-
एक उम्र के बाद खानपान और लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करना जरूरी हो जाता है। 50 की उम्र में कुछ ज्यादा ही ध्यान देने की जरूरत होती है। इस उम्र के लोग अपने चलने के तरीके में थोड़ा सा बदलाव कर स्टैमिना को मजबूत कर सकते हैं। (Photo: Freepik) इन सात आदतों की मदद से बिना जिम गए 21 दिन में घटा सकते हैं वजन
-
50 साल की उम्र के बाद शरीर को एक्टिव रखने का इनडोर वॉकिंग एक सुरक्षित और व्यावहारिक तरीका है। चलने का अगर सही पैटर्न हो तो इससे शरीर को कई सारे लाभ मिलते हैं। आइए जानते हैं। (Photo: Unsplash)
-
फिगर-एट वॉक (आठ की आकृति में चलना)
आठ की आकृति में चलने पर शरीर को बार-बार दिशा बदलने पर मजबूर करना पड़ता है जिससे पैर और कोर यानी पेट और पीठ के आसपास की मांसपेशियां एक्टिव रहती हैं। यह छोटे-छोटे मोड़ हिप्स और लोअर बैक की स्टेबिलिटी को भी बेहतर बनाते हैं। घर में किसी 10-15 मिनट रोज अभ्यास कर सकते हैं। इसे नियमित करने से धीरे-धीरे स्टेमिना भी बढ़ता है। (Photo: Freepik) -
लैडर स्टेप वॉक (सीढ़ीनुमा चाल)
जिस तरह सीढ़ी चढ़ते हैं वैसे ही छोटे-छोटे तेज कदम आगे बढ़ाएं और फिर धीरे-धीरे पीछे लौटें। यह आगे-पीछे का अभ्यास दिल और दिमाग दोनों को अलर्ट रखता है। साथ ही इससे सहनशक्ति बढ़ती है और शरीर फुर्तीला रहता है। (Photo: Freepik) 9 दिन व्रत के तीन चरण, साइंस के अनुसार तीसरा हो सकता है खतरनाक -
डायगोनल क्रॉसवॉक (तिरछी चाल)
कमरे के एक कोने से दूसरे कोने की ओर तिरछा चलते हुए लंबा-लंबा कदम डालें। इस दौरान गहरी सांस लें जिससे फेफड़ों को मजबूती मिलेगी। साथ ही शरीर का हल्का सा मरोड़ पेट के किनारे की मांसपेशियों को एक्टिव रखना है। इससे स्टैमिना और लचक दोनों बढ़ते हैं। (Photo: Freepik) -
सर्कल लूप्स विद स्पीड बर्स्ट (गोल घेरा और तेज कदम)
गोल घेरा बनाकर कुछ चक्कर के बाद तेज कदमों के चलने से हार्ट हेल्दी रहता है और फेफड़े मजबूत होते हैं। (Photo: Pexels) -
स्टेप-एंड-पॉज वॉक (रुक-रुक कर चलना)
चार–पांच कदम चलें और फिर कुछ सेकंड के लिए रुकें फिर आगे बढ़ें। यह छोटी सी रुकावट शरीर को बार-बार मूवमेंट शुरू करने के लिए मजबूर करती है। इससे मांसपेशियों की सहनशक्ति बढ़ती है और शरीर अचानक रुकने या रुक कर आगे बढ़ने की आदत डाल लेता है। (Photo: Freepik) कैसे बनता है साबूदाना? खाने से शरीर को कौन-कौन से फायदे मिलते हैं