-
इस वक्त कैग की रिपोर्ट को लेकर जमकर हंगामा हो रहा है। दरअसल, दिल्ली विधानसभा सत्र के दूसरे दिन सदन के पटल पर दिल्ली शराब घोटाले से कैग की रिपोर्ट पेश की गई। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कैग की रिपोर्ट को पेश किया। (Photo: PTI)
-
ऐसे में आइए जानते हैं क्या होता है कैग और कैसे होती है नियुक्ति? इसके साथ ही जानते हैं पूर्व आप सरकार पर कौन-कौन से आरोप लगे हैं। (Photo: PTI)
-
कैग का फुल फॉर्म Comptroller and Auditor General of India है। यह एक संवैधानिक संस्था है जिसकी स्थापना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 के तहत की गई थी। (Photo: PTI)
-
कैग का काम मुख्य केंद्र और राज्य सरकारों के सभी प्राप्तियों और व्यय की जांच करना है। इसके साथ ही यह सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों स्वायत्त निकायों और उन संस्थाओं की ऑडिट करता है जो सरकार से पर्याप्त वित्तीय सहायता प्राप्त करती है। (Photo: PTI)
-
आसान भाषा में बात करें तो कैग यह सुनिश्चित करता है कि जनता का पैसा सही तरीके से खर्च किया जा रहा है या नहीं। (Photo: PTI)
-
कैसे होती है नियुक्ति कैग की नियुक्ति सीधा राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। इसे हटाने की प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के जज के समान है जिसमें संसद के दोनों सदनों में विशेष बहुमत के साथ प्रस्ताव पारित करना जरूरी होता है। (Photo: PTI) Rekha Gupta Salary: दिल्ली CM रेखा गुप्ता को कितनी मिलेगी हर महीने सैलरी और सुविधाएं?
-
यही वजह है कि कैग बिना किसी दबाव के सरकार की वित्तीय गतिविधियों पर अपनी पैनी नजर रख पाती है। (Photo: PTI)
-
किसके हाथों में कैग की कमान इस वक्त कैग की कमान हिमाचल प्रदेश कैडर के 1989 बैच के आईएएस अधिकारी संजय मूर्ति के हाथों में है। (Photo: Indian Express)
-
कैग की रिपोर्ट्स से कब-कब आया सियासी भूचाल कोयला घोटाला: कैग की गई रिपोर्ट अब तक सियासी भूचाल मचा चुकी हैं। साल 2012 में कैग की कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला रिपोर्ट ने पूरे देश में खलबली मचा दिया था। कैग ने बताया था कि इसमें 1.86 लाख करोड़ रुपये का सरकार को नुकसान हुआ था। (Photo: Indian Express)
-
कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला: कैग की रिपोर्ट कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला का भी पर्दाफाश कर चुकी है। साल 2010 में कैग की रिपोर्ट के बाद कॉमनवेल्थ गेम आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी की गिरफ्तारी हुई थी। (Photo: Indian Express)
-
2जी स्पेक्ट्रम घोटाला: वहीं, साल 2010 में 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला पर भी कैग की रिपोर्ट सनसनी मचा चुकी है। कैग की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि यूपीए सरकार की मनमानी के चलते सरकारी खजाने को 1.76 लाख करोड़ रुपये का कथित नुकसान हुआ था। (Photo: Indian Express) दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के परिवार में कौन-कौन है? क्या करते हैं पति
