Coronavirus (Covid-19) Vaccine India HIGHLIGHTS: भारत में कोरोनावायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस बीच देश में वैक्सीन को लॉन्च करने की कवायद भी तेज हो गई है। भारत में फिलहाल दो कंपनियों की वैक्सीन रेस में सबसे आगे बताई जा रही हैं। इनमें भारत बायोटेक और जायडस कैडिला शामिल हैं। इसके अलावा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्रा जेनेका की संभावित वैक्सीन पर भारत के सेरम इंस्टीट्यूट ने दांव लगाया है। इन संभावित वैक्सीनों पर चर्चा के लिए आज सरकार का एक एक्सपर्ट पैनल बैठक करेगा। इसकी अध्यक्षता नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल करेंगे। बैठक में वैक्सीन के उत्पादन और उन्हें लोगों तक पहुंचाने के तरीकों पर चर्चा होगी। बताया गया है कि बैठक में रूस द्वारा तैयार की गई वैक्सीन स्पूतनिक-V पर भी चर्चा हो सकती है।

इधर, चीन ने अपने सैनिकों को कोरोना का टीका लगाने शुरू कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पीपल्‍स ल‍िबरेशन आर्मी (PLA) की मदद से बना कोरोना टीका बड़े पैमाने पर सैनिकों को लगाया जा रहा है। खास बात है कि ऐसा तब है जब टीके का तीसरे चरण में ट्रायल चल रहा है। इसके नतीजे आने से पहले ही चीन ने सैनिकों को टीका लगाना शुरू कर दिया है।

चीनी मीडिया के मुताबिक टीका विकसित करने के लिए वहां के डॉक्टर चेन वेई की खूब तारीफ हो रही है। बताया जाता है कि वैक्सीन बनाने में हालांकि उनकी आधिकारिक भूमिका नहीं है। वहीं, चीनी सेना की मेडिकल साइंस के चीफ चेन वेई ने इस वैक्‍सीन को बनाने में मुख्‍य भूमिका निभाई है।

Live Blog

06:42 (IST)13 Aug 2020
आंकड़ों के बिना स्टडी पर विश्वास करना मुश्किल

पुणे में भारतीय विज्ञान संस्थान, शिक्षा और अनुसंधान से एक प्रतिरक्षाविज्ञानी विनीता बल ने कहा कि जब तक लोगों के पास देखने के लिए क्लीनिकल परीक्षण और संख्या समेत आंकड़े नहीं हैं तो यह मानना मुश्किल है कि जून 2020 और अगस्त 2020 के बीच टीके की प्रभावशीलता पर सफलतापूर्वक स्टडी की गई है।

05:17 (IST)13 Aug 2020
रूस के कोविड-19 टीके के बारे में वैज्ञानिकों को संदेह

रूस के कोविड-19 का टीका विकसित करने पर संदेह को लेकर भारत समेत दुनिया के कई वैज्ञानिकों का कहना है कि समय की कमी को देखते हुए इसका समुचित ढंग से परीक्षण नहीं किया गया है और इसकी प्रभावशीलता साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हो सकते हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को घोषणा की थी कि उनके देश ने कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया का पहला टीका विकसित कर लिया है जो कोविड-19 से निपटने में बहुत प्रभावी ढंग से काम करता है । इसके साथ ही उन्होंने खुलासा किया था कि उनकी बेटियों में से एक को यह टीका पहले ही दिया जा चुका है। इस देश को अक्तूबर तक बड़े पैमाने पर टीके का निर्माण शुरू होने की उम्मीद है और आवश्यक कर्मचारियों को पहली खुराक देने की योजना बना रहा है। हालांकि विज्ञान समुदाय के कई लोग इससे प्रभावित नहीं हैं।

03:38 (IST)13 Aug 2020
कोविड-19 के उपचार, रोकथाम के लिए एंटीबॉडी दवा की जांच में जुटी दवा कंपनियां

