महाराष्ट्र सरकार में मंत्री जयंत पाटिल ने दावा किया है कि 14 से 15 भाजपा विधायक इस वक्त महाविकास अघाड़ी गठबंधन के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षियों के विधायक आज भी हमारे संपर्क में हैं। हमें उनका काम करना पड़ता है, क्योंकि उनके और हमारे अच्छे रिश्ते हैं। हम उनकी भावनाओं को समझते हैं। पाटिल का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब महाविकास अघाड़ी में शामिल कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में भाजपा पर ऑपरेशन लोटस के तहत मुख्यमंत्री कमलनाथ की सरकार गिराने का आरोप लगाया।
पाटिल ने विधायकों से संपर्क में होने की बात कही, लेकिन उन्होंने इस बात से इनकार किया कि महाविकास अघाड़ी विधायकों को अवैध तरीके से साथ में लाएगी। महाराष्ट्र एनसीपी के प्रमुख पाटिल ने कहा कि हमारा गठबंधन उन नेताओं को शामिल करने की अवैध कोशिश नहीं करेगा।
मध्य प्रदेश भाजपा के नेता भी कर चुके हैं ऐसे ही दावेः एक दिन पहले ही मध्य प्रदेश के भाजपा नेता नरोत्तम मिश्रा ने भी ऐसा ही दावा किया था। उन्होंने बुधवार को एमपी में कांग्रेस के विधायकों के खरीद-फरोख्त के आरोपों को नकारते हुए कहा था कि सभी विधायक हमारे संपर्क में रहते हैं। कांग्रेस के विधायक अपने लोगों के काम नहीं करा पा रहे थे। इससे उनमें असंतुष्टि बढ़ रही थी, क्योंकि वे लोगों के प्रति जवाबदेह हैं। अभी 15-20 विधायक हमारे संपर्क में हैं।
क्या है महाराष्ट्र में सत्ता का गणितः महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं। इनमें से 169 सीटें शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन वाले महाविकास अघाड़ी के पास हैं। भाजपा के पास 105 विधायक हैं। इसके अलावा ओवैसी की एआईएमआईएम, माकपा और मनसे के पास कुल 4 विधायक हैं।
मध्य प्रदेश में तीन दिन से जारी है सियासी ड्रामाः मध्यप्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं जिनमें से दो सीट खाली हैं । सदन में बहुमत के लिए 115 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता है। विधानसभा में कांग्रेस के 114 विधायक हैं। कांग्रेस सरकार चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा विधायक के समर्थन के साथ कमजोर बहुमत पर टिकी है। मंगलवार को कांग्रेस ने भाजपा पर मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार को धन बल के दम पर अस्थिर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया, जबकि भाजपा ने सूबे के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम को कांग्रेस की अंदरुनी कलह का परिणाम करार दिया है।