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काल किले ब्लास्ट ने पूरे देश को दहला दिया है। राजधानी दिल्ली में इससे पहले इतना बड़ा हमला 14 साल पहले 2011 में दिल्ली हाई कोर्ट पर हुआ था। अब तक आतंकी उन लोगों का इस्तेमाल करते हैं तो जो कम पढ़े लिखे होते थे। लेकिन अब ऐसा लगता है कि आतंक ने नया रूप ले लिया है। अब आतंक प्रतिष्ठित शिक्षित वर्ग में अपनी जड़ें मजबूत कर रहा है। शिक्षा का उपयोग सफेद कोट में काले कारनामों में किया जा रहा है। आइए जानते हैं कैसे: (Photo: PTI) बेहद दर्दनाक हैं लाल किले ब्लास्ट की ये तस्वीरें, 10 प्वाइंट्स में समझें अब तक क्या हुआ?
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पिछले कुछ दिनों में जो कुछ भी हुआ है उसपर अगर एक नजर डालें तो यह कहना गलत नहीं होगा कि आतंकवाद की जड़ें अब शिक्षित वर्ग में मजबूत होने लगी हैं। क्योंकि, जितने लोगों की गिरफ्तारियां हुई हैं उन सब की पहचान प्रतिष्ठित शिक्षित वर्ग से हैं। (Photo: ANI)
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1- एक के बाद एक जुड़ती जा रही डॉक्टर्स की कड़ी लाल किले धमाके से ठीक पहले सोमवार सुबह ही जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद पुलिस ने एक ज्वाइंट ऑपरेशन में दो अलग-अलग घरों से करीब 2,900 किलो आईईडी बनाने वाला केमिकल, हथियार और गोला-बारूद बरामद किया था। पुलिस ने यह कार्रवाई दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठनों में से एक जैश-ए-मोहम्मद और अंसर गजवात-उल-हिंद से जुड़े एक अंतरराज्यीय आतंकी नेटवर्क के भंडाफोड़ के दौरान की। Photo: PTI)
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2- आतंकी हमले का डॉक्टर्स कनेक्शन इस आतंकी हमले में एक डॉक्टर्स कनेक्शन सामने आ रहा है। धमाके के किसी भी कड़ी को पकड़ेंगे तो हर में ऐसा शख्स जरूर जुड़ रहा है जो पेशे से डॉक्टर है। Photo: PTI) फिदायीन हमला है दिल्ली ब्लास्ट? जांच एजेंसियां इन 5 बातों को नजरअंदाज नहीं कर रहीं
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3- डॉक्टर आदिल अहमद इस धमाके से पहले अनंतनाग में जम्मू-कश्मीर ने डॉक्टर आदिल अहमद राठर को गिरफ्तार किया। अहमद राठर अनंतनाग जीएमसी मेडिकल कॉलेज में सीनियर डॉक्टर के पद पर काम करता था। उसके लॉकर से पुलिस को AK-47 जैसी खतरनाक राइफल मिली जिसका इस्तेमाल पुलिस, सेना या फिर अन्य सरकारी एजेंसियां करती कर सकती हैं। राठर का कनेक्शन जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवात-उल-हिंद से जुड़ा हुआ पाया गया। पुलिस ने सबसे पहले डॉक्टर अहमद राठर को ही गिरफ्तार किया था। Photo: PTI)
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4- लेडी डॉक्टर की गिरफ्तारी पुलिस ने दूसरी गिरफ्तारी 7 नवंबर को हरियाणा के फरीदाबाद से की। फरीदाबाद के अल-फलाह यूनिवर्सिटी में कार्यरत लखनऊ की एक महिला डॉक्टर शाहीन शाहिद की कार से पुलिस को ‘कैरोम कॉक’ नाम की एक असॉल्ट राइफल मिली। Photo: PTI)
