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भारतीय संस्कृति और धर्म में आचार्य चाणक्य की नीतियों का विशेष महत्व है। उनकी बताई बातें न केवल जीवन को सही दिशा देती हैं, बल्कि समाज में अनुशासन और आचार-विचार को बनाए रखने में भी सहायक होती हैं। चाणक्य नीति के अनुसार जीवन में कुछ ऐसी चीजें और लोग हैं जिन्हें भूलकर भी पैरों से नहीं छूना चाहिए। ऐसा करना पाप के समान माना गया है और इसका दोष आने वाली पीढ़ियों तक जाता है। (Photo Source: Pexels)
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चाणक्य ने अथर्ववेद के आधार पर अपने नीति ग्रंथ में सातवीं अध्याय के छठे श्लोक में लिखा है—
“पादाभ्यां न स्पृशेदग्निं गुरुं ब्राह्मणमेव च।
नैव गां न कुमारी च न वृद्धं न शिशु तथा।।” (Photo Source: Jansatta) -
अर्थात् अग्नि, गुरु, ब्राह्मण, गाय, कुमारी कन्या, वृद्ध और शिशु – इन सभी को पैरों से कभी नहीं छूना चाहिए। आइए जानते हैं इन सात चीजों और व्यक्तियों को पैरों से क्यों नहीं छूना चाहिए—|
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अग्नि
हिंदू धर्म में अग्नि को देवता माना गया है। हर शुभ कार्य की शुरुआत दीपक जलाकर या हवन के माध्यम से होती है। अग्नि साक्षी मानकर विवाह और यज्ञ जैसे पवित्र कार्य किए जाते हैं। ऐसे में अग्नि को पैर से लगाना देवताओं का अपमान माना जाता है। (Photo Source: Pexels) -
गुरु
गुरु का स्थान भारतीय संस्कृति में सर्वोच्च है। कहा जाता है कि गुरु के बिना ज्ञान और भक्ति अधूरी है। गुरु के आशीर्वाद से ही व्यक्ति जीवन में सफलता और सही मार्ग पाता है। इसलिए गुरु का पैर से स्पर्श करना बेहद अशुभ माना जाता है। (Photo Source: Unsplash) -
ब्राह्मण
ब्राह्मणों और साधु-संतों को धर्म और ज्ञान का प्रतिनिधि माना गया है। सभी शुभ कार्यों की शुरुआत ब्राह्मणों को भोजन कराकर या उनके आशीर्वाद से की जाती है। चाणक्य के अनुसार, ब्राह्मण का अपमान करने से पाप लगता है और घर से सुख-समृद्धि दूर हो जाती है। (Photo Source: Pexels) -
गाय
गाय को हिंदू धर्म में माता का दर्जा प्राप्त है। हिंदी धर्म में उसके दूध, गोबर और मूत्र तक को पवित्र और औषधीय गुणों से युक्त माना गया है। अथर्ववेद में भी गाय का अपमान करने वाले के लिए दंड का उल्लेख है। गाय को पैर से छूना माता का अपमान करने के समान है। यहीं वजह है कि गाय को ‘गौ माता’ कहा गया है। (Photo Source: Pexels) -
कुमारी कन्या
हिंदू धर्म में कुमारी कन्या को देवी का स्वरूप माना गया है। नवरात्रि में कुमारी पूजन की परंपरा इसी आस्था पर आधारित है। किसी कन्या को पैर से छूना या ठोकर मारना देवी शक्ति का अपमान करने जैसा है। (Photo Source: Pexels) -
वृद्ध व्यक्ति
बुजुर्ग घर के अनुभव और आशीर्वाद का खजाना होते हैं। कहा जाता है कि जिस घर में बुजुर्गों का सम्मान होता है, वहां लक्ष्मी का वास होता है। उनका सम्मान करना सौभाग्य लाता है और उनका अपमान घर से लक्ष्मी के जाने का कारण बनता है। उनका अनादर करना या पैरों से छूना अशुभ माना गया है। (Photo Source: Pexels) -
शिशु
छोटे बच्चों को भगवान का स्वरूप कहा गया है। वे मासूम और निर्मल होते हैं। बच्चे को मारना या पैर से छूना भगवान का अपमान करने के समान है। ऐसा करने वाले को ईश्वर भी क्षमा नहीं करते। (Photo Source: Pexels)
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