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ऋचा चड्ढा (Richa Chadha) की फिल्म ‘मैडम चीफ मिनिस्टर’ (Madam Chief Minister) को लेकर इन दिनों सपा और बसपा में हंगामा बरपा हुआ है। मुलायम सिंह यादव के समर्थक और बसपा सुप्रीमो मायावती के समर्थक फिल्म का विरोध कर रहे हैं। तो क्या सच में ये फिल्म मायावती के जीवन पर आधारित है? चलिए जानें कि इस फिल्म में कितना सच और कितना फसाना।
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‘मैडम चीफ मिनिस्टर’ का ट्रेलर हाल ही में रिलीज हु और उसकी लीड एक्ट्रेस मायावती के गेटअप में नजर आईं। फिल्म की कहानी भी दलितों के संघर्ष पर केंद्रित है। पोस्टर को देखकर बसपा में विरोध शुरू हो गया।
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जब फिल्म का ट्रेलर लॉन्च हुआ तो सपा में भी इसका विरोध शुरू हो गया। फिल्म के पोस्टर और ट्रेलर को लेकर ही फिल्म विवादों में घिर गई है। लेकिन क्या ये सच में सपा-बसपा गेस्ट हाउस कांड और मायावती की जीवन पर बनी है? .
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ये फिल्म मायावती और कांशीराम के दलित से प्रेरित जरूर है और इसके करेक्टर का रोल और गेटअप भी इनसे मिलता जुलता है, लेकिन ये फिल्म मायावती के जीवन से बिलकुल अलग है।
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क्योंकि फिल्म दलित संघर्ष से जुड़ी एक महिला यानी रिचा चड्ढा पर केंद्रित है, इसलिए इसे मायावती से जोड़ा जा रहा है और बसपा समर्थकों का कहना है कि मायावती पढ़ी-लिखी, लॉ ग्रेजुएट हैं और रिचा ने फिल्म के पोस्टर में झाडू़ पकड़ा है। ये मायावती का अपमान है।
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ऐमज़ॉन प्राइम वीडियो पर सुभाष कपूर कि इस फिल्म में सौरभ शुक्ला कांशीराम से मिलते-जुलते नजर आए हैं। फिल्म में काफी कुछ मायावती के जीवन के अंश को काल्पनिकता के साथ जोड़ा गया है।
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फिल्म में गेस्टहाउस कांड का भी अंश है और इसे तोड़ मरोड़ कर पेश किए जाने से सपा नाराज है।
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बता दें कि इस फिल्म में रिचा के राजनैतिक सफर में आने का जो किस्सा है, वह मायावती के जीवन से बिलकुल मैच नहीं करता।
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मायावती के राजनैतिक जीवन में आना महज एक संयोग था और कांशीराम की प्रेरणा थी। मायावती केवल दलित उत्थान के लिए राजनीति में आने की बात करती रही हैं।
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जबकि फिल्म में रिचा का ऊंची जाति के लड़के से प्रेम और प्रेग्नेंसी से जुड़े होने के बाद राजनीति में आने का किस्सा है।
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कुल मिलाकर ये फिल्म काल्पिकता पर आधारित है, बस इसमें राजनैतिक किरदारों के गेटअप का टच और उनके जीवन के कुछ महत्वपूर्ण हिस्सों को कल्पनिक रंग दिया गया है। (All Photos: Social Media)