बच्चे का भविष्य कैसा होगा, वो आगे चलकर किन रास्तों पर चलेगा इसमें माता-पिता की परवरिश अहम भूमिका निभाती है।
काफी बच्चे ऐसे होते हैं जो बड़े होने के बाद गलत रास्ते पर चल पड़ते हैं लेकिन जब तक उन्हें समझ आता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
बचपन में सही पेरेटिंग बेहद जरूरी है वरना बच्चे के गलत कार्यों का खामियाजा माता-पिता को भी भुगतना पड़ता है।
आचार्य चाणक्य द्वारा लिखी गई नीति शास्त्र में सही पेरेंटिंग के नियम बताए गए हैं जिसके जरिए आप अपने बच्चे का भविष्य उज्वल बना सकते हैं।
चाणक्य नीति के अनुसार पांच वर्ष तक बच्चे को खूब लाड़ और प्यार करना चाहिए।
बच्चा जब 10 वर्ष का हो जाए तो माता-पिता को उसकी गलतियों को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। जब भी वो गलती करे तो उसे जरूर डांटना चाहिए।
चाणक्य नीति के अनुसार बच्चा जब 16 वर्ष का हो जाए तो माता-पिता को उसके साथ एक मित्र के समान व्यवहार करना चाहिए।
अगर आपने पेरेंटिंग का ये नियम अपना लिया तो आने वाले समय में बच्चे आपके नाम को रोशन कर सकते हैं।