कांग्रेस पार्टी को दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित सरकारी बंगले को खाली करने के लिए नोटिस दिया गया है। शहरी एवं आवास मंत्रालय ने यह नोटिस जारी किया है। यह नोटिस 25 मार्च को ही भेजा गया था। नोटिस में कहा गया कि इस बंगले को खाली करने के लिए नोटिस दिया जाता है। 26 जून 2013 को आवंटन रद्द होने के बाद भी पार्टी ने अभी तक बंगले पर कब्जा जारी रखा हुआ है। वर्तमान में इस बंगले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सचिव रहते हैं।
द हिन्दू की एक रिपोर्ट के अनुसार मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि पार्टी को 24 अकबर रोड सहित चार सरकारी बंगले आवंटित किए गए हैं, जिसमें एक राष्ट्रीय पार्टी के कार्यालय के रूप में है। भूमि और विकास कार्यालय की नीति के अनुसार कांग्रेस को 2010 में राउज़ एवेन्यू पर अपना कार्यालय बनाने के लिए जमीन आवंटित की गई थी। उसके तीन साल बाद कांग्रेस पार्टी को कार्यालय के रूप में दिए गए किसी भी सरकारी बंगले को खाली करने के लिए कहा गया था।
वहीं इस पूरे घटनाक्रम से परिचित एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी को पहले भी इस तरह के नोटिस मिले थे और पार्टी चाणक्यपुरी का घर खाली करने की प्रक्रिया में है। ऐसे समय में जब चाणक्यपुरी स्थित सभी सरकारी बंगलों को राजनीतिक दलों को खाली करने के लिए निर्देश मिल रहें हैं, ऐसे में भारतीय जनता पार्टी को भी 11 अशोका रोड पर आवंटित हुआ बंगला छोड़ना पड़ सकता है। एक अधिकारी ने बताया कि चाणक्यपुरी में समय से अधिक रहने के लिए कांग्रेस पर लगभग 3 करोड़ रुपए का नुकसान शुल्क लगाया जा सकता है।
चिराग पासवान को भी छोड़ना पड़ा बंगला: हाल ही में रामविलास पासवान के बेटे और सांसद चिराग पासवान को भी अपना 32 साल पुराना सरकारी आवास छोड़ना पड़ा। बता दें कि यह आवास रामविलास पासवान को आवंटित हुआ था। वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री होने के नाते उन्हें काफी बड़ा आवास आवंटित हुआ था, लेकिन उनके निधन के बाद चिराग पासवान को आवास छोड़ना पड़ा और अब उनको सांसद फ्लैट में शिफ्ट होना पड़ेगा।
शरद यादव को कोर्ट से राहत: वहीं बंगला छोड़ने के मामले में सुप्रीम कोर्ट से शरद यादव को राहत मिली है। दरअसल शरद यादव सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे और उन्होंने कोर्ट से अपील की थी कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है और इस कारण उन्हें तत्काल बंगला छोड़ने के लिए ना कहा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने शरद यादव को 31 मई 2022 तक बंगला छोड़ने के लिए समय दिया है।