Narendra Modi Cabinet Ministers List of India 2019 Nityanand Rai: बिहार से भारतीय जनता पार्टी के मजबूत नेता और अमित शाह के करीबी नित्यानंद राय को मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने लोकसभा चुनाव में उजियारपुर संसदीय सीट से रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को हराया है।

बिहार में एक वक्त था जब भारतीय जनता पार्टी तमाम धड़ों में बंटी थी। इसका जबरदस्त नुकसान विधानसभा चुनाव में भी होता था। इसके बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने वो चाल चली कि न सिर्फ पार्टी में सभी एकजुट होने लगे बल्कि प्रदेश स्तर पर भी लालू का समीकरण बिगड़ गया। नित्यानंद को सियासी फ्रंट पर उतारा गया। 2019 के चुनावी महासमर से पहले 2016 में ही शाह ने नित्यानंद राय को बिहार बीजेपी का अध्यक्ष बना दिया था।

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नित्यानंद ने इस जिम्मेदारी को एक चुनौती के तौर पर लिया। संगठन के तौर पर सभी को एक मंच पर लाना शुरू किया वहीं बिहार की जनता को भी ये समझाना शुरू किया कि असली यादव कौन है। वह बिहार की जनता को ये समझाने में सफल रहे कि लालू ने समुदाय के नाम पर सिर्फ अपने परिवार का भला किया। ऐसे में यादव समाज के सामने बड़ा प्रश्न था कि वह नित्यानंद को अपना नेता चुने या लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव को।

लालू यादव भी नित्यानंद के प्रभाव का लोहा मानते थे
बिहार में जब लालू यादव की तूती बोलती थी उस वक्त भी नित्यानंद राय का जबरदस्त जलवा था। रामजन्मभूमि विवाद के वक्त जब आडवाणी का रथ हाजीपुर पहुंचने वाला था तो लालू ने उसे रोकने की पूरी कोशिश की, सारी सरकारी मशीनरी लगा दी और चुनौती दी कि आडवाणी को गंगा पुल पार नहीं करने दिया जाएगा। उस वक्त संघ के मजबूत चेहरे और निर्भीक नित्यानंद ने खुलेआम घोषणा कर दी कि आडवाणी के रथ को कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने महापंचायत बुलाकर इतना बड़ा जनसमर्थन जुटाया कि लालू की हिम्मत जवाब दे गई और हाजीपुर में आडवाणी का रथ नहीं रुक सका। आखिरकार समस्तीपुर में लालू ने आडवाणी का रथ रोककर उन्हें गिरफ्तार करवा दिया।

संघ का मजबूत चेहरा बनकर उभरे नित्या
नित्यानंद राय को उसूलों और पक्के इरादे वाला राजनीतिज्ञ कहा जाता है। राय ने अपना राजनैतिक सफर 1981 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता के रूप में शुरू किया। हाजीपुर के राजनारायण कॉलेज में इंटर की पढ़ाई के दौरान ही वह नियम से संघ की शाखाओं में जाते थे। उनकी नेतृत्व क्षमता की पहचान वहीं हुई और उन्हें 1986 में हाजीपुर का तहसील कार्यवाह बनाया गया।

1990 तक तो वह संघ के कार्य से मुक्त होकर बीजेपी को ज्वाइन कर चुके थे। उन्हें बीजेपी युवा मोर्चा का प्रदेश सचिव नियुक्त किया गया। उनके प्रभावशाली व्यक्तित्व को आप ऐसे समझ सकते हैं कि 2000 में पहली बार चुनाव लड़ते हुए उन्होंने हाजीपुर विधानसभा चुनाव जीत लिया। फिर लगातार चार बार विधानसभा चुनाव जीते। 2000 से 2010 तक बिहार विधानसभा में बतौर हाजीपुर विधायक चुनकर पहुंचे। बतौर सांसद 2014 में वह पहली बार दिल्ली पहुंचे।

खेती—किसानी का भी है नित्यानंद को शौक
एक चैनल को दिए इंटरव्यू में नित्यानंद ने बताया था कि 20 एकड़ में उनकी अमरूद, केला और सब्जियों की खेती है। वक्त मिला तो वह खुद भी हल और ट्रैक्टर से जुताई करते हैं। उन्हें ऑर्गेनिक खेती में पूरा विश्वास है। 2019 लोकसभा चुनाव के समय दायर शपथ पत्र के मुताबिक नित्यानंद के पास 18 करोड़ से अधिक की संपत्ति है। इनके खिलाफ 3 आपराधिक मामले चल रहे हैं। पशुपालन में इनकी दिलचस्पी है और इनके पास घर पर 16 गायें और 12 भैंसे हैं। इन्होंने घर पर 3.15 बोर की एक रायफल भी रखी है। पढ़ाई के तौर पर देखें तो ये हाजीपुर के कॉलेज से बीए ऑनर्स पास हैं। पिछली सरकार में संसद में उपस्थिति के मामले में इनका प्रतिशत 69 प्रतिशत रहा।