आत्मनिर्भरता अर्थ है, स्वयं पर निर्भर, जो एक स्त्री कभी नहीं बनती। उसे समाज आत्मनिर्भर बनने ही नहीं देता। एक स्त्री के कंधे पर अपने परिवार के सारे दायित्व रहते हैं। वह केवल अपने परिवार के लिए जीती है। उसे चारदीवारी से बाहर जाना मना है। इसके लिए वह किसी अन्य व्यक्ति पर निर्भर हो जाती हैं।
आए दिन ऐसी घटनाएं घट रही हैं, जिसके चलते स्त्रियों, लड़कियों को घर से निकलने नहीं दिया जाता। अगर कोई माता-पिता अपने बच्चे को कहीं दूसरे प्रदेश में पढ़ने या कमाने को भेजते हैं और उनके साथ कुछ गलत हो जाता है, तो सबसे पहले समाज के लोग उन्हें ताना मारना शुरू कर देते हैं। इसी जद्दोजहद में आज भी मात्र सत्ताईस फीसद महिला आबादी कामकाजी बन पाई है। क्या महिला के लिए आत्मनिर्भरता शब्द मायने नहीं रखता।
कुमारी ऐश्वर्या, झारखंड विश्वविद्यालय
अवसाद में युवा
आज का युवा डिप्रेशन यानी अवसाद का शिकार है। यह एक गंभीर मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, जो लगातार उदासी के कारण पैदा होती है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत में छात्रों द्वारा 12,526 आत्महत्याएं दर्ज की गई। 2019 के बाद से इसमें 21.19 प्रतिशत की तेजी से वृद्धि हुई है। खुदकुशी के बहुत से कारण हैं, जैसे पढ़ाई का दबाव आदि। इन कारणों को समझने और उन्हें दूर करने की जरूरत है।
शीतल यादव, फरीदाबाद
थोथी बातें
आज हमारे देश में प्रेस की स्वंतत्रता भूमिगत हो चुकी है। आए दिन पत्रकारों की हत्या हो रही है, न्यूज चैनलों पर झूठे मामले दर्ज हो रहे हैं, खुले तौर पर धमकी दी जाती है। आरएसएफ-2022 रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रेस की स्वतंत्रता कुल 180 देश की सूची में 150वें स्थान पर है। विचित्र है कि हम जिन देशों को हम पिछड़ा समझते हैं, वे भी इस दौर में आगे हैं। हमें अपनी थोथी बातों से बचना चाहिए।
मनकेश्वर कुमार, मधेपुरा, बिहार</p>