UP CM Yogi Adityanath: सीएम पद की शपथ के बाद शनिवार को सीएम योगी ने अधिकारियों के साथ बैठक की। जहां उन्होंने कहा कि संकल्प पत्र के अनुसार ही अगला बजट तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि यूपी को नंबर वन अर्थव्यवस्था बनाना है।
उत्तर प्रदेश में मिली करारी हार को लेकर बसपा रविवार को समीक्षा बैठक करेगी। वहीं योगी सरकार में शपथ ले चुके मंत्रियों के पोर्टफोलियो पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को सपा विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। यह निर्णय सपा विधायकों की बैठक के दौरान हुआ। हालांकि, इस मीटिंग में उनके चाचा शिवपाल यादव नहीं पहुंचे। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने इस मीटिंग के लिए कोई न्यौता नहीं मिला।
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने बताया कि अखिलेश यादव को सपा विधायक दल का नेता चुना गया है। नेता प्रतिपक्ष की कार्यवाही विधानसभा में होगी।
इस बीच, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने लखनऊ स्थित राजभवन में भाजपा के वरिष्ठ नेता रमापति शास्त्री को विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) पद की शपथ दिलाई। राजभवन के सूत्रों ने बताया कि इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। शास्त्री, जो गोंडा जिले के मनकापुर से भाजपा विधायक हैं, अब उप्र विधानसभा के नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाएंगे।
सूत्रों ने बताया कि शास्त्री के अलावा चार अन्य लोगों के पैनल को भी शास्त्री की मदद करने की शपथ दिलाई गई। आठ बार विधायक रहे शास्त्री पिछली योगी आदित्यनाथ सरकार में समाज कल्याण मंत्री थे और उन्हें नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने के लिए प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया है।
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मिली जानकारी के अनुसार यूपी विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव 29 मार्च को होगा। 28 मार्च दोपहर दो बजे तक इसके लिए नामांकन भरे जा सकते हैं।
सीएम योगी ने अधिकारियों के साथ शनिवार को बैठक में कहा कि यूपी में एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनानी है। नया भारत-नया यूपी के तर्ज पर सभी काम करें।
सीएम योगी ने अधिकारियों के साथ बैठक करके बीजेपी के संकल्प पत्र को ध्यान में रखते हुए अगला बजट तैयार करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि यूपी को नंबर-1 अर्थव्यवस्था बनाना है
रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा है कि वो अखिलेश के साथ बने रहेंगे। इंडिया टुडे के साथ बात करते हुए उन्होंने कहा- अखिलेश यादव लखनऊ में रहकर संगठन को मजबूत करेंगे। यह एक अच्छी चीज है। वह लोगों के बीच रहेंगे और संगठन मजबूत होगा।"
यूपी में मिली करारी हार को लेकर बसपा रविवार को समीक्षा बैठक करेगी। लखनऊ के बसपा कार्यालय में ये बैठक होगी। इस बैठक में बसपा सुप्रीमो मायावती समेत सभी वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।
कांग्रेस महासचिव और विभिन्न राज्यों के पार्टी प्रभारी शनिवार को पार्टी के सदस्यता अभियान और वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए दिल्ली में मिले। कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने पार्टी मुख्यालय में बैठक की अध्यक्षता की और चल रहे सदस्यता अभियान के साथ-साथ भविष्य के आंदोलन कार्यक्रमों की प्रगति पर चर्चा की।
अप्रैल 2020 से केंद्र सरकार के अलावा राज्य सरकार अपने संसाधनों से राज्य के 15 करोड़ गरीब लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध करा रही है। योजना के तहत अंत्योदय कार्ड धारकों को राज्य सरकार द्वारा 35 किलोग्राम खाद्यान्न दिया जाता है, जबकि पात्र परिवार को प्रति यूनिट पांच किलोग्राम खाद्यान्न मिल रहा है। इसके अलावा दिसंबर 2021 से राज्य सरकार खाद्यान्न के साथ-साथ एक लीटर रिफाइंड तेल, एक किलो दाल और एक किलो नमक भी दे रही है। जबकि, अंत्योदय श्रेणी के परिवारों को एक किलो चीनी भी मुहैया कराई जा रही है।
