-
चेन्नई सुपर किंग्स फाइनल में छठे प्रवेश को यादगार नहीं बना सकी। कोलकाता के ईडन गाडर्न मैदान पर रविवार को न तो महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी का कमाल देखने को मिला और न ही उनके गेंदबाज लय में दिखे। बल्लेबाजों ने भी मायूस किया। न्यूजीलैंड के तेज-तर्रार बल्लेबाज ब्रैंडन मैकुलम के जाने के बाद चेन्नई की बल्लेबाजी की धार कुंद हुई थी। फाइनल में यह दिखाई भी दिया। टास जरूर धोनी ने जीता लेकिन इसके बाद कुछ भी चेन्नई के पक्ष में नहीं गया। (फोटो: पार्थ पॉल)
-
मुंबई इंडियंस ने पहले ओवर में पार्थिव पटेल का विकेट गंवा दिया। लेकिन इसके बाद लिंडल सिमंस और रोहित शर्मा ने धुआंदार बल्लेबाजी की। दोनों ने दूसरे विकेट के लिए शतकीय साझेदारी (119 रन) कर टीम के लिए बड़े स्कोर की नींव रखी। दोनों ने चेन्नई के धुरंधर गेंदबाजों की जमकर धुनाई की। रविवार को न नेहरा ने चमक बिखेरी और न ही अश्विन के स्पिन का जादू चला। रवींद्र जडेजा, पवन नेगी, मोहित शर्मा भी पिटे। (फोटो: पार्थ पॉल)
-
धोनी ने गेंदबाजी में लगातार बदलाव किया लेकिन उनके गेंदबाज रन रोक पाने में नाकाम रहे। पहले रोहित और सिमंस ने धुनाई की तो बाद के ओवरों में कीरोन पोलार्ड और अंबाती रायुडू ने रही सही कसर पूरी कर दी। दोनों ने कुछ बेहतरीन शाट लगाए और टीम के स्कोर को 202 के पार पहुंचाया। मुंबई ने इस दौरान पांच विकेट गंवाए। लेकिन उनके लिए अच्छी बात यह रही कि आइपीएल के इस सत्र में अपना दूसरा सबसे बेहतरीन स्कोर खड़ा किया। (फोटो: पार्थ पॉल)
-
चेन्नई के गेंदबाज आइपीएल के इस सबसे बड़े मैच में अपने लय में नहीं दिखे। इस सत्र में आशीष नेहरा और ड्वेन ब्रावो सबसे सफल गेंदबाजों में रहे हैं। लेकिन रविवार को दोनों अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर सके। नेहरा ने चार ओवरों में बिना कोई विकेट लिए 41 रन लुटाए तो ब्रावो ने 36रन। ब्रावो को दो विकेट जरूर मिले। लेकिन कोई भी गेंदबाज प्रभावी गेंदबाजी नहीं कर सका। (फोटो: पार्थ पॉल)
-
बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए चेन्नई की टीम शुरू से ही दबाव में दिखी। रन उस रफ्तार से नहीं बन रहे थे, जिसकी जरूरत थी। माइकल हसी 22 रन पर पैवेलियन लौटे तो ड्वेन स्मिथ और सुरेश रैना ने टीम की पारी को संभालने की कोशिश की। दोनों ने कुछ अच्छे शाट भी लगाए। लेकिन रन रेट कभी भी लक्ष्य के आसपास नहीं दिखा। हाफ सेंचुरी बनाने के बाद स्मिथ ने लंबे शाट खेलने की कोशिश की लेकिन उनके आउट होने के बाद विकटों का पतझड़ शुरू हो गया। (फोटो: पार्थ पॉल)
-
कप्तान धोनी ऊपर आए लेकिन वे भी कोई कमाल नहीं दिखा सके। मुंबई के गेंदबाजों ने अनुशासित गेंदबाजी की और चेन्नई के बल्लेबाजों को रन बनाने से रोके रखा। मलिंगा और मैकलेनाघन ने अपने कोटे के चार ओवरों में महज 25 रन दिए। मलिंगा ने 25 रन देकर दो विकेट लिए तो मैकलेनाघन ने 25 रन देकर तीन विकेट चटकाए। भारतीय टैस्ट टीम में जगह बनाने वाले हरभजन सिंह ने 34 रन देकर दो विकेट झटके। चेन्नई के कोटे के बीस ओवर पूरे हुए तो उसने आठ विकेट खो कर 161 रन ही बोर्ड पर टांगे थे। इस तरह मुंबई ने उसे 41 रन से हरा कर आइपीएल के आठवें सत्र का खिताब जीता। (फोटो: पार्थ पॉल)
-
शुरुआती पांच मैच हार कर आलोचनाओं में घिरी मुंबई ने बाद में बेहतरीन प्रदर्शन कर न सिर्फ फाइनल में जगह बनाई बल्कि चैंपियन भी बनी। फाइनल में तीसरी बार पहुंची मुंबई की यह दूसरी खिताबी जीत है। इससे पहले भी उसने फाइनल में चेन्नई सुपरकिंग्स को हरा कर ही चैंपियनशिप जीती थी। (फोटो: पार्थ पॉल)