कोरोना वायरस के टीके के आने में अभी कई महीने लगने के बीच कंपनियां अब एक एक नयी चीज यानी एक ऐसी दवा के परीक्षण में जुट गयी जो इस वायरस को नष्ट करने के लिए एंटीबॉडी बनाएगी । एंटीबॉडी ऐसे ऐसा प्रोटीन है जिसे शरीर संक्रमण के गिरफ्त में आने के बाद बनाता है। वह वायरस के साथ जुड़ जाता है और उसे नष्ट कर देता है। टीका दूसरे सिद्धांत पर काम करता है । टीकाकरण या संक्रमण के बाद टीके को सबसे प्रभावी एंटीबॉडी बनाने में एक या दो महीने लग सकते हैं। प्रयोग से गुजर रहीं दवाइयां विशिष्ट एंटीबॉडी के सांद्र संस्करण देकर उस प्रक्रिया को दूर कर देती हैं और उनका प्रयोगशाला और पशुओं पर परीक्षण में बहुत अच्छा असर रहा है। उत्तरी कोरोलिना विश्वविद्यालय के विषाणु विज्ञान डॉ मैरोन कोहेन ने कहा, ‘‘ किसी टीके को काम करने, एंटीबॉडी के विकास कराने में वक्त लगता है। लेकिन जब आप किसी को एंटीबाडी देते है तो उसे तत्काल सुरक्षा मिल जाती है।’’

02:15 (IST)13 Aug 2020
इन बातों को लेकर की गई चर्चा

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ‘‘विशेषज्ञ समूह ने अंतिम गंतव्य स्थान पर विशेष रूप से जोर देने के साथ टीकाकरण प्रक्रिया की निगरानी सहित टीके के प्रबंधन एवं वितरण तंत्र के लिये डिजिटल बुनियादी ढांचा तैयार करने को लेकर प्रणाली बनाने और क्रियान्वित करने पर चर्चा की।’’ मंत्रालय ने कहा, ‘‘समूह ने घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित, कोविड-19 के दोनों तरह के टीकों के लिये खरीद प्रणाली के साथ-साथ टीकाकरण के लिये आबादी के समूहों की प्राथमिकता निर्धारित करने वाले सिद्धांतों पर भी विचार विमर्श किया।’’ विशेषज्ञ समूह ने टीके की खरीद के लिये जरूरी वित्तीय संसाधन और वित्त मुहैया करने के लिये विभिन्न विकल्पों पर भी चर्चा की। टीके के वितरण के लिये उपलब्ध विकल्पों, कोल्ड चेन और टीकाकरण के लिये संबद्ध बुनियादी ढांचा तैयार करने पर भी चर्चा हुई ।

00:33 (IST)13 Aug 2020
कोविड-19 के टीके की उपलब्धता, टीकाकरण की प्रकिया पर विशेषज्ञ समूह ने चर्चा की

कोविड-19 का टीका उपलब्ध कराने के लिये गठित राष्ट्रीय विशेष समूह ने बुधवार को अपनी पहली बैठक की। इसमें टीकाकरण के लिये आबादी के प्राथमिकता वाले समूहों को निर्धारित करने वाले सिद्धांतों के साथ-साथ घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित टीकों की खरीद तंत्र पर भी विचार-विमर्श किया गया। बैठक के अध्यक्ष नीति आयोग के सदस्य डॉ वी. के. पॉल ने, जबकि सह -अध्यक्षता सचिव (केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय) ने की। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक समूह ने सभी राज्यों को यह सलाह भी दी कि वे टीके की खरीद के लिये अलग-अलग राह नहीं चुनें।

23:15 (IST)12 Aug 2020
रूस के टीके के असरदार, सुरक्षित होने को लेकर है संशय : सीसीएमबी प्रमुख

सीएसआईआर- कोशिकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केंद्र (सीसीएमबी) के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 के उपचार के लिए विकसित किए गए रूस के टीके संबंधी पर्याप्त डेटा उपलब्ध नहीं होने के कारण इस टीके के असरदार होने और इस्तेमाल के लिए सुरक्षित होने के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता। सीसीएमबी के निदेशक राकेश के मिश्रा ने कहा कि यदि लोग ‘‘भाग्यशाली’’ रहे तो रूस का टीका असरदार साबित होगा।

