प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की 65 फीसद आबादी के 35 साल से कम उम्र का होने को देश के लिए एक संपदा के रूप में दुनियाभर में प्रचारित कर रहे हैं। पर उन्हीं की पार्टी के बुजुर्ग सांसद शांता कुमार ने लगातार बढ़ रही जनसंख्या को देश के लिए अभिशाप बताया है। शांता कुमार ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है और चेताया है कि जनसंख्या के बढ़ते प्रकोप पर अकुंश न लगाया गया तो आर्थिक विषमता, बेरोजगारी, भुखमरी और प्रदूषण का संकट और भयंकर हो जाएगा।

शांता कुमार ने प्रधानमंत्री को याद दिलाया कि उनके नेतृत्व में बेशक देश कई मामलों में तरक्की कर रहा है, पर जनसंख्या वृद्धि पर काबू नहीं कर पाना निराशाजनक पहलू भी है। आजादी के बाद 68 साल में देश की जनसंख्या 35 करोड़ से बढ़ कर 127 करोड़ हो गई है। जनसंख्या इसी रफ्तार से बढ़ती रही तो 2030 में भारत चीन से भी आगे निकल जाएगा।

हर साल देश की जनसंख्या एक करोड़ 70 लाख बढ़ रही है। हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री ने चिंता जताई है कि देश के सियासी नेतृत्व ने इस समस्या पर आंखें बंद कर रखी हैं। उसी तरह जैसे बिल्ली को देख कर कबूतर अपनी आंखें बंद कर लेता है। और तो और कोई सियासी दल अपने चुनाव घोषणापत्र तक में इस विकराल समस्या का जिक्र तक नहीं करता। जनसंख्या की समस्या के कारण ही बेरोजगारी के भयंकर रूप धारण कर लेने की तरफ भी शांता कुमार ने मोदी का ध्यान आकर्षित किया है। अपने सूबे का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया है कि चपरासी के तीन पदों के लिए 1200 उम्मीदवार थे। मध्य प्रदेश में 14 हजार सिपाही पदों के लिए 16 लाख लोगों ने आवेदन किया। एमबीए और पीएचडी जैसी डिग्री रखने वाले चपरासी के लिए अर्जी दे रहे हैं। हर साल 50 लाख शिक्षित युवा बेरोजगारों की जमात में शामिल हो जाते हैं।

शांता कुमार अपनी बेबाकी के लिए चर्चित रहे हैं। पंचायत की राजनीति से अपना सियासी सफर शुरू करने वाले हिमाचल प्रदेश में लंबे समय तक भाजपा के कद्दावर नेता रहे शांता की नरेंद्र मोदी से अनबन तभी शुरू हो गई थी जब मोदी को गुजरात से निर्वासित कर हिमाचल का प्रभारी बनाया गया था। दो बार मुख्यमंत्री रहे शांता की जगह अवसर मिलते ही मोदी ने प्रेम कुमार धूमल को मुख्यमंत्री बनवा दिया था। हालांकि बाद में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री पद देकर पार्टी ने उन्हें सम्मान भी दिया था। 82 वर्षीय शांता कुमार के लिए सरकार और पार्टी में कोई जगह नहीं है।

और तो और उन्हें लालकृष्ण आडवाणी व मुरली मनोहर जोशी की तरह मार्गदर्शक मंडल में भी शामिल नहीं किया गया।
शांता कुमार ने मोदी को याद दिलाया है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में देश ने उन पर बड़ा विश्वास जताया है। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस मामले में पहल करने का आग्रह किया है। भाजपा के बुजुर्ग सांसद चाहते हैं कि सभी राजनीतिक दलों के साथ बातचीत और सहमति से प्रधानमंत्री को एक राष्ट्रीय जनसंख्या नीति बनानी चाहिए।