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अच्छी सेहत का मतलब सिर्फ पौष्टिक खाना खाना नहीं है, बल्कि यह भी मायने रखता है कि वह खाना किस बर्तन में और कैसे पकाया गया है। आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान, दोनों ही इस बात पर जोर देते हैं कि रसोई में इस्तेमाल होने वाले बर्तन हमारे स्वास्थ्य पर सीधा असर डालते हैं। (Photo Source: Unsplash)
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हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, सही बर्तनों में पकाया गया भोजन न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि शरीर के लिए ज्यादा लाभकारी भी होता है। (Photo Source: Pexels)
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आयुर्वेद क्या कहता है?
आयुर्वेद का सिद्धांत बहुत स्पष्ट है, प्राकृतिक चीजें शरीर के लिए सबसे अनुकूल होती हैं। आयुर्वेद मानता है कि सही बर्तनों में बना खाना ‘जीवंत’ रहता है, यानी उसमें ऊर्जा बनी रहती है और वह आसानी से पच जाता है। यही वजह है कि प्राचीन काल में मिट्टी, तांबा और लोहे जैसे प्राकृतिक बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता था। (Photo Source: Pexels) -
मिट्टी के बर्तन
मिट्टी के बर्तन भोजन को धीमी आंच पर पकाते हैं। यह प्रक्रिया भोजन के पोषक तत्वों को सुरक्षित रखती है और उसका स्वाद भी बढ़ाती है। साथ ही, मिट्टी के बर्तन खाने के pH लेवल को संतुलित रखते हैं, जिससे पाचन बेहतर होता है। (Photo Source: Pexels) -
लोहे के बर्तन
कास्ट आयरन या लोहे के बर्तनों में खाना पकाने से भोजन में प्राकृतिक रूप से आयरन की मात्रा बढ़ जाती है। यह खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जिन्हें आयरन की कमी या एनीमिया की समस्या रहती है। लोहे के बर्तन डाइजेस्टिव सिस्टम और ब्लड हेल्थ के लिए भी लाभकारी माने जाते हैं। (Photo Source: Unsplash) -
तांबे के बर्तन
तांबे के बर्तनों में रखा पानी प्राकृतिक रूप से शुद्ध हो जाता है। तांबा एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है, जो पानी में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करता है। आयुर्वेद के अनुसार, तांबे का पानी इम्युनिटी बढ़ाने और पाचन सुधारने में सहायक होता है। (Photo Source: Unsplash) -
स्टेनलेस स्टील
आधुनिक रसोई में स्टेनलेस स्टील सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। यह मजबूत, टिकाऊ और सेहत के लिए सुरक्षित होता है। सबसे अहम बात यह है कि स्टेनलेस स्टील भोजन के साथ कोई रासायनिक प्रतिक्रिया नहीं करता, जिससे यह पेट और आंतों के लिए नुकसानदायक नहीं होता। (Photo Source: Unsplash) -
नॉन-स्टिक पैन को कहें अलविदा
आजकल नॉन-स्टिक पैन का चलन तेजी से बढ़ा है, लेकिन विशेषज्ञ इनके ज्यादा इस्तेमाल से बचने की सलाह देते हैं। तेज आंच या खरोंच लगने पर नॉन-स्टिक कोटिंग से हानिकारक रसायन निकल सकते हैं, जो खाने में मिलकर सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। (Photo Source: Unsplash) -
विज्ञान भी करता है समर्थन
आधुनिक विज्ञान भी इस बात को मानता है कि नेचुरल बर्तन भोजन को समान रूप से गर्म करते हैं और पोषक तत्वों को नष्ट होने से बचाते हैं। इन बर्तनों में पकाया गया खाना न केवल ज्यादा स्वादिष्ट होता है, बल्कि पाचन को सुधारता है और शरीर के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। (Photo Source: Pexels)
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