बीसीसीआइ अनुशासन समिति ने दागी क्रिकेटरों अजित चंदीला और हिकेन शाह पर फैसला पांच जनवरी तक स्थगित कर दिया और उन्हें उनके खिलाफ लगे स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों का चार जनवरी तक जवाब देने का समय दिया है। बोर्ड अध्यक्ष शशांक मनोहर, ज्योतिरादित्य सिंधिया और निरंजन शाह की तीन सदस्यीय समिति ने गुरुवार को क्रिकेट सेंटर में बैठक करके इन खिलाड़ियों को संभावित सजा संबंधी फैसला अगले साल पांच जनवरी तक टाल दिया। चंदीला को पुलिस ने 2013 के आइपीएल मैचों की स्पॉट फिक्सिंग करने के प्रयास में राजस्थान रायल्स के उनके दो अन्य साथियों एस श्रीसंत और अंकित चव्हाण के साथ गिरफ्तार किया था। श्रीसंत और चव्हाण पर बीसीसीआइ ने आजीवन प्रतिबंध लगा रखा है।

शाह ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट के अपने एक साथी जो आइपीएल टीम में भी था से संपर्क किया था। इस खिलाड़ी ने अपनी फ्रेंचाइजी टीम को इस बारे में जानकारी दी जिसने इस बारे में बीसीसीआइ की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई को सूचित किया। एसीयू प्रमुख रवि सावनी भी बैठक में उपस्थित थे। बैठक के बाद चंदीला ने कहा कि नई अनुशासन समिति के सदस्यों ने भी मुझसे वही सवाल किए जो दिल्ली पुलिस ने किए थे। मैंने जो दिल्ली पुलिस को बताया था उसे बता दिया। सभी जानते हैं कि अदालत ने क्या कहा था। मुझे इस नई समिति से न्याय की उम्मीद है। मैं नहीं जानता कि फैसला कब दिया जाएगा। चंदीला ने कहा कि शशांक जी, निरंजन जी और सिंधिया जी ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए मुझसे सवाल किए। रवि सवानी भी वहां थे। मुझे पूछे गए सवालों की प्रतिलिपि भी मिली है और जवाब दे दिए हैं।

दूसरी तरफ, शाह पर मुंबई रणजी टीम के अपने एक साथी के सामने कथित तौर पर ‘अनुचित पेशकश’ रखने का आरोप है। समिति ने पूर्व पाकिस्तानी अंपायर असद रऊफ को उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के संबंध में नोटिस जारी करने का भी फैसला किया। रऊफ के खिलाफ स्पॉट फिक्सिंग मामले में आरोप पत्र दायर है। उन्हें पाकिस्तान के 15 सट्टेबाजों के साथ ‘वांछित आरोपी’ घोषित किया गया था। रऊफ ने हालांकि खुद को निर्दोष करार दिया और उसके बाद वे कभी भारत दौरे पर नहीं आए।