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कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे गुलाम नबी आजाद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। आजाद ने ना सिर्फ पार्टी छोड़ी बल्कि कांग्रेस से निकलने के बाद राहुल गांधी पर निशाना भी साधा। (Express Archive)
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गुलाम नबी आजाद 1970 के दशक में काग्रेस पार्टी से जुड़े थे। वह कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य भी रहे थे। (Express Archive)
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गुलाम नबी आजाद लंबे वक्त से कांग्रेस से नाराज थे। वे कांग्रेस के नाराज नेताओं के जी-23 गुट में भी शामिल थे। जी-23 गुट कांग्रेस में लगातार कई बदलाव की मांग करता रहा है। (Express Archive)
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गुलाम नबी आजाद ने अपने पांच पन्नों के इस्तीफे में राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह गैर जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से जब से पार्टी में राहुल गांधी की एंट्री हुई और खासतौर से 2013 में कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने, तब से उन्होंने पार्टी में बातचीत का पूरा खाका ही ध्वस्त कर दिया है (Express Archive)
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आजाद ने आगे लिखा कि राहुल की लीडरशिप में पार्टी के सभी वरिष्ठ अनुभवी नेताओं को कांग्रेस में पूरी तरह से साइडलाइन कर दिया गया। अनुभवहीन नेता पार्टी के मामले देखने लगे। (Express Archive)
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बकौल गुलाम नबी आजाद राहुल गांधी के आने के बाद से लगातार कांग्रेस को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। 2014 से लेकर अभी तक कांग्रेस दो लोकसभा चुनाव हार चुकी है।(Express Archive)
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बता दें कि आजाद पहली बार 1980 में महाराष्ट्र के वाशिम से लोकसभा चुनाव जीते थे। वह 1990-1996 तक महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद रहे। वह नरसिम्हा राव की सरकार में भी मंत्री रहे। (Express Archive)
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आजाद मनमोहन सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी रहे। 2014 में आजाद को राज्यसभा में विपक्ष का नेता बनाया गया था। 2015 में आजाद को जम्मू कश्मीर से राज्यसभा भेजा गया था। (Express Archive)