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उत्तर भारत के कुछ राज्यों में भीषण गर्मी थमने का नाम नहीं ले रही है। दिल्ली में तो जैसे आसमान आग उगल रहा है। गर्मी के अलावा दिल्ली के लोगों को पानी और बिजली की कमी का भी सामना करना पड़ रहा है। बढ़ते तापमान के साथ-साथ लाखों लोग पानी के लिए भी तरस रहे हैं।
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लगातार बढ़ते जल संकट के कारण दिल्ली के कई इलाके पानी की भारी किल्लत से जूझ रहे हैं। बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे कुछ इलाके टैंकरों से सप्लाई होने वाले पानी पर निर्भर हैं। टैंकर से पानी लेने के लिए लोगों में होड़ मची हुई है।
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यह तस्वीर दिल्ली में पानी के लिए जूझते लोगों को दिखाती है। लोग पानी के टैंकरों की लाइन में घंटों खड़े रहने को मजबूर हैं। दिल्ली में पानी की किल्लत को लेकर राजनीति भी जमकर हो रही है। दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार जहां इस संकट के लिए हरियाणा को जिम्मेदार ठहरा रही है।
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वहीं बीजेपी का कहना है कि आम आदमी पार्टी सरकार जानबूझकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए इस संकट को बढ़ा रही है, ताकि टैंकर माफिया को बढ़ावा देकर वे भ्रष्टाचार के पैसे से अपनी जेब भर सकें।
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जल संकट के मुद्दे पर बुधवार 12 जून को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने टैंकर माफिया के मामले में दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि अगर दिल्ली सरकार टैंकर माफिया के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती तो हम दिल्ली पुलिस को निर्देश दे सकते हैं।
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इसके बाद दिल्ली सरकार ने अपने जवाबी हलफनामे में कहा कि वह टैंकर माफिया के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती क्योंकि टैंकर माफिया हरियाणा से ऑपरेट होते हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई करना हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
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बता दें, दिल्ली के पास अपना कोई जल स्रोत नहीं है। पानी के लिए यह पड़ोसी राज्यों पर निर्भर है। दिल्ली में पानी की जरूरत हरियाणा सरकार यमुना नदी से, उत्तर प्रदेश सरकार गंगा नदी से और पंजाब सरकार भाखड़ा नांगल बांध के पानी से पूरी करती है।
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ऐसे में कोर्ट ने हिमाचल सरकार को दिल्ली के लिए अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्देश दिया था। लेकिन हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार कहा कहना है कि उनके पास अतिरिक्त पानी नहीं है।
(Photos Source: PTI)
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