बीते दिनों यूएन आम सभा के दौरान जम्मू कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को मलेशिया और तुर्की से समर्थन मिला था। मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने अपने संबोधन के दौरान जम्मू कश्मीर का मुद्दा उठाया था और जम्मू कश्मीर पर भारत द्वारा ‘कब्जा करने’ की बात कही थी। सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार मलेशिया के पीएम के उक्त बयान से नाराज है। यही वजह है कि भारत मलेशिया से आयात होने वाले कुछ उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है। जिन उत्पादों को भारत द्वारा प्रतिबंधित किए जाने पर विचार किया जा रहा है, उनमें पाम ऑयल (ताड़ का तेल) भी शामिल है।
सूत्रों के अनुसार, वाणिज्य मंत्रालय और इंडस्ट्री के लोगों की इस संबंध में बैठक हुई है। हालांकि अभी भी इस प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है और औपचारिक रुप से इसकी कोई जानकारी सामने नहीं आयी है। दरअसल सरकार मलेशिया को कड़ा संदेश देना चाहती है। यही वजह है कि सरकार आयात पर कुछ प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है।
बता दें कि भारत दुनिया में पाम ऑयल का सबसे बड़ा आयातक देश है। भारत में पाम ऑयल मलेशिया, इंडोनेशिया, अर्जेंटीना, यूक्रेन जैसे देशों से आयात होता है। भारत के कुल खाद्य तेल के आयात का दो तिहाई हिस्सा पाम ऑयल होता है और भारत हर साल 9 मिलियन टन पाम ऑयल का आयात करता है। भारत में पाम ऑयल का आयात मुख्यतः मलेशिया और इंडोनेशिया से होता है। जिसमें ज्यादा हिस्सा मलेशिया का ही होता है।
बताया जा रहा है कि सरकार द्वारा मलेशिया से पाम ऑयल के आयात पर प्रतिबंध के बाद इंडोनेशिया से पाम ऑयल के आयात को बढ़ाया जाएगा। साथ ही सरकार अर्जेंटीना और यूक्रेन से सोयाबीन और सनफ्लॉवर ऑयल का आयात बढ़ाया जा सकता है। बता दें कि जम्मू कश्मीर पर बयान के साथ-साथ मलेशिया विवादित मुस्लिम धर्मगुरु जाकिर नाइक को भी भारत प्रत्यर्पित नहीं कर रहा है। इस मुद्दे पर भी नाराजगी है।
सरकार तुर्की से भी आयात पर कुछ प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है। तुर्की ने भी यूएन महासभा में जम्मू कश्मीर मुद्दे पर बयान दिया था। यही वजह है कि सरकार तुर्की के खिलाफ भी कुछ प्रतिबंध लगाने की योजना बना रही है।