22:13 (IST)12 Aug 2020
राज्य टीके की खरीद के लिये अलग-अलग राह नहीं चुनेंः स्वास्थ्य मंत्रालय

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक समूह ने सभी राज्यों को यह सलाह भी दी कि वे टीके की खरीद के लिये अलग-अलग राह नहीं चुनें। मंत्रालय ने कहा, ‘‘विशेषज्ञ समूह ने अंतिम गंतव्य स्थान पर विशेष रूप से जोर देने के साथ टीकाकरण प्रक्रिया की निगरानी सहित टीके के प्रबंधन एवं वितरण तंत्र के लिये डिजिटल बुनियादी ढांचा तैयार करने को लेकर प्रणाली बनाने और क्रियान्वित करने पर चर्चा की।’’

21:41 (IST)12 Aug 2020
डब्ल्यूएचओ का टीका निर्माताओं को निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करने का निर्देश

वायरोलॉजिस्ट उपासना रे के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने टीके के निर्माताओं को निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए कहा है। वहीं, नई दिल्ली के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी से प्रतिरक्षाविज्ञानी ने कहा कि हालांकि यह इसका उपयोग प्रारंभिक सूचना है, लेकिन यह इसकी प्रभावशीलता का सबूत नहीं है। इसकी प्रभावशीलता के वास्तविक प्रमाण के बिना वे टीके को उपयोग में ला रहे हैं।

21:02 (IST)12 Aug 2020
रूस को अक्तूबर तक बड़े पैमाने पर टीके का निर्माण की उम्मीद

रूस को अक्तूबर तक बड़े पैमाने पर टीके का निर्माण शुरू होने की उम्मीद है और आवश्यक कर्मचारियों को पहली खुराक देने की योजना बना रहा है। हालांकि विज्ञान समुदाय के कई लोग इससे प्रभावित नहीं हैं।

20:33 (IST)12 Aug 2020
अमेरिकी प्रोफेसर ने रूस के टीके की सुरक्षा पर सवाल उठाए

अमेरिका के माउंट सिनाई के इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन में प्रोफेसर फ्लोरियन क्रेमर ने टीके की सुरक्षा पर सवाल उठाए। क्रेमर ने ट्वीटर पर कहा, ‘‘निश्चित नहीं है कि रूस क्या कर रहा है, लेकिन मैं निश्चित रूप से टीका नहीं लूंगा जिसका चरण तीन में परीक्षण नहीं किया गया है। कोई नहीं जानता कि क्या यह सुरक्षित है या यह काम करता है। वे एचसीडब्ल्यू (स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ता) और उनकी आबादी को जोखिम में डाल रहे है।’’

19:43 (IST)12 Aug 2020
रूस ने नहीं दी वैक्सीन से जुड़ी अहम जानकारियां

रूस की वैक्सीन को लेकर दुनियाभर के विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं। रूस ने दुनिया को यह नहीं बताया कि उसकी वैक्सीन का ट्रायल कितने लोगों पर किया गया। उसने यह भी नहीं बताया कि कितने स्टेज में वैक्सीन का परीक्षण किया।

19:02 (IST)12 Aug 2020
चीन के टीके को जून में ही मिल चुकी है अप्रूवल

चीन में कैनसिनो बायोलॉजिकल द्वारा विकसित एक टीका जून में ही अप्रूव किया जा चुका है। लेकिन यह केवल सीमित उपयोग के लिए था, जिसे पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों को दिया जाना था। चीन की एकेडमी ऑफ मिलिट्री मेडिकल साइंसेज वैक्सीन की सह-डेवलपर है।

18:26 (IST)12 Aug 2020
भारत में अभी रूसी टीके के उत्पादन के लिए कोई समझौता नहीं

भारत में अभी रूसी टीके के उत्पादन के लिए कोई समझौता नहीं हुआ है। वहीं, पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, वॉल्यूम के हिसाब से टीकों की दुनिया की सबसे बड़ी निर्माता कंपनी है, जो पहले से ही अपने टीकों का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने के लिए डेवलपर्स के साथ गठजोड़ कर चुकी है। अन्य भारतीय कंपनियों ने भी इसी तरह के समझौते किए हैं। 

