खून से लथपथ बहन को हाथों में थामे एक युवक पुलिस से मदद की गुहार लगा रहा है। वह बिलखते हुए पुलिस से बहन को बचाने के लिए कह रहा है, मगर बदले में उसे लिखित में शिकायत लाने को कहा गया। यह किसी फिल्म के सीन का हिस्सा नहीं है, बल्कि एक वीडियो है जो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। बताया जाता है कि वायरल वीडियो उत्तर प्रदेश के इटौंजा शहर का है, जहां एक युवक गंभीर रूप से घायल अपनी बहन को पुलिस थाने लेकर पहुंचा। वह गिड़गिड़ाते हुए पुलिस से मदद की गुहार लगा रहा है। युवक कह रहा है उसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही। मगर पुलिस युवक की मदद करने की जगह उससे मेडिकल कराने को कह रही है।

वीडियो में युवक कह रहा है, ‘हमारी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। आप हमारी रिपोर्ट लिखो।’ वीडियो में युवक की बहन और उसका तुरंत इलाज कराने की जगह एक पुलिकर्मी उससे पहले रिपोर्ट लिखकर लाने को कह रहा है। इस पर युवक रोते हुए कहता है, ‘सर बहन की हालत देखे लो। हमारे घरवालों को मार देंगे। अगर आप सिपाही हैं तो उन्हें घर भेज दो।’

वीडियो न्यूज 18 के एक पत्रकार ने अपने ट्विटर अकांउट पर शेयर किया है। इसमें उन्होंने बताया, ‘खून से लथपथ शाहरुख, खून से सनी अपनी बहन शबनम को संभालते हुए राजधानी के इटौंजा थाने की महंगवा चौकी पहुंचा। चौकी पर सिपाहियों की पुलिसिया कार्यशैली ही दिखी….थाने जाओ।’ वीडियो वायरल होने पर सोशल मीडिया यूजर्स ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्य नाथ सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। कई यूजर्स ने प्रदेश की पुलिस पर तंज कसते हुए कहा कि विश्व स्तर की पुलिस ऐसे ही बनेगी?

मशहूर पत्रकार अंजीत अंजुम ने लिखा, ‘कितने निर्मम हैं ये पुलिस वाले? कैसी ड्यूटी करते होंगे ये पुलिस वाले, जो इस हालत में भी किसी को देखकर उसे वहां से भागने और टालने की कोशिश कर रहे हैं।’ एनडीटीवी के पत्रकार अजीत अंजुम ने लिखा, ‘ये देखिए और फ़ख़्र कीजिए। यूपी पुलिस ‘वर्ल्ड क्लास’ है। स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस जैसी बनने की तरफ अग्रसर है। किसी से कुछ कहने की ज़रूरत नहीं। कुछ नहीं होने वाला।’

कबीर बाबा नाम के ट्विटर यूजर्स ने ट्वीट कर लिखा, ‘अपनी ही सरकार में ये दिन देखने को मिलें। संवेदनहीनता की पराकाष्ठा।’ संतोष तिवारी लिखते हैं, ‘पीड़ितों से स्वयं रिपोर्ट लिखकर लाने को कहा जा रहा है जबकि नियम है कि थाने पर पीड़ित मौखिक या लिखित जैसे चाहे अपनी समस्या दर्ज करा सकता है। तहरीर लिखने और उसे एफआईआर में तब्दील कराने की जिम्मेदारी थाना प्रभारी की होती है।’ सूर्यकांत ने लिखा, ‘क्या हमारे पास इस देश में कानून और व्यवस्था भी है? मुझे शक है।’