उत्तराखंड विधानसभा की पहली महिला स्पीकर ऋतु खंडूरी ने कहा- आज का दिन मेरे और राज्य के लिए गौरवपूर्ण है। यह राज्य 22 साल पुराना है और पुराने राज्यों के लिए प्रेरणा स्रोत बनकर उभरा है। विधानसभा में महिलाओं के लिए बैठने का कमरा नहीं जिससे बहुत परेशानी होती है। यह बनवाना मेरी प्राथमिकता होगी।
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को शनिवार को यहां हुई पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में सर्वसम्मति से सपा के विधायक दल का नेता चुना गया। पार्टी मुख्यालय में हुई इस बैठक के बाद सपा की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष नरेश उत्तम ने पत्रकारों को बताया कि अखिलेश यादव को विधायक दल का नेता चुना गया है। इसके साथ ही अखिलेश यादव का उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष का नेता बनना तय है। मैनपुर की करहल विधानसभा सीट से जीतने वाले अखिलेश ने हाल ही में आजमगढ़ लोकसभा सीट से सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया था और अपनी पार्टी की हार को स्वीकार करते हुए योगी आदित्यनाथ को सदन में चुनौती देने का निर्णय लिया था। उत्तम ने कहा कि अखिलेश यादव के नेतृत्व में पार्टी राज्य विधानसभा में लोगों के बुनियादी मुद्दों को जबरदस्त तरीके से उठाएगी और सरकार के सभी फर्जी दावों और गलत कार्यो का विरोध करेगी।
वैसे, अखिलेश की ओर से शिवपाल को इस मीटिंग में न बुलाया जाना सियासी गलियारों में बड़ी खबर मानी जा रही है। ऐसा इसलिए, क्योंकि दोनों ने कुछ वक्त पहले ही यूपी का विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था। मगर अब फिर से दोनों के बीच खटपट की अटकलें लगने लगी हैं।
इससे पहले, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली नई कैबिनेट की शनिवार सुबह बैठक हुई। मंत्रिपरिषद की इस बैठक में फैसला लिया गया कि यूपी में 15 करोड़ लाभार्थियों तीन महीने और मुफ्त राशन दिया जाएगा। अन्न योजना को आगे बढ़ाने से जुड़े निर्णय की जानकारी खुद सीएम ने मंत्रिपरिषद की मीटिंग के बाद अपने दूसरे कार्यकाल की पहली प्रेस वार्ता के दौरान दी।
उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने शनिवार सुबह सपा के नए विधायकों की मीटिंग ली। हैरत की बात है कि इस बैठक में उनके चाचा शिवपाल यादव को नहीं बुलाया गया। पत्रकारों ने जब इस बारे में चाचा से पूछा तो उन्होंने बताया कि उन्हें न तो बुलाया गया है और न ही इस बारे में जानकारी है।
यूपी की राजधानी लखनऊ में सपा विधायक शिवपाल यादव ने समचार एजेंसी एएनआई से कहा- मुझे पार्टी की बैठक में नहीं बुलाया गया। मैंने दो दिन का इंतजार किया और इस मीटिंग के लिए अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए, पर मुझे न्यौता नहीं आया। मैं सपा का विधायक हूं, पर फिर भी नहीं बुलाया गया।
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को यहां राजभवन में भाजपा के वरिष्ठ नेता रमापति शास्त्री को विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) पद की शपथ दिलाई। राजभवन के सूत्रों ने बताया कि इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। शास्त्री, जो गोंडा जिले के मनकापुर से भाजपा विधायक हैं, अब उप्र विधानसभा के नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाएंगे। सूत्रों ने बताया कि शास्त्री के अलावा चार अन्य लोगों के पैनल को भी शास्त्री की मदद करने की शपथ दिलाई गई।
आठ बार विधायक रहे शास्त्री पिछली योगी आदित्यनाथ सरकार में समाज कल्याण मंत्री थे और उन्हें नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने के लिए प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया है। 2017 की जीत के बाद शास्त्री को योगी आदित्यनाथ सरकार में समाज कल्याण और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्रालयों का मंत्रालय दिया गया था। उन्होंने कल्याण सिंह और राजनाथ सिंह के शासनकाल में भी मंत्री के रूप में काम किया था।
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को एडिश्नल चीफ सेक्रेट्री, प्रिंसिपल सेक्रेट्री और अन्य अफसरों के साथ लखनऊ में एक बैठक की। इस दौरान दोनों डिप्टी सीएम (केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक) मौजूद रहे।