17:40 (IST)12 Aug 2020
वैक्सीन से बुखार आएगा लेकिन कोरोना से छुटकारा मिल जाएगा: रूस

रूस ने जिस वैक्सीन को कोरोना के लिए विकसित किया है उसके लगाने पर बुखार आएगा लेकिन कोरोना से छुटकारा मिल जाएगा। गामालेया नेशनल रिसर्च सेंटर के निदेशक एलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग का कहना है ऐसा इम्युनिटी बढ़ने के चलते होता है लेकिन पैरासिटामॉल लेने के बाद बुखार ठीक हो जाएगा।

16:39 (IST)12 Aug 2020
कोरोना वैक्सीन विकसित करना कोई रेस नहींः अमेरिका

अमेरिकी स्वास्थ्य सचिव एलेक्स अजार का कहना है कि कोरोना वैक्सीन विकसित करना कोई रेस नहीं है। अमेरिकी सचिव की तरफ से यह टिप्पणी उनकी ताइवान की यात्रा के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की उस घोषणा के बाद आई जिसमें उन्होंने रूस में कोरोना की वैक्सीन तैयार होने का दावा किया था। अजार का कहना है कि अमेरिका अपनी सरकार, अर्थव्यवस्था और बायोफर्मासिटिकल उद्योग की शक्तियों को "संयुक्त राज्य के नागरिकों और दुनिया के लोगों के लिए भी, सुरक्षित और प्रभावी टीके न को जल्दी से जल्दी वितरित कर सकता है।

16:10 (IST)12 Aug 2020
रूसी वैक्सीन के इस्तेमाल से पहले इसकी सुरक्षा को परखना जरूरीः गुलेरिया

भारत में ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) के निदेशक और कोरोना टास्क फोर्स के प्रमुख डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने साफ कहा है कि रूस की वैक्सीन के इस्तेमाल से पहले इसकी सुरक्षा को परखना जरूरी होगा। उन्होंने कहा कि अभी कई ऐसी चीजें हैं, जिसके बारे में जानकारी साफ होनी है।

15:32 (IST)12 Aug 2020
नई वैक्सीन के ऐलान के बीच रूस में कोरोना के 9 लाख केस हुए

रूस ने मंगलवार को कोरोना की वैक्सीन स्पूतनिक-V का ऐलान कर दुनियाभर को चौंका दिया। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने खुद बताया कि रूस में वैक्सीन का उत्पादन शुरू हो गया है और उनकी बेटी को इसकी डोज दी गई है। इसके बावजूद अब तक रूस में कोरोना के केस 9 लाख का आंकड़ा पार कर चुके हैं। कोरोना के मामलों में रूस का अमेरिका, ब्राजील और भारत के बाद चौथा स्थान है।

14:36 (IST)12 Aug 2020
WHO की मंजूरी के बिना रूसी वैक्सीन के प्रसार का रास्ता मुश्किल

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि रूस ने वैक्सीन बनाने के लिए तय दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया है, ऐसे में इस वैक्सीन की सफलता पर भरोसा करना मुश्किल है। वैक्सीन उत्पादन के लिए कई गाइडलाइन्स बनाई गई हैं, जो टीमें भी ये काम कर रहीं हैं, उन्हें इसका पालन करना ही होगा। हाल ही में रूस ने वैक्सीन पर सभी क्लिनिकल ट्रायल खत्म होने का ऐलान किया था।

14:03 (IST)12 Aug 2020
रूस में भी अभी जारी रहेगा स्पूतनिक-V वैक्सीन का ट्रायल

रूस के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, वैक्सीन- स्पूतनिक-V ट्रायल के जो परिणाम सामने आए हैं। उनमें बेहतर इम्युनिटी विकसित होने के प्रमाण मिले हैं। दावा किया कि किसी वॉलंटियर्स में निगेटिव साइड-इफेक्ट नहीं देखने को मिले। लैब को वैक्सीन के अप्रूवल का इंतजार है। इसकी अनुमति मिलते ही यह लोगों तक पहुंचाई जा सकेगी। हालांकि, अभी इस वैक्सीन के बड़े स्तर पर तीन-चार ट्रायल किए जाने हैं। 

