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पूजा के बाद आरती की जाती है जिसमें दीपक जलाया जाता है। घी, तेल के दीपक के साथ कपूर भी जलाया जाता है। इसके बाद आरती की थाली को देवी-देवताओं के सामने घुमाया जाता है। यह पवित्र अनुष्ठान अंधकार को दूर करने और जीवन में प्रकाश लाने का प्रतीक है। (Photo: Freepik) स्वाहा क्यों बोला जाता है? क्या इसके बिना अधूरी होती है पूजा, जानें क्या है महत्व
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अध्यात्मिक साधना हो या फिर पूजा पाठ लेकिन बिना कपूर के ये अधूरा माने जाते हैं। हिंदू धर्म में कपूर क्यों इतना खास महत्व रखता है। आइए जानते हैं: (Photo: Freepik)
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पवित्रता का प्रतीक
कपूर जलाने की परंपरा सदियों पुरानी है। जब कपूर जलाते हैं तो यह पूरी तरह अग्नि और धुएं में बदल जाता है यहां तक कि उसकी राख तक नहीं बचती। यह इस बात का प्रतीक है कि इसी इंसान को भी अपनी बुरी आदतों, नकारात्मक विचारों और अहंकार को जलाकर पूरी तरह से पवित्र हो जाना चाहिए। (Photo: Freepik) -
परिवर्तन का प्रतीक
कपूर को परिवर्तन का प्रतीक भी माना जाता जिसका बेहद ही गहरा अर्थ है। दरअसल, जब कपूर पूरी तरह से धुएं में विलीन हो जाता है जो अहंकार, वासनाओं और सांसारिक मोह-माया को जला देने का प्रतीक है। कपूर की लौ इस ओर संकेत करती है कि आध्यात्मिक विकास के लिए परिवर्तन आवश्यक है और केवल इसी परिवर्तन के माध्यम से मनुष्य आत्मज्ञान प्राप्त कर सकता है। (Photo: Pexels) रुद्राक्ष धारण करने के बाद किन-किन नियमों का करना होता है पालन -
शुद्ध वातावरण
कपूर को जब जलाया जाता है तो यह वातावरण को शुद्ध करने का काम करता है। जलाते वक्त जो सुगंध निकलती है वह नकारात्मक शक्तियों को दूर कर मन को शांत करती है। जिससे उपासक अपने मन और आत्मा को एकाग्र कर भगवान की उपासना कर सके। (Photo: Freepik) -
आरती में महत्व
कपूर को जलाकर आरती करने का अर्थ ज्ञान, आत्मा और आशा के लिए मार्गदर्शन का प्रतीक माना गया है। यह भक्ति, प्रेम और उस इच्छा का प्रतीक है जिसमें उपासक अपने जीवन और संसार में प्रकाश लाना चाहता है। (Photo: Pexels) -
आध्यात्मिक साधना
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कपूर यह स्मरण कराता है कि मनुष्य को अपने जीवन से अहंकार, ईर्ष्या और घमंड जैसी बुराइयों जलाकर भस्म कर देना चाहिए। कपूर यह स्मरण कराता है कि आत्मिक विकास के लिए भीतर की शुद्धि और पूर्ण समर्पण आवश्यक है। (Photo: Pexels) -
क्या कहता है विज्ञान
विज्ञान के अनुसार जब कपूर जलता है तो वह अपने आसपास के वातावरण को शुद्ध करने का काम करता है। इसकी खुशबू हवा में मौजूद जीवाणुओं और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है। (Photo: Pexels) शंख सेहत के लिए कितना फायदेमंद है, क्या कहता है विज्ञान? जानें आध्यात्मिक लाभ