बॉर्डरों पर किसानों के विरोध में जुटे स्थानीय लोगों पर योगेंद्र यादव ने कहा- ये BJP, RSS के गुंडे हैं, जिन्हें पुलिस सपोर्ट कर रही है। उनका कहना था कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे हैं, लेकिन पुलिस और सरकार उन्हें उपद्रवी और अराजक साबित करने पर तुली है। उन्हें डराने और उकसाने के लिए BJP, RSS अपने लोगों का इस्तेमाल कर रहा है।
योगेंद्र यादव ने कहा कि हर बड़े युद्ध में जो घमासान मचता है वो अपने आसपास की चीजों को पूरी तरह से बदल देता है। इस किसान युद्ध में गाजीपुर बॉर्डर पर जो कुछ हो रहा है वो भी चीजों को तब्दील करेगा। उनका कहना था कि ये लड़ाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए वाटरलू साबित होने वाली है।
#Breaking | 'In every major war, there is a battle that turns everything around. In this farmers' war, the battle at Ghazipur turns everything around. This will be Waterloo for Yogi & Modi. These are not locals, but goons of BJP/RSS', @_YogendraYadav tells TIMES NOW's Sherine. pic.twitter.com/0cT6S7nkk7
— TIMES NOW (@TimesNow) January 29, 2021
दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है। किसान नेता राकेश टिकैत के आंसुओं को देखने के बाद किसान आंदोलन एक बार फिर से रफ्तार पकड़ रहा है। पश्चिमी यूपी और हरियाणा के अलग-अलग इलाकों से किसान गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचना शुरू हो गए हैं। वहीं, गाजीपुर बॉर्डर को दोनों ओर से बंद कर दिया गया है।
गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा हम प्रदर्शन स्थल खाली नहीं करेंगे। हम पहले अपने मुद्दों पर भारत सरकार से बात करेंगे। टिकैत ने कहा कि, किसानों को फंसाया गया। लाल किले में जहां एक पक्षी भी नहीं जा सकता वहां आदमी कैसे घुस गए, इसकी जांच होनी चाहिए। उनका कहना था कि सरकार की साजिश का हम विरोध करेंगे। सत्तापक्ष के विधायक अपने गुंडों के साथ धरना स्थल पहुंचे और हम किसानों पर हमला किया।
गौरतलब है कि गाजीपुर बॉर्डर पर प्रशासन ने बिजली-पानी की सप्लाई काट दी है। दिल्ली के डिप्टी सीएम शुक्रवार को पानी लेकर किसानों के बीच पहुंचे तो टिकैत के गांव से भी लोग पानी लेकर आए। उधर, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के अधिकारी भी बॉर्डर पर पहुंचे। उन्होंने उस ट्रैक्टर की गति की जांच की, जिसने पुलिस बेरिकेडिंग को टक्कर मारी थी। परेड के दौरान ट्रैक्टरों को अधिकतम 15-20 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलाने की अनुमति दी गई थी।