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आचार्य चाणक्य प्राचीन भारत के महान विद्वानों में से एक थे। उनके द्वारा लिखी गई नीति शास्त्र में जीवन के हर पहलू का उल्लेख है जिसे उन्होंने बेहद सरल तरीके से समझाया है। (Photo: ChatGPT) सांप से भी खतरनाक होते हैं ऐसे लोग, आचार्य चाणक्य से जानें किन 7 लोगों से दूर रहना चाहिए
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वर्तमान जीवन में अगर चाणक्य नीति में लिखी गई बातों को अमल कर लें तो कई चीजें आसान हो सकती हैं। चाणक्य नीति में पेरेंटिंग को लेकर भी कई बातें बताई गई हैं। (Photo: Freepik)
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बच्चों को बचपन से ही ऐसे गुण देने चाहिए जो उनके भविष्य को बेहतर बनाए। बच्चों के लिए सबसे पहले शिक्षक उनके माता-पिता होते हैं। (Photo: Unsplash)
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चाणक्य नीति के अनुसार हर माता-पिता को अपने बच्चों के साथ उम्र के अनुसार व्यवहार करना चाहिए। आइए जानते हैं: (Photo: Freepik)
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1- चाणक्य नीति के अनुसार पांच वर्ष तक के बच्चे को खूब लाड़ प्यार से पालन करना चाहिए। लेकिन इसके बाद माता-पिता को थोड़ा ध्यान देने की आवश्यकता है। (Photo: Pexels)
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2- पांच वर्ष से लेकर 10 साल तक की उम्र में बच्चा जब कोई गलती करे तो उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इस उम्र तक बच्चों को उनकी गलतियों पर माता-पिता को डांटना चाहिए। (Photo: Unsplash)
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3- चाणक्य नीति के अनुसार बच्चा जब 16 वर्ष का हो जाए तो माता-पिता को उसके साथ एक मित्र की तरह व्यवहार करना चाहिए। दरअसल, इस उम्र में बच्चे के ऊपर थोड़ा अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है। मारने और डांटने से बच्चे कई बातों को छिपाने लगते हैं जिससे उनके भविष्य पर असर पड़ सकता है। (Photo: Pexels)
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4- चाणक्य नीति के अनुसार अधिक लाड़ प्यार से बच्चों में गलत आदतें पड़ती हैं, उन्हें कड़ी शिक्षा देने से वे अच्छी आदतें सीखते हैं। इसलिए अगर जरूरत पड़े तो बच्चों को दंडित करने में संकोच नहीं करना चाहिए। (Photo: Unsplash)
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5- इसके साथ ही चाणक्य नीति में बताया गया है कि जो माता-पिता अपने बच्चों को शिक्षा नहीं देते हैं वो उन बच्चों के शत्रु के समान हैं। क्योंकि, विद्याहीन बालक विद्वानों की सभा में वैसे ही तिरस्कृत किए जाते हैं जैसे हंसों की सभा में बगुले। (Photo: Unsplash) चाणक्य नीति से जानें पेरेंटिंग का सही नियम, हर माता-पिता को करना चाहिए ऐसा