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अक्सर हम टीवी या फिर सोशल मीडिया पर यह देखते आ रहे हैं कि आतंकी जब निकलते हैं उन्हें ज्यादातर एक ही कार में देखा जाता है। अधिकतर आतंकी संगठन जापान की मशहूर कार बनाने वाली कंपनी टोयोटा की कार इस्तेमाल करते हैं जो खुली होती है और पीछे पांच-सात आतंकी बैठे हुए नजर आते हैं। आइए जानते हैं आतंकियों के फेवरेट क्यों है टोयोटा की यह कार। (Photo: Indian Express) अफगानिस्तान से क्या-क्या खरीदता है भारत? बेहद महंगी है ये चीज, 10 ग्राम की कीमत 100-150 रुपये
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आगे बढ़ने से पहले बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान सरकार अपने वाहनों के बेड़े में अमेरिकी वाहन को हटाकर टोयोटा की कार शामिल करना चाहती है। बीबीसी के अनुसार अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने नई गाड़ियां खरीदने के लिए टोयोटा मोटर्स से संपर्क किया है। बीबीसी के अनुसार अफगानिस्तान में टोयोटा की स्थानीय डीलरशिप ‘हबीब गुलजार मोटर्स’ के पास है। हालांकि, तालिबान की यह मांग पूरी नहीं हो सकती है। (Photo: Unsplash)
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आतंकियों की पसंदीदा कार
सीरिया में आईएसआई या फिर अन्य आतंकी संगठनों का काफिला जब निकलता है तो अक्सर टोयोटा की हाइलक्स मॉडल या फिर लैंड क्रूजर कार देखने को मिलती है। यह दोनों ही कार आतंकियों की पसंदीदा कार है। (Photo: Indian Express) -
क्यों है पसंदीदा वाहन
टोयोटा के इन दोनों ही वाहनों का इंजन काफी मजबूत होता है। इसके साथ ही इन्हें किसी भी स्थान पर बड़े ही आसानी से ले जाया जा सकता है। पहाड़ी इलाका हो या फिर रेगिस्तान। कच्ची सड़कों से लेकर उबड़-खाबड़ वाली जगहों पर भी इन्हें बड़े ही आसानी से ले जाया जा सकता है। इसके अलावा दूसरा वजह है कि इन दोनों ही वाहनों में ईंधन की खपत काफी कम होती है और इनके स्पेयर पार्ट्स भी बड़े आसानी से मिल जाते हैं। (Photo: Pexels) -
एक और वजह
चरमपंथियों को टोयोटा की यह कार इसलिए भी पसंद आती हैं क्योंकि इसमें कई तरह के हथियार लगाने की भी जगह होती है। (Photo: Pexels) दुनिया के 20 सबसे महंगे शहर, एक भारत का भी, देखें पूरी लिस्ट -
टोयोटा वॉर
सिर्फ इतना ही नहीं साल 1987 में चाड़ और लीबिया के बीच युद्ध भी हुआ था। जिसे टोयोटा वॉर के नाम से जाना जाता है। (Photo: Unsplash) -
क्यों पड़ा ये नाम
इस लड़ाई में चाड़ ने बड़ी संख्या में टोयोटा पिकअप ट्रकों का इस्तेमाल किया था जिस पर मशीन गन और कई बड़े हथियार लगे थे। कम संसाधनों के बाद भी चाड़ के लिए टोयोटा के ये वाहन इतने तेज, हल्के और उपयोगी साबित हुए कि लीबिया को पीछे हटना पड़ा। चाड ने सबसे अधिक टोयोटा हिलक्स और लैंड क्रूजर का इस्तेमाल किया था। (Photo: Unsplash) -
तैनात हो सकते हैं ये हथियार
टोयोटा हिलक्स और लैंड क्रूजर वाहनों पर मशीन गन, एंटी-टैंक मिसाइलें और सैनिक बैठाए जाते थे। तेज गति, कम ईंधन खपत और दुर्गम जगहों पर चलने की क्षमता की वजह से चाड ने भारी और महंगे लीबियाई टैंकों को मात दी। इसी के बाद से इसे टोयोटा वॉर कहा जाने लगा। (Photo: Pexels) -
तालिबान सरकार कौन सा कार इस्तेमाल कर रही है
तालिबान सरकार फिलहाल अमेरिका द्वारा इस्तेमाल करके छोड़ी गई अधिकतर फोर्ड की रेंजर वाहनों का इस्तेमाल कर रहा है जिनका रखरखाव काफी महंगा पड़ रहा है। साथ ही यह वाहनें पुरानी भी हो गई हैं, जिसके चलते अफगानिस्तान की तालिबान सरकार भी अपने बेड़े में टोयोटा की इन दोनों मॉडल्स को शामिल करना चाहता है। (Photo: Unsplash) -
आतंकियों के पास कैसे पहुंचती है यह कार
जिन देशों में टोयोटा का कोई प्रतिनिधि नहीं होता है वहां पर कंपनी गाड़ियां निर्यात नहीं करती है। लेकिन इसके बाद भी इस्लामिक स्टेट या फिर अन्य आतंकी संगठनों के पास इतनी भारी संख्या में टोयोटा की ये दोनों कारें कारें पहुंच जाती हैं। साल 2014 में जब सीरिया और इराक में इस्लामिक स्टेट अपने चरम पर था तब उसे लैंड क्रूजर और हाइलक्स कार का इस्तेमाल करते देखा गया था। जबकि सीरिया में तो टोयोटा अपनी कार ही नहीं भेजती है। दरअसल, सीरिया या फिर अन्य आतंकी संगठनों के पास यह कारें तस्करी होकर पहुंचती हैं। (Photo: Unsplash) -
अफगानिस्तान कहां से मंगाता है सेकंड हैंड कार
अफगानिस्तान में भी बड़ी संख्या में सेकेंड हैंड कार आयात होती हैं जिसमें सबसे अधिक टोयोटा लैंड क्रूजर और हाइलक्स कार होती हैं। पहले से इस्तेमाल किए वाहनों को दुबई और ईरान के रास्ते मंगवाया जाता है। (Photo: Unsplash) दुनिया में किन देशों की सीमाएं सबसे अधिक देशों से लगती हैं, देखें पूरी लिस्ट