13:32 (IST)12 Aug 2020
रूस ने कोरोना वैक्सीन की वेबसाइट लॉन्च की

रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड यानी RDIF ने कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-V के लिए एक वेबसाइट लॉन्च की है। RDIF ने जो वेबसाइट लॉन्च की है, उसका नाम sputnikvaccine.com है। इसकी जानकारी भारत में स्थित रूस के दूतावास ने अपने फेसबुक पेज पर शेयर की है। वेबसाइट में वैक्सीन की जानकारी के साथ इससे जुड़े सारे तथ्य और सवाल-जवाब का भी एक सेक्शन दिया गया है, जिससे लोग कई आम सवालों के जवाब जान सकते हैं। 

12:50 (IST)12 Aug 2020
रूसी वैक्सीन की 20 से ज्यादा देशों में मांग, यूएई-सऊदी में अगले चरण का ट्रायल

रूस की कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-V के उत्पादन के लिए 20 से अधिक देशों ने आवेदन दिया है। रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) के प्रमुख किरिल दिमित्रेव का कहना है कि बीस देशों ने वैक्सीन की करोड़ों डोज की मांग की है। किरिल के अनुसार, मांग करने वालों में लैटिन अमेरिकी, मध्य पूर्व और कुछ एशियाई देश शामिल हैं।  कुछ के साथ डील भी हो गई है। उन्होंने ये भी बताया कि तीसरे चरण का ट्रायल यूएई और सऊदी अरब समेत अन्य देशों में होगा।

12:20 (IST)12 Aug 2020
रूस की वैक्सीन को लेकर ज्यादा सावधान रहने की जरूरतः डॉक्टर

दुनियाभर में कोरोनावायरस के केस अब 2 करोड़ का आकंड़ा पार कर चुके हैं। भारत में भी अब तक 23 लाख से ज्यादा संक्रमित मिले हैं। इस बीच रूस के वैक्सीन का ऐलान करने से कुछ राहत मिली है। लेकिन ज्यादातर देशों में इस वैक्सीन की सफलता को लेकर शक जाहिर किया जा रहा है। भारत में भी इसे लेकर चीजें अभी साफ नहीं हैं। एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया के बाद मुंबई के डॉक्टरों ने भी रूसी वैक्सीन के प्रति सावधान रहने की बात कही। जसलोक हॉस्पिटल के डॉक्टर ओम श्रीवास्तव के मुताबिक, दुनिया में पहले वैक्सीन 3 से 5 साल में तैयार होती थीं। इनमें कई चरण पर ट्रायल होते थे। कोरोना के समय में उन चरणों को पहले ही हटा दिया गया है। ऐसे में इस बात का भी चांस है कि जल्दबाजी में कुछ अन्य जरूरतों का ध्यान न रखा जाए। इसलिए नई वैक्सीन के प्रभावों पर सावधानी बरतनी जरूरी है।

11:49 (IST)12 Aug 2020
रूस से पहले चीन भी कर चुका है वैक्सीन बनाने का ऐलान, पर सैनिकों तक सीमित रखा इस्तेमाल

रूस ने कोरोनावायरस महामारी के खिलाफ वैक्सीन का ऐलान कर हलचल पैदा कर दी है। माना जा रहा है कि अगले तीन से चार महीनों में यह वैक्सीन दुनियाभर में मुहैया कराई जाएगी। हालांकि, रूस की वैक्सीन पहली नहीं है। इससे पहले चीन भी एक वैक्सीन बनाने का ऐलान कर चुका है। चीनी कंपनी कैनसिनो बायलॉजिकल्स ने जून में एक वैक्सीन का ऐलान किया था। लेकिन इसे सिर्फ पीएलए के सैनिकों को ही सीमित मात्रा में देने की बात कही गई थी। अब तक उस वैक्सीन के प्रभाव पर चीन ने कोई खुलासा नहीं किया है।

