2 मई को चुनाव परिणाम आने के लगभग एक सप्ताह बाद भारतीय जनता पार्टी ने असम में हिमंत बिस्व सरमा को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया। सोमवार को सरमा ने असम के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। पूर्व सीएम सर्बानंद सोनोवाल ने हिमंत बिस्व सरमा को अपना छोटा भाई बताया है।
असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने रविवार को राजग विधायक दल के नव-निर्वाचित नेता हिमंत बिस्व सरमा को अपना ‘छोटा भाई’ बताते हुए कहा कि वह राज्य को बहुत ऊंचाई पर ले जाएंगे। विधायक दल के नेता के रूप में सरमा का नाम पेश करने वाले सोनोवाल ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (नेडा) के संयोजक सरमा मेरे लिये छोटे भाई के समान हैं। मैं उन्हें इस नयी यात्रा के लिये शुभकामनाएं देता हूं।
गठबंधन में शामिल तीनों दलों भाजपा, असम गण परिषद और यूपीपीएल के नव-निर्वाचित सदस्यों को संबोधित करते हुए सोनोवाल ने कहा, ”हिमंत को बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। मेरा प्यार और आशीर्वाद उनके साथ हैं। मुझे विश्वास है कि वह समाज के सभी वर्गों के कल्याण तथा प्रगति के लिये अपने कर्तव्यों का अच्छी तरह निर्वहन करेंगे।’
वहीं हिमंत बिस्व सरमा ने रविवार को जोर देकर कहा कि उनके पूर्ववर्ती सर्वानंद सोनोवाल ‘ मार्गदर्शक’ बने रहेंगे। कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने वाले हिमंत बिस्वा सरमा को पूर्वोत्तर भारत का चाणक्य माना जाता है।
2017 के विधानसभा चुनाव में भी मिली जीत में उनका अहम योगदान माना गया था। पूर्वोत्तर में न सिर्फ असम में इसके अलावा भी कई राज्यों में बीजेपी को स्थापित करने में उन्होंने अहम योगदान दिया है। लोकसभा चुनाव 2019 में भी उनके नेतृत्व में पूर्वोत्तर भारत में बीजेपी को शानदार सफलता मिली थी।
हिमंत बिस्व सरमा की लोकप्रियता भी उनके सीएम बनने का सबसे अहम कारक है। असम के साथ-साथ पूरे पूर्वोत्तर में वो लोकप्रिय हैं। काफी कम समय में ही उन्होंने आरएसएस के लोगों के साथ भी अच्छी समझ बना ली है।