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रणवीर सिंह, संजय दत्त, अक्षय खन्ना, आर. माधवन और अर्जुन रामपाल स्टारर फिल्म धुरंधर इस वक्त बॉक्स ऑफिस पर जमकर कलेक्शन कर रही है। फिल्म में ल्यारी मोहल्ले का काफी खास महत्व है। फिल्म के अधिकतर हिस्से इसी इलाके के इर्द गिर्द फिल्माए गए हैं। (Photo Source: Arjun Rampal/Insta) इन इस्लामिक देशों में बैन हुई धुरंधर, ये फिल्में भी नहीं हो पाई थीं रिलीज
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ल्यारी में रहमान डकैत की हुकूमत चलती है और इसी में भारतीय जासूस की एंट्री होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कराची के सबसे पुराने मोहल्ले में से एक ल्यारी का नाम कैसे पड़ा और इसका क्या मतलब है। (Photo Source: Arjun Rampal/Insta)
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ल्यारी लंबे समय से बलूच समुदाय का केंद्र रहा है। आज भी यहां बड़ी संख्या में बलूच लोग रहते हैं। यहां तक कि इसे ‘मिनी बलूचिस्तान’ भी कहा जाता है। (Photo Source: Lyari Town/FB and edited by Grok)
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कैसे पड़ा नाम
ल्यारी इलाके का नाम एक नदी से जुड़ा हुआ है। दरअसल, यहां पर पाकिस्तान की सबसे पुरानी नदियों में से एक ल्यारी नदी बहती थी। हालांकि, अब यह नदी नाले में तब्दील हो गई है। इसी नदी के नाम पर इस इलाके का नाम पड़ा। (Photo Source: Pexels) -
इस नदी के किनारे सबसे पहले बस्तियां बसी, नदी के आसपास बसे इलाके को धीरे-धीरे ल्यारी कहा जाने लगा। (Photo Source: Pexels)
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क्या है ल्यारी का अर्थ
ल्यारी शब्द को लेकर कहा जाता है कि यह बलूची या फिर सिंधी भाषा से आया है। इसके अर्थ है बहने वाला पानी या फिर नदी के पास बसी जगह। (Photo Source: Pexels) -
ब्रिटिश शासन के दौरान जब कराची में बंदरगाह बना तब ल्यारी में मजदूरों वर्ग की आबादी बढ़ी। ल्यारी ज्यादातर रेलवे, फैक्ट्रियों और बंदरगाह पर काम करने वाले लोगों का आशियाना बना। भारत से अलग होने के बाद 1947 में जब पाकिस्तान अलग इस्लामिक देश बना तब यहां पर बड़ी संख्या में मोहाजिर भी आए। हालांकि, अब भी यहां पर सबसे अधिक संख्या बलूचों की है। (Photo Source: Pexels)
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फुटबॉल का है हब
ल्यारी को पाकिस्तान का फुटबॉल हब माना जाता है। यहां से कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के फुटबॉलर निकले हैं। सिर्फ फुटबॉल ही नहीं बॉक्सिंग भी यहां का सबसे मशहूर खेल है। मशहूर फुटबॉलर अब्दुल गफूर ल्यारी के रहने वाले थे। उन्हें पाकिस्तानी पेले और ब्लैक पर्ल ऑफ पाकिस्तान कहा जाता था। उनके अलावा मोहम्मद उमर, तुराब अली और अली नवाज बलूच जैसे खिलाड़ी भी ल्यारी से निकलें। (Photo Source: Pexels) जनसत्ता स्पेशल: ‘धुरंधर’ से चर्चा में छाई ल्यारी गैंगवार, असली कहानी फिल्म से ज्यादा खौफनाक