाएंगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार की ओर से बुलाई गई विपक्षी राजनीतिक पार्टियों की बैठक में हिस्सा लेने अगले हफ्ते दिल्ली जाएंगी। भाजपा के खिलाफ क्षेत्रीय दलों के गठजोड़ के प्रयासों को समर्थन देने के लिए ममता 26 मार्च को चार दिन के दौरे पर दिल्ली जाएंगी। तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि ममता दिल्ली में पवार की ओर से बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में हिस्सा लेने के अलावा कई विपक्षी नेताओं के साथ भी मुलाकात करेंगी। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ भी उनकी मुलाकात की संभावना है। उस नेता ने बताया कि सोनिया व राहुल गांधी के साथ बैठक तय करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

लेकिन अब तक कुछ तय नहीं हुआ है। एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने इस महीने यहां ममता से मुलाकात कर उनको पवार की ओर से बुलाई गई बैठक में हिस्सा लेने का न्योता दिया था। ममता ने यहां तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से मुलाकात के दौरान भी केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ एक संघीय मोर्चा गठित करने की प्रक्रिया पर विचार-विमर्श किया था। उससे पहले आंध्र प्रदेश तेलुगु देशम पार्टी के नेता चंद्रबाबू नायडू भी ममता से फोन पर बात कर चुके हैं।

वैसे, ममता भी विपक्षी दलों से भाजपा के खिलाफ एकजुट होने की अपील करती रही हैं। हालांकि वे कई बार कह चुकी हैं कि प्रधानमंत्री बनने की उनकी कोई मंशा नहीं है। लेकिन राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि हालात अनुकूल बनने पर उनको इस कुर्सी पर बैठने से इनकार नहीं होगा। दीदी पहले ही कहती रही हैं कि उनका अगला लक्ष्य दिल्ली की गद्दी पर कब्जा करना है।