पश्चिम बंगाल में हार के बाद बीजेपी-टीएमसी के बीच रस्साकसी थमने का नाम नहीं ले रही है। बीजेपी जहां टीएमसी को गवर्नर के सहारे घेरने में जुटी है वहीं टीएमसी उसके कुनबे में लगातार सेंध लगा रही है। पहले ही मुकुल रॉय वापस पुरानी पार्टी लौट गए। एक-एक करके कई दूसरे बीजेपी नेताओं ने भी पार्टी छोड़ दी है। अब अलीपुरद्वार के बीजेपी जिलाध्यक्ष ने टीएमसी जॉइन कर ली है।
अलीपुरद्वार जिला भाजपा अध्यक्ष गंगा प्रसाद शर्मा को कोलकाता में पार्टी नेताओं सुखेंदु शेखर रॉय और मुकुल रॉय ने पार्टी में शामिल कराया। टीएमसी में आने के बाद गंगा प्रसाद ने बीजेपी और बीजेपी के नेतृत्व पर सवाल खड़े किए। यहां तक कि उन्होंने कहा कि कैलाश विजयवर्गीय को इस्तीफा दे देना चाहिए। गंगा प्रसाद ने कहा कि वह भाजपा की नीतियों से तालमेल नहीं बैठा पा रहे थे और ऐसे हालात में उनके लिए काम करना मुश्किल होता जा रहा था। उन्होंने कहा कि अब लोग बीजेपी में घुटन महसूस कर रहे हैं।
West Bengal: Alipurduar district BJP president Ganga Prasad Sharma joins TMC in the presence of party leaders Sukhendu Sekhar Roy and Mukul Roy in Kolkata. pic.twitter.com/CUIOkIXHLf
— ANI (@ANI) June 21, 2021
Old party workers don’t have a proper place in BJP. There were differences in the decision-making process. 2-3 people distributed tickets, Kailash Vijayvargiya being one of them. He’s answerable for party’s defeat & condition. He should resign as the gen secy: Ganga Prasad Sharma pic.twitter.com/nXy32FlyPe
— ANI (@ANI) June 21, 2021
शर्मा ने कहा कि पुराने पार्टी कार्यकर्ताओं का भाजपा में उचित स्थान नहीं है। बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले भी निर्णय लेने के मामले में आपसी मतभेद था। 2-3 लोगों ने टिकट बांटे। उन्होंने आरोप लगाया कि कार्यकर्ता बीजेपी से खुश नहीं था। शर्मा ने दावा किया कि बीजेपी के कई बड़े नेता तृणमूल कांग्रेस में शामिल होंगे।
बंगाल की हिंसा परेशान करने वाली: धनखड़
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा से उपजी स्थिति खतरनाक और परेशान करने वाली है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर ममता बनर्जी ने शुतुरमुर्गी रवैया अपनाया है। धनखड़ ने सोमवार को उत्तर बंगाल की एक सप्ताह की यात्रा की शुरुआत की और इस दौरान उन्होंने हिंसा के शिकार हुए लोगों के साथ राज्य सरकार के बर्ताव की आलोचना की।
उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल में दो मई के बाद हुई हिंसा के बारे में मुझे चिंता है। यह स्वीकार्य नहीं है। राज्य में स्थिति खतरनाक और परेशान करने वाली है। इस प्रकार की हिंसा ने लोकतांत्रिक ढांचे पर प्रश्न चिह्न लगा दिया है। राज्यपाल ने कहा, इतने हफ्ते गुजर जाने के बाद भी, राज्य सरकार इसे नकार रही है। मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर शांत क्यों हैं? राज्य प्रशासन का शुतुरमुर्गी रवैया स्वीकार्य नहीं है।