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अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से लेकर मायावती (Mayawati) और प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) से योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) तक ने चुनावों के मद्देनजर रैली, गोष्ठी और जनसंपर्क का कार्य शुरू कर दिए हैं। कोई इत्र तो कोई जाति, विकास और जेंडर बेस पर चुनाव की लड़ने की तैयारी कर रह है। तो चलिए जानें कि किस दल कि क्या तैयारी है।
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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी यूपी के चुनावी जंग में वैसे तो कई वादे किए हैं, लेकिन महिला वोटरों पर सबसे पहले निशाना साधा है। प्रियंका ने 40 फीसदी टिकट महिलाओं को देने का ऐलान भी किया है।
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प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर महिलाओं के लिए अलग से घोषणापत्र जारी किया है, जिसमें उन्होंने छात्राओं को स्मार्टफोन और स्कूटी, बुजुर्ग-विधवाओं को हर महीने दस हजार रुपये पेंशन देने तक का वादा किया है।
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यूपी में बसपा के गिरते ग्राफ को दोबारा चढ़ाने के लिए मायावती ने भी कमर कस ली है। सबसे पहले मायावती ने ब्राह्मण सम्मेलन कर यूपी के ब्रह्मणों को रिझाने और टिकट देने का वादा किया है।
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मायावती ने कहा था कि 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा की सरकार बनने पर उनका फोकस मूर्तियां और संग्रहालय बनाने के बजाय
गरीब और बेरोजगार नौजवानों को रोटी-रोजी देना होगा। -
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव विकास के मुद्दे पर ही चुनाव लड़ते रहे हैं। इस बार भी वह किसान से लेकर अस्पताल, गरीब और रोजगार पर ही फोकस है।
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हालांकि, समाजवादी इत्र लांच कर अखिलेश यादव ने एक और ऐलान कर दिया है। उनका कहना है कि उनका ये इत्र 2022 में नफरत को खत्म कर देगा। सपा के इस इत्र में कश्मीर से कन्याकुमारी तक के 22 प्राकृतिक तत्वों का उपयोग किया गया है।
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योगी बीजेपी सरकार की पिछले पांच साल की उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच जाने लगे हैं।
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भाजपा विधानसभा चुनाव में योगी सरकार के साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में हुए कानून व्यवस्था में सुधार को मुख्य मुद्दा बनाने जा रही है। Photos: PTI