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अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आज केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली को नया मुख्यमंत्री मिल गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता आतिशी को दिल्ली का नेतृत्व करने के लिए शपथ दिलाई गई। दिल्ली के राजभवन में आतिशी ने आज 5 कैबिनेट मंत्रियों के साथ शपथ ली। (ANI Photo)
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लेफ्टिनेंट जनरल विनय कुमार सक्सेना ने आतिशी को उनके नए मंत्रियों की टीम के साथ शपथ दिलाई। इसी के साथ आतिशी दिल्ली की तीसरी और सबसे कम उम्र की महिला मुख्यमंत्री बन गई हैं। (PTI Photo)
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दिल्ली की राजनीति में एक प्रभावशाली नेता के रूप में उभरने वाली आतिशी ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। आतिशी का राजनीतिक सफर और उनकी नीतियों के बारे में तो लोग अक्सर चर्चा करते हैं, लेकिन उनके नाम के पीछे की कहानी भी उतनी ही चर्चा में रहती है। (PTI Photo)
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बता दें, आतिशी का पूरा नाम आतिशी मार्लेना सिंह है। 2018 के चुनाव से ठीक पहले आतिशी ने मिडिल और सरनेम को दैनिक उपयोग से हटा दिया था। उनके मिडिल नेम के पीछे एक दिलचस्प कहानी छिपी है। (PTI Photo)
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दरअसल, ‘मार्लेना’ शब्द दो महान विचारकों के नामों से मिलकर बना है—कार्ल मार्क्स और व्लादिमीर लेनिन। कार्ल मार्क्स जर्मन दार्शनिक और लेनिन रूसी क्रांतिकारी और राजनीतिक सिद्धांतकार थे। (PTI Photo)
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मार्क्स और लेनिन, दोनों ने अपने विचारों और आंदोलनों से मजदूर वर्ग की आवाज़ उठाने और समाज में पूंजीपतियों के शोषण का विरोध करने में अहम भूमिका निभाई थी। (PTI Photo)
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आतिशी के माता-पिता तृप्ता वाही और विजय सिंह दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रहे हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो तृप्ता वाही और विजय सिंह और वामपंथी विचारधारा से प्रभावित थे। (PTI Photo)
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इस वामपंथी विचारधारा के कारण ही उन्होंने अपनी बेटी का मिडिल नेम ‘मार्लेना’ रखा, जो मार्क्स और लेनिन के नामों का मिश्रण है। हालांकि, आतिशी ने अपने नाम से ‘मार्लेना’ शब्द को हटा दिया है। (PTI Photo)
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आतिशी के इस फैसले के पीछे सोच यह थी कि वह चाहती थीं कि लोग उनकी जाति या पारिवारिक पृष्ठभूमि के बजाय उनके काम पर ध्यान दें। वह नहीं चाहती थीं कि उनके राजनीतिक करियर में उनके नाम को लेकर कोई भ्रम पैदा हो। वह चाहती थीं कि लोग उनके काम पर ध्यान दें न कि उनके वंश पर। (PTI Photo)
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