11:15 (IST)12 Aug 2020
ब्रिटेनः सिर्फ 53 फीसदी लोगों को ही वैक्सीन मिलने का भरोसा

दुनियाभर में कोरोना वैक्सीन की तरफ बढ़ते कदमों के बीच लोगों में महामारी को हराने का हौसला भी बढ़ रहा है। कई देशों में लोगों ने वैक्सीन के प्रति अति-उत्साह भी दिखाया है। पर कुछ ऐसे देश भी हैं, जहां लोगों को या तो वैक्सीन मिलने का भरोसा नहीं है, या फिर उन्हें इसके प्रभाव पर शक है। ब्रिटेन में किंग्स कॉलेज की ओर से किए गए एक सर्वे में सामने आया है कि सिर्फ 53 फीसदी लोगों को ही वैक्सीन मिलने का भरोसा है या इसे लेकर उत्साह है। करीब 16 फीसदी लोगों को लगता है कि उन्हें अभी वैक्सीन नहीं मिलेगी।

10:39 (IST)12 Aug 2020
कोविड अस्पताल में नहीं मिल रहे जीवनरक्षक इंजेक्शन रेमडेसिविर

मध्य प्रदेश में कोरोनावायरस के बढ़ते केसों के बीच अब कोविड अस्पतालों में मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन तक का इंतजाम नहीं हो पा रहा है। राज्य के सबसे आधुनिक शहर इंदौर में तो आलम यह है कि मरीजों और उनके परिजनों को खुद ही बाहर के मेडिकल स्टोरों पर जा कर रेमडेसिविर का इंजेक्शन लाना पड़ रहा है। पढ़ें पूरी खबर...

10:08 (IST)12 Aug 2020
कोरोना वैक्सीन के लिए अमेरिकी सरकार का मॉडर्ना से 10 करोड़ डोज का करार

अमेरिकी सरकार ने दवा कंपनी मॉडर्ना से कोरोना की संभावित वैक्सीन के लिए अभी से करार कर लिया है। इसके तहत मॉडर्ना वैक्सीन के अप्रूव हो जाने के बाद 10 करोड़ डोज सप्लाई करेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद इसकी जानकारी दी। बताया गया है कि यह डील करीब 1.5 अरब डॉलर की है।

09:28 (IST)12 Aug 2020
भारत में ज्यादातर वैक्सीन फेज-2 या 3 ट्रायल में, हमारे पास बड़े स्तर पर उत्पादन की क्षमता

भारत में कोरोना की संभावित वैक्सीन की टेस्टिंग का काम जारी है। भारत बायोटेक और जायडस कैडिला समेत कई कंपनियां जल्द से जल्द ट्रायल पूरा कर वैक्सीन लॉन्च करने पर ध्यान दे रही हैं। इस बीच एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि भारत की ज्यादातर वैक्सीन दूसरे या तीसरे फेज के ट्रायल में हैं। हमारे पास उत्पादन की क्षमता भी काफी ज्यादा है।

08:56 (IST)12 Aug 2020
ओडिशा: बीएमसी ने शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर शुरू की एंटीजन टेस्टिंग

ओडिशा में कोरोना के बढ़ते केसों के बीच मंगलवार से राजधानी भुवनेश्वर के शहरी केंद्रों में एंटीजन टेस्टिंग शुरू हो गई। भुवनेश्वर नगरपालिका (बीएमसी) ने लोगों से अपील की है कि सभी लोग अपने नजदीकी केंद्रों पर कोरोना की मुफ्त जांच कराने पहुंचें। बताया गया है कि अभी 9 केंद्र शुरू कर दिए गए हैं, आज 7 और में काम शुरू हो जाएगा। बता दें कि ओडिशा में कोरोना के केस अब 50 हजार के करीब पहुंचने वाले हैं।

08:22 (IST)12 Aug 2020
रूस की वैक्सीन का तीसरे फेज का ट्रायल ही पूरा नहीं?

