मालेगांव ब्लास्ट में आरोपी साध्वी प्रज्ञा ने सोमवार (30 मई) को जमानत के लिए मुंबई के सत्र अदालत में जमानत के लिए याचिका दाखिल की है। राष्ट्रीय जांच एजंसी ने साध्वी को पहले ही क्लीन चिट दे दी है। गौरतलब है कि 2008 मालेगांव धमाकों के मामले में नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी(एनआईए) की ओर से शुक्रवार (13 मई) को दायर की जाने वाली चार्जशीट में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का नाम आरोपियों में शामिल नहीं करने का फैसला किया गया था। प्रज्ञा सिंह ठाकुर का नाम आरोपियों में शामिल नहीं होने की वजह से उनके जेल से जल्दी बाहर आने की संभावना पहले से ही जताई जा रही थी और इसी के बाद उन्होंने जमानत के लिए अर्जी दाखिल की है।
मालेगांव धमाकों में चार लोगों की मौत हुई थी ओर 79 घायल हुए थे। सूत्रों का कहना है कि साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ कमजोर सबूत हैं और उनके खिलाफ मकोका भी हटाया जा चुका है। इसके चलते साध्वी को आरोपियों में शामिल नहीं किया गया। एनआईए ने इस मामले की जांच तीन साल पहले महाराष्ट्र एटीएस से ली थी। महाराष्ट्र एटीएस ने चार्जशीट भी फाइल कर दी थी। एनआईए ने सभी आरोपियों, गवाहों और सबूतों की फिर से जांच की। कई लोगों के नए सिरे से बयान भी दर्ज किए गए।
साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित पर एटीएस का मत:
बम के साथ रखी गई हीरो होंडा मोटरसाइकिल साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की थी महाराष्ट्र एटीएस ने सबसे पहले उन्हें ही गिरफ्तार किया। (24 अक्टूबर 2008)
मुस्लिम बहुल इलाकों को निशाना बनाने के लिए आयोजित की गई सभी बैठकों में साध्वी ने हिस्सा लिया। 11 अप्रैल 2008 को भोपाल में बैठक के दौरान पुरोहित ने कहा कि वह विस्फोटक मुहैया कराएगा। साध्वी ने कहा कि मालेगांव धमाकों के लिए वह आदमियों का व्यवस्था करेगी।
साध्वी सुनील जोशी ओर रामचंद्र कलसांगरा को जानती थी। उनकी मोटरसाइकिल कलसांगरा के पास थी। एटीएस ने कहा कि पुरोहित ने हिंदू राष्ट्र के लिए 2007 में अभिनव भारत बनाया पुरोहित कश्मीर से आरडीएक्स लाया। सुधाकर चतुर्वेदी, कलसांगरा के साथ मिलकर पुरोहित ने पुणे में बम बनाए।
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