बीजेपी ने कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी पर आरोप लगाया था कि भारतीय नागरिक बनने से पहले ही उनका नाम वोटर लिस्ट में था, इसे लेकर कांग्रेस ने पलटवार किया है। केरल कांग्रेस ने गुरुवार को X पर की गई पोस्ट में कहा, “बीजेपी का फोटोशॉप तो वाकई अच्छा है लेकिन आपने गलती कर दी है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली का गठन 1991 के 69वें संविधान संशोधन एक्ट द्वारा किया गया था जबकि 1980 में दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश था।”
कांग्रेस के अलावा विपक्षी दल तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने भी X पर की गई पोस्ट में बीजेपी की आईटी विंग के प्रभारी अमित मालवीय पर हमला बोला।
भारत का नागरिक बनने से पहले ही वोटर बन गई थीं सोनिया गांधी
गोखले ने कहा कि एनसीटी, दिल्ली का गठन 2 जनवरी, 1992 को हुआ था और इस संबंध में शेयर किया गया डॉक्यूमेंट शायद 1980 का है और तब एनसीटी, दिल्ली अस्तित्व में ही नहीं थी। उन्होंने कहा कि जालसाजी के लिए कानून की धाराओं के तहत 7 साल की कैद की सजा हो सकती है।
गोखले ने पूछा है कि क्या चुनाव आयोग के अंदर इस बात की हिम्मत है कि वह दस्तावेजों में हेराफेरी करने के लिए बीजेपी की आईटी सेल के प्रमुख के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सके?
अमित मालवीय ने क्या कहा था?
अमित मालवीय ने X पर 1980 की एक वोटर लिस्ट की कॉपी को शेयर किया था। इसमें नई दिल्ली लोकसभा सीट के सफदरजंग रोड स्थित पोलिंग स्टेशन नंबर 145 की वोटर लिस्ट में इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, संजय गांधी, सोनिया गांधी और मेनका गांधी का नाम दर्ज था। मालवीय ने आरोप लगाया था कि उस समय सोनिया गांधी इटली की नागरिक थीं और भारत की वोटर लिस्ट में उनका नाम होना कानून का उल्लंघन है। बीजेपी के नेताओं ने आरोप लगाया कि बिना नागरिकता के ही सोनिया गांधी का नाम दो बार वोटर लिस्ट में जोड़ा गया और यह एक बड़ी गड़बड़ी है।
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