इस बीच, आरएलडी नेता जयंत चौधरी ने कहा है कि आठ विधायकों ने उनकी पार्टी से जीत हासिल की है, जबकि कई विधायक सपा-आरएलडी गठबंधन से जीते हैं। उनका वोट प्रतिशत भी बढ़ा है। उन्होंने लोगों के प्रमुख मुद्दों को अपने अभियान का एजेंडा बनाया और बुल्डोजरों की बात नहीं की।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली नई कैबिनेट की शनिवार सुबह बैठक हुई। मंत्रिपरिषद की इस बैठक में फैसला लिया गया कि यूपी में 15 करोड़ लाभार्थियों तीन महीने और मुफ्त राशन दिया जाएगा। अन्न योजना को आगे बढ़ाने से जुड़े निर्णय की जानकारी खुद सीएम ने मंत्रिपरिषद की मीटिंग के बाद अपने दूसरे कार्यकाल की पहली प्रेस वार्ता के दौरान दी।
उन्होंने कहा, "कोरोनाकाल से गरीबों को राशन मिल रहा है।" दरअसल, यूपी के चुनाव के दौरान फ्री राशन और प्रशासन बड़ा मुद्दा थे, जबकि पूर्व सीएम और सपा चीफ अखिलेश यादव ने वादा किया था कि अगर वह सत्ता में आए तो गरीबों को मुफ्त राशन देंगे। उन्होंने साथ ही दावा किया था कि अगर योगी सरकार सत्ता में लौटी तो गरीबों को राशन नहीं मिलेगा। ऐसे में यूपी सरकार ने इस फैसले के जरिए एक बड़ा संदेश देने की भी कोशिश की है। इस बीच, जितिन प्रसाद बोले हैं कि वे लोग पीएम नरेंद्र मोदी का संदेश समूचे देश तक पहुंचाएंगे।
उत्तर प्रदेश में योगी 2.0 में आज (26 मार्च, 2022) मंत्रालयों का बंटवारा नहीं होगा। सूत्रों के हवाले से कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि आने वाले दो से तीन दिनों के भीतर यह काम हो सकता है।
चूंकि, आज शनिवार और कल इतवार है, लिहाजा इतना जरूर समझा जा सकता है कि मंत्रालयों का विभाजन सोमवार या उसके बाद ही संभव है। हालांकि, इस बारे में फिलहाल कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है।
योगी 2.0 में जिन 22 पुराने मंत्रियों की छुट्टी की गई है, उसके पीछे चुनावी पंडित और राजनीतिक जानकार ये वजहें मानते हैं-
योगी की नई कैबिनेट में भले ही कई नए चेहरे शामिल कर लिए गए हों, मगर कई नाम ड्रॉप भी कर दिए गए। ऐसे में दिनेश शर्मा, श्रीकांत शर्मा, सिद्धार्थनाथ सिंह, जय प्रताप सिंह, आशुतोष टंडन "गोपाल", रमापति शास्त्री, सतीश महाना, नीलकंठ तिवारी, मोहसिन रजा और महेंद्र सिंह।
बृजेश पाठक, दानिश आजाद अंसारी, नरेंद्र कश्यप, दयाशंकर मिश्रा, जसवंत सैनी, दिनेश प्रताप सिंह, जेबीएस राठौर।
योगी 2.0 में निषाद पार्टी के चीफ डॉ.संजय निषाद को कैबिनेट बनाया गया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने मंत्री पद की मांग नहीं की है। एक हिंदी चैनल से शुक्रवार को बातचीत के दौरान वह बोले, "हम लोग मांगने वाले नहीं है। हम जनता को देने वालों में से हैं और एनडीए के लिए काम कर रहे हैं।"
उनके मुताबिक, "हमारी पहली प्राथमिकता नरेंद्र मोदी को 2024 में दोबारा पीएम बनाने की है।" सीएम योगी के साथ हुई मीटिंग को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने एक अन्य चैनल को बताया कि सीएम ने नए मंत्रियों को आगाह करते हुए बताया कि कौन लोग हैं, जो बीजेपी वालों को फिसलाते और फुसलाते हैं।
योगी के अलावा कुल 52 मंत्रियों ने लखनऊ के इकाना स्टेडियम में गुरुवार को शपथ ली। केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। 16 ने कैबिनेट, 20 ने राज्यमंत्री और 14 ने राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की शपथ ली। योगी मंत्रिमंडल में कुल सात क्षत्रिय,आठ ब्राह्मण, तीन जाट और पांच महिलाओं को मंत्री बनाया गया है।
मंत्री पद की शपथ लेने के बाद बेबी रानी मौर्य का बयान सामने आया। उन्होंने कहा, " उत्तर प्रदेश की जनता ने मंत्री बनवाया है अब उन्हीं लोगों के सेवा करेंगे। पूरी ईमानदारी के साथ महिलाओं के लिए काम किया जाएगा। उनको न्याय दिलाया जाएगा और उनकी सुरक्षा की गारंटी होगी।"
शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को बड़ी जीत दिलाने के लिए योगी आदित्यनाथ की शुक्रवार को प्रशंसा की और कहा कि उन लोगों की तारीफ करनी चाहिए जिन पर लोकतंत्र में लोग विश्वास करते हैं।