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5- डॉक्टर अहमद मोहिउद्दीन- रिसिन जहर बनाने की तैयारी सात नवंबर को ही गुजरात एटीएस ने डॉक्टर अहमद मोहिउद्दीन सैयद को गिरफ्तार किया जो हैदराबाद का रहने वाला है और इसने चीन से MBBS की डिग्री हासिल की है। जांच में पता चला कि डॉक्टर अहमद मोहिउद्दीन ‘रिसिन’ नाम के बेहद खतरनाक जहर की तैयारी कर रहा था। इसके जरिए बड़े पैमाने पर हत्या की साजिश रच रहा था। रिसिन नामक जहर अरंडी के बीजों से बनता है। डॉक्टर अहमद मोहियुद्दीन सैयद ने लखनऊ के आरएसएस कार्यालय, अहमदाबाद के फ्रूट मार्केट और दिल्ली के आजादपुर मंडी जैसी भीड़ भाड़ वाली जगहों की कई महीनों तक रेकी की थी। Photo: PTI)
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6- डॉक्टर मुझमिल पुलिस ने इस ऑपरेशन के दौरान 10 नवंबर यानी सबसे अहम और चौथी गिरफ्तारी फरीदाबाद से डॉक्टर मुझमिल शकील की हुई जो कश्मीर का डॉक्टर था। वह भी अल-फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ता था। उसके पास से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट मिला जो बम बनाने में इस्तेमाल होता है। वहीं, इसके ही दूसरे ठिकाने से 2563 किलो विस्फोटक बरामद किया गया। फरीदाबाद पुलिस के अनुसार शकील का संबंध जैश जैसे प्रतिबंधित संगठनों से है जो श्रीनगर में आतंकी पोस्टर लगाने में शामिल रहा है। अनंतनाग में पकड़े गए आदील अहमद राठर से मिली जानकारी के बाद उसकी गिरफ्तारी हुई। (Photo: ANI)
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7- डॉक्टर उमर मोहम्मद दिल्ली में लाल किले के पास हुए धमाके में डॉक्टर उमर मोहम्मद का नाम सामने आ रहा है जो पुलवामा का रहने वाला है और उसी के नाम पर आई-20 कार थी। जांच एजेंसियां यह पता करने में जुटी हुई हैं कि धमाके के दौरान कार में डॉक्टर उमर मोहम्मद ही मौजूद था या फिर कोई अन्य आतंकी। Photo: PTI)
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कई और प्रतिष्ठित डॉक्टर्स की गिरफ्तारी इसके अलावा भी पुलिस ने कई और गिरफ्तारियां की हैं जो पेशे से डॉक्टर हैं या फिर शिक्षक। कुछ मौलवियों को भी गिरफ्तार किया गया है। ऐसे में देखा जाए तो जितने भी अब तक पकड़े गए हैं वह डॉक्टर और शिक्षक हैं जो यह साबित करता है कि आतंक अब प्रतिष्ठित क्षेत्रों में अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। आतंक अब शिक्षा का इस्तेमाल सफेद कोट की आड़ में काले कारनामों के लिए कर रहा है। यह सोचने वाली बात है कि पहले कम पढ़े लिखे या अशिक्षित लोगों का ब्रेनवाश कर आतंकी आका आतंकवाद के रास्ते में ढकेलते थे। लेकिन अब तो एक प्रतिष्ठित वर्ग भी इसमें लिप्त होता नजर आ रहा है। आतंक के इस बदलते चेहरे से सिर्फ भारतीय जांच एजेंसियों को ही नहीं बल्कि अन्य देशों को भी सतर्क होने की जरूरत है। क्योंकि, आतंक सिर्फ भारत नहीं बल्कि कई और देशों के लिए सिरदर्द बना हुआ है। Photo: PTI) कई टीमें, 100 सीसीटीवी कैमरे, एक i20: पुलिस ने दिल्ली में घुसने वाली कार को कैसे किया ट्रैक