Independence Day: देश को अंग्रेजों की कैद से आजाद कराने के लिए न जाने कितने भारत माता के सपूत शहीद हो गए। उन्हीं में से एक मध्य प्रदेश के मंडला जिले से थे उदय चंद्र जैन। जो अंग्रेजी हूकुमत के सामने सीना तानकर खड़े रहे। अमर शहीद उदय चंद्र जैन के परिवार को अपने लाडले की शहादत पर गर्व है, लेकिन स्थानीय प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों द्धारा की जा रही उपेक्षा से मायूस नजर आते हैं। वहीं 16 अगस्त को शहीद उदय चंद्र जैन का बलिदान दिवस मनाया जाता है।
शहीद उदय चंद्र जैन के परिवार की बहू राजकुमारी जैन का कहना है कि अब तक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का जो दर्जा मिलना चाहिए था। वो नहीं दिया गया। उनके इस बयान के बाद जिले की कलेक्टर हर्षिता सिंह का कहना है कि शहीद उदय चंद्र जैन के परिवार के लोग और कुछ सामाजिक कार्यकर्ता मुझसे मिले हैं। हमने उनसे कहा कि वो प्रॉपर मुझे एक आवेदन दें। इसके बाद हम आगे प्रक्रिया शुरू करेंगे।
दरअसल, 15 अगस्त, 1942 का वो दौर जब आंदोलन की मशाल लेकर सैंकड़ों लोग जुलूस निकाल रहे थे, तभी अंग्रेजों ने जुलूस को रोकने के लिए प्रदर्शनकारियों को चेतावनी देते हुए लाठीचार्ज कर दिया, लेकिन आंदोलनकारियों का प्रदर्शन जारी रहा और जुलूस का कारवां आगे बढ़ते रहा।
अंग्रेजों ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने की धमकी दी।
उस वक्त स्कूली छात्र रहे मंडला जिले के अमर शहीद उदय चन्द्र जिनकी उम्र उस वक्त 20 साल थी, वो अपनी कमीज की बटन खोलकर अंग्रेजी सैनिकों को ललकारने लगे। अंग्रेजी सेना ने बालक के सीने में गोली मारकर उन्हें शहीद कर दिया। महज 20 साल की उम्र में देश की आजादी के लिए अपनी जान कुर्बान कर उदय चन्द्र भारत के इतिहास में हमेशा के लिए अमर हो गए।
उदय चंद्र जैन को जिस वक्त गोली मारी गई, उस घटना के प्रत्यक्षदर्शी रहे मोहम्मद यास्मीन बताते हैं कि उदय चंद्र जैन अंग्रेजों के खिलाफ सीना तान कर खड़े हो गए थे। वो बताते हैं एक ऑफिसर नीचे खड़ा था। उसी दौरान एक पुलिस वाले को पत्थर लगा, जिसके बाद पुलिस वाले ने ऑफिसर को पकड़कर हिलाया, तब ऑफिसर ने गोली मारने का आदेश दिया। गोली लगते ही उदय चंद्र जैन नीचे गिर गए।