कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ने के लिए देश को एक और वैक्सीन मिली है। कोरोना वैक्सीन को लेकर भारत सरकार के द्वारा बनाई गई एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिश के बाद जाइडस कैडिला के द्वारा तैयार किए गए तीन डोज वाले वैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया((DCGI)) ने आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है।
भारत के केंद्रीय औषधि प्राधिकरण के एक विशेषज्ञ पैनल ने जाइडस कैडिला की तीन डोज वाली कोरोना वैक्सीन ‘जाइकोव-डी’ के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दिए जाने की सिफारिश की थी। गुरुवार को जाइडस कैडिला के आवेदन पर चर्चा के बाद समिति ने जाइकोव-डी के तीन डोज वाले वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी देने के लिए भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया को सिफारिश भेजी गई थी।
भारतीय कंपनी जाइडस कैडिला ने बीते एक जुलाई को टीके के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दिए जाने को लेकर आवेदन किया था। कंपनी का दावा है कि 50 से अधिक जगहों पर जाइकोव-डी का ट्रायल किया गया जो सबसे बड़ा सबसे क्लिनिकल ट्रायल है। करीब 28000 हजार लोगों पर जाइकोव-डी का ट्रायल किया गया और ट्रायल के परिणाम भी काफी अच्छे आए थे।
ट्रायल की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना टीका जाइकोव-डी को 12 साल से 18 साल के बच्चों के लिए भी सुरक्षित पाया गया और करीब 66 फीसदी तक प्रभावी बताया गया। साथ ही इस वैक्सीन के बारे में यह भी कहा जा रहा है कि बिना सुई की मदद के भी यह वैक्सीन लोगों को दी जा सकती है। इस वैक्सीन को मशीन की मदद से लोगों के शरीर में पहुंचाई जा सकती है। यह पहली प्लाज्मिड वैक्सीन है जिसे बिना सुई वाले इंजेक्टर से दिया जाएगा।
जाइडस कैडिला की जाइकोव-डी को मंजूरी दिए जाने के साथ ही यह भारत में छठा टीका होगा जिसे आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। अभी देश में सीरम इंस्टीट्यूट के कोविशील्ड, भारत बायोटेक के कोवैक्सीन, रूस के स्पूतनिक वी और अमेरिका के मोडर्ना एवं जॉनसन एंड जॉनसन के वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। हाल ही में जॉनसन एंड जॉनसन ने भी सरकार से अपनी कोरोना वैक्सीन के 12 से 17 साल के बच्चों पर ट्रायल के लिए इजाजत मांगी है। (भाषा इनपुट के साथ)