मंगलवार को खबर आई कि यूट्यूबर अजीत भारती को नोएडा पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। अजीत भारती को पहले नोएडा सेक्टर-58 थाने में लाया गया और फिर डीसीपी ऑफिस, 12/22 ले जाया गया। यहां पर अजीत भारती से पूछताछ की गई। हालांकि अब अजीत भारती ने X पर एक पोस्ट में कहा कि मैं सकुशल हूं। कोई गिरफ्तारी नहीं हुई, कोई कस्टडी नहीं। आप लोग चिंतित न हों। ये पत्रकार जीवन का एक अंग है।

अजीत भारती ने CJI गवई पर की थी टिप्पणी

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई पर जूता फेंकने की घटना सामने आई थी। इसके बाद कथित तौर पर अजीत भारती ने भड़काऊ टिप्पणी की, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की। बिहार के बेगूसराय निवासी अजीत भारती और उनके दो पॉडकास्ट मेहमानों पर मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई के लिए अपमानजनक भाषा के प्रयोग का आरोप लगा। अजीत भारती के यूट्यूब चैनल की यह क्लिप सोशलमीडिया पर काफी शेयर की गयी।

इन क्लिप के वायरल होने पर प्रतिक्रिया देते हुए अजीत भारती ने अपनी प्रतिक्रिया दोहराई और शो के कुछ घंटों बाद अपने एक्स और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो डाला, जिसमें मुख्य न्यायाधीश पर ताना मारा गया और घटना पर व्यंग्य किया। भारती ने एक्स पर की गयी पोस्ट में सीजेआई के लिए असंसदीय भाषा का प्रयोग किया।

सीजेआई पर फेंका जूता, कभी महिला जज के खिलाफ अश्लील टिप्पणी; पहले भी जजों को करना पड़ा है असहज स्थिति का सामना

इससे पहले एक 71 वर्षीय वकील द्वारा सीजेआई पर जूता फेंकने का प्रयास करने पर अजीत भारती ने सोशलमीडिया साइट एक्स पर लिखा, “अधिवक्ता राकेश किशोर ने कहा कि प्रश्न यह नहीं है कि उन्होंने जूता उतारा, प्रश्न यह होना चाहिए कि एक पढ़े लिखे, MSc गोल्ड मेडलिस्ट को इस कार्य के लिए विवश होना पड़ा। आगे वो कहते हैं कि ये जो दलित-दलित की बात हो रही है, संभव है कि मैं भी दलित होऊं क्योंकि मेरे नाम से तो पता नहीं चलता कि मैं कौन हूं। यह कार्य मैंने ईश्वरीय प्रभाव में आ कर किया। मैंने कल भी यही कहा था। पुनः आज भी यही कहूंगा कि यदि जज लोग नहीं सुधरे, यदि वो न्याय की जगह बकलोली करते रहे, तो जनता की आस्था समाप्त होगी और धैर्य टूट जाएगा। बात यह नहीं है कि कल कोई और जूता मार देगा, बात यह है कि किसी ने आज जज के ऊपर जूता खोल लिया है। CJI के शब्दों के विरोध में जूता उतार लेना स्वयं में एक बहुत बड़ी घटना है। यह जज को जूता मारने से बड़ी घटना है।”