महारष्ट्र सदन घोटाले में आरोपी एनसीपी नेता छगन भुजबल को एसीबी कोर्ट ने बुधवार (22 जून) को जमानत दे दी। हालांकि, जमानत मिलने के बाद भी भुजबल बाहर नहीं आ सकेंगे। वह फिलहाल PMLA के तहत दर्ज हुए एक दूसरे केस में सजा काटने के लिए जेल में ही रहेंगे। भुजबल के साथ उनके भतीजे समीर भुजबल को भी जमानत मिली है। भुजबल और समीर को 50 हजार के निजी मुचलके पर ये जमानत जमानत दी गई है।

भुजबल को मनी लॉन्ड्रिंग और सदन घोटाले से जुड़े आरोपों में 14 मार्च को ED की एक टीम ने गिरफ्तार किया था। इससे पहले हाईकोर्ट ने भुजबल को चिकित्सकीय आधार पर जमानत देने के अनुरोध को खारिज कर दिया था। अदालत ने कहा कि वह इस बात से संतुष्ट नहीं है कि उनकी स्थिति पर तत्काल ध्यान दिए जाने की जरूरत है।

क्या है महाराष्ट्र सदन घोटाला: यह घोटला दिल्ली में बने महाराष्ट्र सदन का है। यह सदन पूरे 100 करोड़ रुपए में बना था। इसके बाद जांच में पाया गया कि छगन भुजबल ने इमारत के बनने के दौरान घोटाला किया है। इसके अलवा भुजबल पर एक और एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में भुजबल पर आरोप लगे थे कि मुंबई यूनिवर्सिटी के कलीना कैंपस के बनाने का कॉन्ट्रेक्ट दिलवाने के बदले उन्होंने पैसे लिए थे।