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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के सबसे प्रभावशाली नेताओं में गिने जाते हैं। लेकिन उनके जीवन के कई ऐसे पल और तस्वीरें हैं, जिन्हें बहुत कम लोग देख पाए हैं। (Photo Source: @modiarchive/X)
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नरेंद्र मोदी के संघर्ष, संगठन कौशल और राष्ट्रभक्ति की झलक उनकी इन दुर्लभ और अनदेखी तस्वीरों में साफ झलकती है। आइए, इन तस्वीरों के जरिए जानते हैं उनके जीवन के अनसुने किस्से और सफर की अहम झलकियां। (Photo Source: @modiarchive/X)
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नरेंद्र मोदी और उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन (2003, कोयंबटूर)
यह तस्वीर उस दौर की है जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बनने से पहले ही राष्ट्रीय राजनीति में अपनी मजबूत पहचान बना चुके थे। 1 अगस्त 2003 को कोयंबटूर (तमिलनाडु) में नरेंद्र मोदी की मुलाकात सीपी राधाकृष्णन से हुई, जो आज भारत के 15वें उपराष्ट्रपति हैं। (Photo Source: @modiarchive/X)नरेंद्र मोदी और उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन (2003, कोयंबटूर)
यह तस्वीर उस दौर की है जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बनने से पहले ही राष्ट्रीय राजनीति में अपनी मजबूत पहचान बना चुके थे। 1 अगस्त 2003 को कोयंबटूर (तमिलनाडु) में नरेंद्र मोदी की मुलाकात सीपी राधाकृष्णन से हुई, जो आज भारत के 15वें उपराष्ट्रपति हैं। -
लंदन यात्रा और आतंकवाद पर चेतावनी (2000)
सितंबर 2000 में मोदी लंदन पहुंचे और ब्रिटेन के डिप्टी पीएम जॉन प्रेस्कॉट से मुलाकात की। तब उन्होंने कहा था— “आतंकवाद मानवता के खिलाफ एक अपराध है।” यह 9/11 से एक साल पहले की बात है, जब दुनिया ने अभी आतंकवाद को वैश्विक खतरे के रूप में गंभीरता से लेना शुरू भी नहीं किया था। (Photo Source: @modiarchive/X) -
‘जनता राजा’ नाटक में (2006)
गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए कर्नावती क्लब में नरेंद्र मोदी जी ने छत्रपति शिवाजी महाराज पर आधारित ‘जनता राजा’ नाटक में भाग लिया था। (Photo Source: @modiarchive/X) -
सेल्युलर जेल में वीर सावरकर की कोठरी में
अंडमान की यात्रा के दौरान नरेंद्र मोदी ने वीर सावरकर की कोठरी देखी। यह तस्वीर उनकी देशभक्ति और स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान की गवाही देती है। (Photo Source: @modiarchive/X) -
मॉरीशस का गंगा तालाब (1998)
मॉरीशस के ‘ग्रैंड बासिन’ या गंगा तालाब की यात्रा मोदी जी के जीवन का भावुक क्षण था। उन्होंने कहा था कि यह सिर्फ तालाब नहीं बल्कि हिंदुस्तानी संस्कृति का जीवंत प्रतीक है। (Photo Source: @modiarchive/X) -
लंदन – बिना योजना का दौरा (1993)
अमेरिका से लौटते वक्त मोदी ने बिना योजना बनाए ब्रिटेन का दौरा किया। वहां उन्होंने भारतीय समुदाय से मुलाकात की, स्थानीय अखबारों और रेडियो चैनलों से बातचीत की। यह उनकी प्रवासी भारतीयों से जुड़ाव की शुरुआती झलक थी। (Photo Source: @modiarchive/X) -
डॉ. भीमराव आंबेडकर को श्रद्धांजलि (1986)
बीजेपी जॉइन करने के शुरुआती दिनों में ही मोदी ने बाबा साहेब आंबेडकर की विरासत को सम्मान देने का अभियान शुरू किया था। उन्होंने अंबेडकर जी की विचारधारा और योगदान को सम्मानित करने का काम किया। (Photo Source: @modiarchive/X) -
जानवरों से लगाव
मोदी सिर्फ लोगों ही नहीं, जानवरों के भी करीब रहे हैं। उनकी कई तस्वीरें इस बात की गवाह हैं। (Photo Source: @modiarchive/X) -
दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार के साथ (1984)
फिल्म जगत के ‘भारत कुमार’ कहलाने वाले मनोज कुमार जी के साथ नरेंद्र मोदी की यह दुर्लभ तस्वीर बहुत कम लोगों ने देखी होगी। (Photo Source: @modiarchive/X)
(यह भी पढ़ें: 17 साल की उम्र में घर छोड़कर भारत भ्रमण पर निकल गए थे नरेंद्र मोदी, जानिए कैसी रही थी उनकी यात्रा) -
जनता से जुड़ाव की तस्वीरें
हरियाणा में खींची गई यह पुरानी तस्वीर मोदी जी की जनता से गहरे जुड़ाव को दिखाती है। यह तस्वीर दिखाती है कि मोदी ने जमीनी स्तर पर संगठन को कैसे खड़ा किया। (Photo Source: @modiarchive/X) -
अमेरिका का दौरा (1993)
अमेरिकी सरकार और पॉलिटिकल लीडर्स से मिलने के लिए मोदी अमेरिका गए। वहां उन्होंने सीखा कि राजनीति और नीतियां वैश्विक स्तर पर कैसे काम करती हैं। यह यात्रा उनके राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण को गढ़ने में अहम रही। (Photo Source: @modiarchive/X) -
स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा
17 साल की उम्र में विवेकानंद की शिक्षाओं से प्रभावित होकर मोदी हिमालय की यात्रा पर निकल पड़े थे। यह तस्वीर उनके जीवन के उसी मोड़ को दर्शाती है। यह तस्वीर नरेंद्र मोदी के गांव में आयोजित एक शादी समारोह की है, जो उनके यात्रा पर निकलने से ठीक पहले की है। (Photo Source: @modiarchive/X) -
केशुभाई पटेल की शपथग्रहण समारोह (1995)
जमीन पर बैठकर मोदी शपथ ग्रहण देख रहे थे। तब वे भाजपा संगठन मंत्री थे और पर्दे के पीछे से पार्टी को मजबूत बना रहे थे। (Photo Source: @modiarchive/X) -
राम रथ यात्रा (1990)
गुजरात बीजेपी के महासचिव रहते हुए मोदी ने अयोध्या की राम रथ यात्रा में गुजरात चरण की बागडोर संभाली। सोमनाथ-अयोध्या राम रथ यात्रा 25 सितंबर 1990 को शुरू हुई थी। यह तस्वीर उनके राजनीतिक जीवन की अहम झलक है। (Photo Source: @modiarchive/X) -
नव निर्माण आंदोलन (1974) और इमरजेंसी
युवा प्रचारक के रूप में मोदी ने छात्र आंदोलनों में बढ़-चढ़कर भाग लिया। उनकी डायरी से निकलीं कुछ पंक्तियां उस दौर की भावनाओं को दिखाती हैं। (Photo Source: @modiarchive/X) -
इमरजेंसी के दौरान भेष बदलकर संघर्ष
मोदी ने कभी ‘स्वामी जी’ तो कभी ‘सरदार जी’ का वेश बनाकर लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई लड़ी। जेल जाकर गुप्त संदेश पहुंचाना भी उनके साहस का हिस्सा था। (Photo Source: @modiarchive/X) -
1990 के दशक की विदेश यात्राएं
बीजेपी का प्रतिनिधित्व करते हुए मोदी ने 40 से ज्यादा देशों की यात्रा की और भारत के लिए नई सीखें लेकर लौटे। (Photo Source: @modiarchive/X) -
स्वदेशी परिधान और हैंडलूम प्रेम
नरेंद्र मोदी हमेशा भारतीय परंपरा और वस्त्रों को बढ़ावा देते आए हैं। कई बार उनकी पोशाकें इस बात को दर्शाती हैं। (Photo Source: @modiarchive/X) -
आपातकाल विरोधी आंदोलन
आपातकाल विरोधी आंदोलनों से मोदी जी ने राजनीतिक सफर की शुरुआत की। महज 25 साल की उम्र में ही मोदी गुजरात लोक संघर्ष समिति के महासचिव बने और युवाओं को एकजुट किया। (Photo Source: @modiarchive/X) -
एनसीसी कैडेट के रूप में युवा मोदी
प्रधानमंत्री बनने से पहले मोदी एनसीसी में सक्रिय थे। उनकी यह तस्वीर उस दौर की है। युवा नरेंद्र मोदी की यह तस्वीर बताती है कि उनका अनुशासन और देशप्रेम बचपन से ही स्पष्ट था। क्या आप इस तस्वीर में उन्हें पहचान सकते हैं? (Photo Source: @modiarchive/X)
(यह भी पढ़ें: अमेरिका, रूस, फ्रांस समेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अब तक दुनिया के इन प्रतिष्ठित अवार्ड से किया जा चुका है सम्मानित)