अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के शताब्दी वर्ष समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया और छात्रों को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने विशेष डाक टिकट का भी विमोचन किया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों को लगभग 40 मिनट तक संबोधित किया।

मोदी ने एएमयू को संबोधित करते हुए कहा कि आज अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से तालीम लेकर निकले लोग भारत के सर्वश्रेष्ठ स्थानों में ही नहीं बल्कि दुनिया के कई सारे देशों में छाए हुए हैं। यहाँ से पढ़े हुए लोग चाहे दुनिया में कहीं भी रह रहे हों,वे भारत की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं। प्रधानमंत्री ने AMU के शताब्दी समारोह में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री मोदी के साथ इस कार्यक्रम में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने भी हिस्सा लिया।

हालाँकि कई प्रसिद्ध व्यक्तियों ने प्रधानमंत्री मोदी के इस कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर आलोचना भी की। इन आलोचकों में जाने माने इतिहासकार इरफ़ान हबीब भी शामिल हैं। इरफान हबीब ने कहा कि नरेन्द्र मोदी का एएमयू आना कोई गर्व की बात नहीं है। यह यूनिवर्सिटी है और यहाँ स्कॉलर आते रहते हैं। साथ ही इरफ़ान ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री प्राचीन संस्कृति के नाम पर देश को गुमराह कर रहे हैं इसलिए यह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के लिए गर्व की बात तो नहीं लगती है। अभी उत्तर प्रदेश में लव जिहाद कानून पास हुआ है और प्रधानमंत्री इसको चुपचाप देख रहे हैं।

इसके अलावा इरफ़ान ने यह भी कहा कि आरएसएस तो आजादी के पहले से ही यह मानता रहा है कि मुसलमान उनके दुश्मन हैं और बीजेपी के लोग इसका इस्तेमाल वोट बटोरने के लिए करते हैं। इसलिए उनके यहाँ आने से विश्वविद्यालय को कोई गर्व नहीं होगा । हालाँकि विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने पीएम मोदी के इस समारोह में शामिल होने का स्वागत किया है।

अपने 40 मिनट के संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले मुस्लिम बेटियों का स्कूल ड्रॉपआउट रेट 70% से ज्यादा था जो अब घटकर करीब-करीब 30% रह गया है। पहले लाखों मुस्लिम बेटियां शौचायल की कमी की वजह से पढ़ाई छोड़ देती थीं लेकिन अब हालात बदल रहे हैं। प्रधानमंत्री की इस बात पर लोगों की ढेरों प्रतिक्रिया ट्विटर पर देखने को मिली। महेश शेट्टी नाम के एक यूज़र ने लिखा मोदी जी के द्वारा इतने अच्छे काम करने के बावजूद लोग उन्हें बदनाम करते हैं। वहीँ एक अन्य यूज़र ने भी मोदी का समर्थन करते हुए लिखा है कि बीजेपी सरकार ने बिना किसी फायदे के तीन तलाक जैसे कानून को पारित किया लेकिन फिर भी कुछ लोगों को विश्वास नहीं होता है।

प्रधानमंत्री ने इसके अलावा अपने संबोधन में एएमयू के बारे में कहा कि बीते 100 वर्षों में इस विश्वविद्यालय ने दुनिया के कई देशों से भारत के संबंधों को सशक्त करने का भी काम किया है। उर्दू, अरबी ,फारसी भाषा और इस्लामिक साहित्य पर यहां जो रिसर्च होती है उससे समूचे इस्लामिक वर्ल्ड के साथ भारत के सांस्कृतिक रिश्तों को नई ऊर्जा मिलती है।