यूरिक एसिड बढ़ने की वजह से तमाम समस्याएं होने लगती हैं। इनमें से जोड़ों में दर्द और गठिया प्रमुख है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक यूरिस एसिड बढ़ने के पीछे खराब खान-पान और अनियंत्रित जीवनशैली भी काफी हद तक जिम्मेदार है। यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए डाइट में ऐसे फूड्स को शामिल करने से बचना चाहिए जिनमें प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है
आलू कैसे करता है यूरिक एसिड कंट्रोल: आलू हमारी थाली का अहम हिस्सा है जो यूरिक एसिड के मरीजों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक आलू का इस्तेमाल उसका जूस बनाकर भी कर सकते हैं। यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में आलू का जूस असरदार है। ये जोड़ों के दर्द को दूर करता है, साथ ही सूजन को भी कम करता है। ये जूस ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है। यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए दिन में आलू के जूस का सेवन करना असरदार साबित होता है। आइए जानते हैं कि यूरिक एसिड बढ़ने पर बॉडी में कौन-कौन से लक्षण दिखते हैं और इसे कंट्रोल करने के लिए हमारा डाइट चार्ट कैसा होना चाहिए।
यूरिक एसिड बढ़ने पर दिखते हैं ये लक्षण: जोड़ों में तेज दर्द , जोड़ों में सूजन, पैरों की एड़ियों में असहनीय दर्द, बुखार, शरीर में कंपन,अधिक प्यास लगने की समस्या,
यूरिक एसिड के मरीजों के लिए सुबह का नाश्ता: यूरिक एसिड के मरीज अपने दिन की शुरूआत ऐसे फूड्स से करें जिनसे दिनभर यूरिक एसिड कंट्रोल रहे। आप सुबह के नाश्ते में फाइबर से भरपूर फूड्स को शामिल करें। नाश्ते में ओट्स, दलिया या फिर केले को शामिल करें यूरिक एसिड कंट्रोल रहेगा।
गर्मी में नाश्ते में करें इन ड्रिंक को शामिल: गर्मी के दिनों में यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए नाश्ते में गाजर का जूस, नारियल पानी और पुदीने का शरबत पी सकते हैं। ये ड्रिंक बॉडी से टॉक्सिन बाहर निकालते हैं साथ ही यूरिक एसिड को कंट्रोल भी करते हैं।
लंच में करें इन फूड्स को शामिल: यूरिक एसिड के मरीज लंच में गेहूं, ज्वार, बाजरा और चावल जैसे अनाज को शामिल कर सकते हैं। खाने की थाली में अगर दाल को शामिल करना चाहते हैं तो लाल दाल का सेवन करें।
शाम के नाश्ते में करें इन फलों को शामिल: यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए आप शाम के नाश्ते में संतरा, चेरी, बेरी जैसे फलों कों शामिल कर सकते हैं। ये फल भूख को शांत करेंगे साथ ही यूरिक एसिड को भी कंट्रोल करेंगे।
रात के खाने में इन फूड्स से करें परहेज: यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए मरीज रात के खाने में दाल-चावल से परहेज करें। डिनर में दाल-चावल का सेवन यूरिक एसिड को बढ़ाने का काम करता हैं, जिससे अंगुलियों और जोड़ों में गठिया का दर्द बढ़ जाता है।