किसान नेता राकेश टिकैत आज एक नए अवतार में दिखे। गाजीपुर बार्डर पर वह झाड़ू लेकर सफाई करते नजर आए। उनका कहना था कि भाई सफाई तो करनी पड़ेगी। जब वह झाड़ू लगा रहे थे तब उनके पीछे खड़े लोग नारे लगा रहे थे, किसान मजदूकर एकता जिंदाबाद।

26 जनवरी की घटना के बाद किसान आंदोलन का केंद्र बिंदु बनकर उभरे टिकैत इससे पहले एक आम किसान की तरह खुद हाथ में फावड़ा लेकर मिट्टी में काम करते दिखे थे। तब उन्होंने बताया था कि जहां किसानों को रोकने के लिए सरकार ने कीलें लगवाई थीं, वहां हम फूल के पौधे लगा रहे हैं। इसके लिए दो डंपर मिट्टी मंगाई गई है।

उन्होंने कहा था कि वह सभी किसानों से अपील करेंगे कि आंदोलन में हिस्सा लेने आ रहे लोग अपने खेतों में से मिट्टी साथ लेकर आएं और वापस जाते समय यहां से मिट्टी वापस लेकर जाएं और उसे अपने खेतों में मिला दें। यह मिट्टी उन्हें किसानों के संघर्ष की कहानी याद दिलाएगी। उन्होंने कहा कि यह किसान क्रांति की मिट्टी है, इसे वह गांव-गांव पहुंचाएंगे। वह युवाओं को मिट्टी से जोड़ना चाहते हैं।

गौरतलब है कि तीन कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध के चलते राजधानी दिल्ली से लगी गाजीपुर, टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। कानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं।

26 जनवरी को हुई ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद आंदोलन कर रहे किसानों की संख्या में पिछले दिनों कमी आई थी, लेकिन भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के भावुक होने के बाद एक बार फिर से आंदोलन को बड़ी संख्या में किसानों का समर्थन मिलने लगा है। अब टिकैत आंदोलन के केंद्र बिंदू हैं। उनकी हर हरकत मीडिया के कैमरों में कैद हो रही है। टिकैत कह चुके हैं कि जहां सरकार ने कील लगाई हैं, उन्हें उखाड़ने के बाद ही किसान दिल्ली की सीमा से वापस जाएंगे।

उधर, उनका सफाई के वीडियो पर लोगों ने मजेदार कमेंट किए। किसी ने कहा, नौटंकीबाज तो किसी का कहना था कि टिकैत को किसान नेता ही रहने दो। उनकी वजह से ही आंदोलन फिर से जिंदा हुआ है। किसी का कहना था कि सरकार की आंखें इसी तरह से खुलेंगी।