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा कोरोना के इलाज के लिए लॉन्च की गई वैक्सीन स्पूतनिक-V को लेकर कई देशों में खुशी का माहौल है। हाालंकि, वैज्ञानिकों ने इसके प्रभावी होने पर सवाल उठाया है। भारत में भी इस वैक्सीन को ट्रायल से गुजरना होगा। दरअसल, रूस ने पहले बताया था कि इस वैक्सीन का दो फेज का ट्रायल पूरा हुआ है, हालांकि तीसरे फेज की कोई भी जानकारी रूसी स्वास्थ्य विभाग की तरफ से नहीं दी गई है। यह फेज वैक्सीन के लिए काफी अहम माना जाता है, क्योंकि इसी दौरान टेस्टिंग के लिए लोगों को बड़ी संख्या में वैक्सीन दी जाती है और उन पर वैक्सीन के असर का पता लगाया जाता है। इस फेज में ही वैक्सीन के साइड इफेक्ट और इसके प्रभावी होने की जानकारी भी मिलती है।

07:37 (IST)12 Aug 2020
वैक्सीन को लेकर आज होगी एक्सपर्ट टीम की बैठक, रूस की वैक्सीन पर हो सकती है चर्चा

स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि भारत में तीन प्रकार की वैक्सीन पर काम चल रहा है। तीनों वैक्सीन अभी ट्रायल फेज में हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने बताया कि वैक्सीन को लेकर एक एक्सपर्ट की टीम गठित की गई है जिसकी बैठक बुधवार को होगी। इस दौरान यह भी तय किया जाएगा कि रूस की वैक्सीन भारत के लिए उचित है या नहीं। इस दौरान इस बात पर भी चर्च की जाएगी कि किस तरह से इस वैक्सीन को भारत लाया जाए और इसकी वितरण प्रणाली क्या होगी।

06:06 (IST)12 Aug 2020
ट्रायल पूरा होने तक वैकल्पिक दवा का सहारा

एम्स में मरीजों के इलाज के लिए रेमडेसेविर दवाई का इस्तेमाल हो रहा है और परिणाम काफी उत्साहजनक बताए जा रहे हैं। यही वजह है कि अब इस दवाई को अलग अलग राज्यों में भी इस्तेमाल किया जा रहा है। जब कंपनी को वैक्सीन के ट्रायल की मंजूरी मिल जाती है तो वह वॉलंटियर्स के लिए विज्ञापन देती है। साथ ही जो लोग वॉलंटियर बनने के इच्छुक हैं वो खुद भी क्लीनिकल ट्रायल रजिस्ट्री पर जाकर सर्च कर सकते हैं। वॉलंटियर बनने के लिए व्यक्ति का स्वस्थ होना आवश्यक है।

06:05 (IST)12 Aug 2020
वैक्सीन ट्रायल में काफी समय लगता है

कई बार ट्रायल के दौरान वालंटियर्स के शरीर पर इसका गलत प्रभाव पड़ता है। जिसके चलते वैक्सीन पर फिर से रिसर्च की जाती है और कमी को दूर करने का प्रयास किया जाता है। इसके अलावा देश के अलग अलग लोगों पर इसका ट्रायल किया जाता है, जिसमें कई बार काफी समय लगता है।

01:57 (IST)12 Aug 2020
रूस के कोविड-19 टीके की सुरक्षा को लेकर अमेरिका को संदेह

अमेरिका के स्वास्थ्य एवं मानव सेवा सचिव एलेक्स अजार ने कहा है कि कोविड-19 का पहला टीका बनाने की जगह कोरोना वायरस के खिलाफ एक प्रभावी और सुरक्षित टीका बनाना ज्यादा महत्वपूर्ण है। ताइवान की यात्रा पर आए अजार से एबीसी ने मंगलवार को पूछा कि रूस की इस घोषणा के बारे में वह क्या सोचते हैं कि वह कोरोना वायरस के टीके का पंजीकरण करने वाला पहला देश बन गया है। अजार ने कहा, ‘‘विषय पहले टीका बनाने का नहीं है। विषय ऐसा टीका बनाने का है जो अमेरिकी लोगों और विश्व के लोगों के लिए सुरक्षित तथा प्रभावी हो।’’