एक पुस्तक के लोकार्पण कार्यक्रम में पत्रकारों से बातचीत में राउत ने कहा कि शिवसेना की ‘‘शाखाओं’’ (जमीनी स्तर की ईकाइयों) में बड़ी संख्या में युवा शामिल हो रहे हैं और सामाजिक मुद्दों को उठाया जा रहा है, जबकि आरएसएस द्वारा चलायी जा रही शाखाओं के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता क्योंकि लोगों को उनमें शामिल होने के लिए मनाना पड़ता है।
उन्होंने यह भी कहा कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस का एक इतिहास है, लेकिन अब उसे अपने ‘‘भूगोल’’ (राष्ट्रीय राजनीति में अपना आधार मजबूत करने) पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अल्पसंख्यक मोर्चा के महामंत्री दानिश आजाद अंसारी को नये चेहरे के रूप में प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में राज्यमंत्री पद की शपथ दिलायी गयी। वह इस सरकार के एकमात्र मुस्लिम मंत्री हैं। अतीत में भाजपा के आनुषांगिक संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में कई जिम्मेदारियां सम्भाल चुके बलिया जिले के बांसडीह स्थित अपायल गांव के मूल निवासी दानिश अभी राज्य विधानमण्डल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं।
लखनऊ विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ क्वालिटी मैनेजमेंट और इग्नू से मास्टर ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री हासिल कर चुके 33 वर्षीय दानिश प्रदेश की नवगठित सरकार के एकमात्र मुस्लिम मंत्री हैं। पिछली सरकार में मोहसिन रजा इकलौते मुस्लिम मंत्री थे, जिन्हें इस बार मंत्री नहीं बनाया गया है। दानिश 2010 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े और योगी सरकार ने उन्हें 29 अक्टूबर 2018 को उर्दू भाषा आयोग का सदस्य मनोनीत किया। विधानसभा चुनाव के ऐन पहले उन्हें भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का प्रदेश महामंत्री बनाया गया।
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को राज्य की भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार को शपथ ग्रहण की बधाई दी, लेकिन साथ ही नसीहत भी दी कि शपथ सिर्फ़ सरकार बनाने की नहीं, जनता की सच्ची सेवा की भी लेनी चाहिए। उन्होंने यह भी दावा किया कि योगी आदित्यनाथ नीत सरकार ने आज जिस स्टेडियम में शपथ लिया है, उसका निर्माण सपा सरकार ने करवाया है।
राजधानी लखनऊ के शहीद पथ पर स्थित ‘भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम’ में शुक्रवार की शाम जब योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी नीत की नई सरकार शपथ ग्रहण कर रही थी, उसी समय सपा प्रमुख यादव ने ट्वीट किया, ''नई सरकार को बधाई कि वो सपा के बनाए स्टेडियम में शपथ ले रही है। शपथ सिर्फ़ सरकार बनाने की नहीं, जनता की सच्ची सेवा की भी लेनी चाहिए।''
यादव शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए। शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे भाजपा की दिल्ली इकाई के पूर्व अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने समारोह में शामिल नहीं होने को लेकर अखिलेश यादव पर तंज कसा और कहा कि वह लोकतंत्र के बड़े उत्सव में शामिल होने से चूक गये।
उत्तर प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि वह वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मजबूत बनाने के लिए पूरे समर्पण के साथ काम करना जारी रखेंगे। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली पहली सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे शर्मा को योगी की ही अगुवाई वाली दूसरी सरकार के मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। शर्मा के स्थान पर एक अन्य ब्राह्मण नेता बृजेश पाठक को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है।
शर्मा ने शुक्रवार को शपथ लेने वाले सभी मंत्रियों को शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जताई कि उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली ‘डबल इंजन’ सरकार प्रदेश के आम लोगों के कल्याण के लिए काम करना जारी रखेगी। शर्मा ने खुद को उत्तर प्रदेश भाजपा का अगला अध्यक्ष बनाए जाने की अटकलों को खारिज किया।
शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को बड़ी जीत दिलाने के लिए योगी आदित्यनाथ की शुक्रवार को प्रशंसा की और कहा कि उन लोगों की तारीफ करनी चाहिए जिन पर लोकतंत्र में लोग विश्वास करते हैं। एक पुस्तक के लोकार्पण कार्यक्रम में पत्रकारों से बातचीत में राउत ने कहा कि शिवसेना की ‘‘शाखाओं’’ (जमीनी स्तर की ईकाइयों) में बड़ी संख्या में युवा शामिल हो रहे हैं और सामाजिक मुद्दों को उठाया जा रहा है, जबकि आरएसएस द्वारा चलायी जा रही शाखाओं के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता क्योंकि लोगों को उनमें शामिल होने के लिए मनाना पड़ता है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ऐन पहले भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अपर पुलिस महानिदेशक स्तर (एडीजी) रैंक का पद छोड़कर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेने वाले असीम अरुण के उज्ज्वल सियासी भविष्य की संभावनाओं को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण करते ही उड़ान मिलने लगी थी।
उत्तर प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि वह वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मजबूत बनाने के लिए पूरे समर्पण के साथ काम करना जारी रखेंगे। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली पहली सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे शर्मा को योगी की ही अगुवाई वाली दूसरी सरकार के मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। शर्मा के स्थान पर एक अन्य ब्राह्मण नेता बृजेश पाठक को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है।
उत्तर प्रदेश की किसी भी सरकार का यह संभवतः सबसे भव्य शपथ ग्रहण समारोह था। राजधानी लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी इकाना क्रिकेट स्टेडियम में योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में बनी लगातार दूसरी सरकार के मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान राजनीति से लेकर कारोबार क्षेत्र तक के दिग्गजों की उपस्थिति में उत्सव का माहौल रहा। इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने के लिए उत्तर प्रदेश के कोने-कोने से आए भाजपा समर्थकों की भीड़ से इकाना स्टेडियम की तरफ जाने वाले तमाम रास्ते पट गए। दोपहर 11 बजते ही ये सभी लोग स्टेडियम में अपना-अपना स्थान ग्रहण करने की होड़ में जुट गए।
योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लगातार दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के चंद घंटों बाद अपने नवगठित मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ पहली बैठक की। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि योगी ने यहां लोक भवन में मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ अपनी पहली बैठक में कहा, “मंत्रियों को जनता और प्रदेश की सेवा करने का एक पुनीत अवसर मिला है। इस अवसर को उपलब्धि में बदलते हुए प्रदेश के विकास और जनता की खुशहाली के लिए हम सभी को निरंतर प्रयासरत रहना होगा।”
यूपी में करीब 37 साल बाद कोई सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करके दोबारा पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में लौटी है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में दोबारा सरकार का गठन किया, लेकिन पिछली सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे डॉक्टर दिनेश शर्मा समेत कई दिग्गजों को वर्तमान मंत्रिमंडल में मौका नहीं मिला। ब्राह्मण समाज से आने वाले शर्मा की जगह इस बार ब्रजेश पाठक उपमुख्यमंत्री बनाए गए हैं। छात्र राजनीति से उभरे पाठक को भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान प्रमुख ब्राह्मण चेहरे के रूप में आगे किया था।
आदित्यनाथ की अगुवाई वाली उत्तर प्रदेश की दूसरी भाजपा सरकार के कुल 52 मंत्रियों ने शुक्रवार को लखनऊ स्थित अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में आयोजित भव्य समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ ली। शपथ लेने वाले मंत्रियों में मुख्यमंत्री के साथ-साथ दो उपमुख्यमंत्री, 16 कैबिनेट मंत्री, स्वतंत्र प्रभार के 14 राज्य मंत्री तथा 20 राज्य मंत्री शामिल हैं।