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कांशीराम (Kanshi Ram) के कई रत्न यानी राजनेता बसपा को खड़ा करने में अपना योगदान दिए थे, लेकिन मायावती (Mayawati) के सत्ता की बागडोर संभालते ही इन रत्नों की उलटी गिनती शुरू हो गई थी। पिछले 14 सालों में कांशीराम के कई रत्न या तो पार्टी छोड़ दिए या उन्हें निकाल दिया गया। इसमें से कई तो मायावती के चहेते थे और जब विरोधी पार्टियां हावी थीं तो ये ढाल बनकर मायावती के साथ खड़े थे।
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2007 में जब प्रदेश में बसपा की बहुमत की सरकार बनी थी, तब मायावती ने जितने विधायकों को कैबिनेट मंत्री बनाया था, उनमें से आज एक्का-दुक्का ही आज बसपा के साथ खड़े हैं। इसे भी पढ़ें- मायावती के भतीजे ने पहना था 70 हजार का जूता!
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पिछले 14 सालों में बसपा सुप्रीमो पार्टी के कई दिग्गजों को बाहर का रास्ता दिखा चुकी हैं। इनमें कई ऐसे भी नाम हैं, जिन्हें एक समय मायावती का सबसे करीबी नेता माना जाता था। इनमें लालजी वर्मा (Lalji Verma) और राम अचल राजभर (Ram Achal Rajbhar) सबसे खास थे।
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2012 में उनकी सरकार सत्ता से चली जाने के बाद भी बसपा सुप्रीमो की पार्टी से विधायकों को निष्कासन जारी रहा था। 14 सालों में बसपा 206 विधायकों से महज 4 विधायकों पर चुकी है। इसे भी पढ़ें- जब मायावती का सैंडल लेने लखनऊ से मुंबई गया था प्लेन
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2007 में 206 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने वाली मायावती ने नकुल दुबे, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, लालजी वर्मा, रामवीर उपाध्याय, ठाकुर जयवीर सिंह, सुधीर गोयल, स्वामी प्रसाद मौर्य, वेदराम भाटी, चौधरी लक्ष्मी नारायण, राकेश धर त्रिपाठी, बाबू सिंह कुशवाहा, फागू चौहान, दद्दू प्रसाद, राम प्रसाद चौधरी, धर्म सिंह सैनी, राम अचल राजभर, सुखदेव राजभर और इंद्रजीत सरोज शामिल थे। इसमें से कई कांशीराम के रत्नों में गिने जाते थे।
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14 साल में केवल अअब नकुल दुबे और सुधीर गोयल ही मायावती के साथ खड़े हैं। इसमें से नकुल ही सक्रिय हैं। क्योंकि सुधीर गोयल काफी बुजुर्ग हो गए हैं। इसे भी पढ़ें- मायावती के साथ साए की तरह रहने वाला जानिए ये युवा है कौन?
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बसपा से निकले करीब 15 नेताओं ने तो दूसरी पार्टियों का दामन थाम लिया वहीं, कुछ निर्दलीय ही राजनीति कर रहे हैं। ज्यादातर ने बीजेपी का हाथ थामा है। कुछ सपा में चले गए। इसे भी पढ़ें- जब संसद में मायावती चिल्लाकर बोली थीं, आरिफ लाल बटन ही दबाना
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दिवंगत कांशीराम के साथ रहे ओमप्रकाश राजभर, सोनेलाल पटेल, आरके चौधरी और मसूद अहमद भी पार्टी छोड़ चुके हैं। असलम रायनी को भी मायावती ने पिछले साल नवंबर में पार्टी से निकाल दिया था। Photos: PTI