23:24 (IST)11 Aug 2020
दिसंबर की शुरुआत में कोविड-19 वैक्सीन होगी लांच

भारत को इस साल के आखिर तक कोरोना का टीका तैयार हो सकता है। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ आदर पूनावाला ने ऐसा दावा किया है। एक चैनल से बातचीत में उन्‍होंने कहा कि दिसंबर की शुरुआत में कंपनी कोविड-19 वैक्‍सीन लॉन्‍च कर देगी।

22:25 (IST)11 Aug 2020
वैक्सीन लगाने पर आएगा बुखार!

रूस ने जिस वैक्सीन को कोरोना के लिए विकसित किया है उसके लगाने पर बुखार आएगा लेकिन कोरोना से छुटकारा मिल जाएगा। गामालेया नेशनल रिसर्च सेंटर के निदेशक एलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग का कहना है ऐसा इम्युनिटी बढ़ने के चलते होता है लेकिन पैरासिटामॉल लेने के बाद बुखार ठीक हो जाएगा।

19:47 (IST)11 Aug 2020
रूस के वैक्सीन बनाने पर क्या बोले एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया

रूस ने मंगलवार को दावा किया कि उसने कोरोना की पहली वैक्सीन तैयार कर ली है। इस पर एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि हमें देखना होगा कि क्या रूस की वैक्सीन कारगर है और सुरक्षित है। अगर ऐसा होता है तो भारत के पास इस वैक्सीन को तैयार करने की अपार क्षमता है।

18:51 (IST)11 Aug 2020
वैक्सीन को लेकर होगी एक्सपर्ट्स की टीम गठित

स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि भारत में तीन प्रकार की वैक्सीन पर काम चल रहा है। तीनों वैक्सीन अभी ट्रायल फेज में हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने बताया कि वैक्सीन को लेकर एक एक्सपर्ट की टीम गठित की गई है जिसकी बैठक बुधवार को होगी।

16:39 (IST)11 Aug 2020
अक्टूबर तक लगने लगेगी कोरोना वैक्सीन

रूस ने लगभग एक महीने पहले ही इस बात के संकेत दिए थे कि वे 10 से 12 अगस्त के बीच कोरोना की वैक्सीन रजिस्टर्ड करा लेंगे। वहीं, अमेरिका और ब्रिटेन रूस की वैक्सीन पर भरोसा नहीं जता रहे हैं। इसके अलावा रूस पर वैक्सीन बनाने का फॉर्मूला चुराने के आरोप लग रहे हैं। सितंबर से इस वैक्सीन का उत्पाद करने और अक्टूबर से इसे लोगों को लगाने की तैयारी है।

15:41 (IST)11 Aug 2020
रूस ने बना ली विश्व की ‘पहली’ COVID-19 Vaccine, बेटी को भी दी गई- राष्ट्रपति पुतिन की घोषणा

कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच रूस ने दावा किया है उसने कोविड-19 की वैक्सीन तैयार कर ली है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस बात की घोषणा उन्होंने बताया कि कोरोना की वैक्सीन तैयार कर ली गई है और इसे स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से अप्रुवल भी मिल गया है। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी को कोरोना की वैक्सीन लगाई भी गई है।

14:47 (IST)11 Aug 2020
बहुत असरदार वैक्सीन बनने के चांस कम

कोरोना वैक्सीन बनाने को लेकर पूरी दुनिया में कोशिशें चल रही हैं। अब व्हाइट हाउस की कोरोना वायरस टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. एंथनी फौसी ने कहा है कि वैज्ञानिक बेहद असरदार कोरोना वैक्सीन बना पाएंगे और यह 98 फीसदी तक असरदार होगी, इसके चांस बेहद कम हैं। फौसी ने कहा कि वैज्ञानिक उम्मीद कर रहे हैं कि कोरोना वायरस वैक्सीन कम से कम 75 फीसदी असरकारक हो लेकिन 50 और 60 फीसदी असरकारक वैक्सीन भी मंजूर होगी।