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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को विनिर्माण उद्योगों का सशक्त केंद्र बनाने की अपनी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना का आरंभ करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वायदा किया कि वह सुगम और प्रभावी सरकार देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि देश उच्च आर्थिक वृद्धि प्राप्त कर सके और रोजगार के अवसर बढ़ सकें।
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‘मेक इन इंडिया’ (भारत में बनाओ) अभियान की शुरूआत करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार देश में मजबूत भौतिक बुनियादी ढांचा खड़ा करने के साथ-साथ डिजिटल नेटवर्क भी खड़ा करने पर ध्यान देगी, ताकि भारत कार से लेकर साफ्टवेयर, उपग्रह से लेकर पनडुब्बी और कागज से लेकर बिजली तक के विनिर्माण का विश्वस्तरीय केंद्र बन सके।
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प्रधानमंत्री ने मेक इन इंडिया अभियान के उद्घाटन समारोह में कहा, ‘‘मैं सिर्फ अच्छे राजकाज की बात नहीं करता हूं। मैं प्रभावी और सरल व्यवस्था की बात करता हूं।’’ समारोह में सायरस मिस्त्री, मुकेश अंबानी, अजीम प्रेमजी, कुमार मंगलम बिड़ला, चंदा कोचर और वाय सी देवेश्वर समेत वरिष्ठ उद्योगपति और कारोबार जगत की अन्य बड़ी हस्तियां शामिल थीं।
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प्रधानमंत्री ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों का निवेश के लिए आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार न सिर्फ ‘पूर्व की ओर देखो’ की नीति बल्कि ‘पश्चिम को जोड़ो’ की नीति भी अपना रही है।
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मोदी ने कहा ‘‘हम राजमार्ग चाहते हैं। हम डिजिटल इंडिया के लिए सूचना मार्ग भी चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा ‘‘ मेक इन इंडिया नारा नहीं है, आमंत्रण नहीं है। ’’ पिछले दो-तीन साल के हालात का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कंपनियां देश से बाहर जाने पर विचार कर रही थीं। उन्होंने कहा कि राजग की तीन महीने की सरकार ने देश में कारोबार की प्रक्रिया आसान बनाने पर ध्यान देकर इस रच्च्झान को बदला है।
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उन्होंने सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण की भागीदारी बढ़ाने के लिए सार्व जनिक निजी भागीदारी और कौशल विकास पर जोर देते हुए कहा ‘‘सरकार विकास के प्रति प्रतिबद्ध है। यह राजनीति नहीं बल्कि आस्था का सवाल है।’’
