Amit Shah vs Mallikarjun Kharge: राज्यसभा में कार्यवाही के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुपस्थिति को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच तीखी नोकझोंक हुई। जिसके बाद विपक्षी सांसदों ने बुधवार को राज्यसभा से वॉकआउट किया।

मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में विपक्षी सांसदों ने मांग की कि प्रधानमंत्री राज्यसभा में आएं और उन्हें ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दें, जैसा कि उन्होंने मंगलवार को लोकसभा में विपक्ष के आरोपों पर जवाब दिया था।

खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को सदन में आना चाहिए था, क्योंकि विपक्ष के कई सवाल सीधे तौर पर उनसे संबंधित थे। राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि इस सदन के सदस्यों की पहले से ही मांग थी कि 16 घंटे की चर्चा के बाद प्रधानमंत्री यहां आएं और अपने विचार रखें, खासकर इसलिए क्योंकि हमारे कई सवाल सीधे तौर पर उनसे जुड़े हैं। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि आप (अमित शाह ) जवाब देने में सक्षम नहीं हैं, लेकिन अगर प्रधानमंत्री मौजूद हैं और फिर भी इस सदन में नहीं आते हैं, तो यह सदन का अपमान है। सदन का अपमान करना सही नहीं है।

इसका जवाब देते हुए सदन के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि खड़गे, मैं आपको सूचित करना चाहूंगा कि मैंने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि सरकार की ओर से कोई भी मंत्री जवाब दे सकता है, यह नियम है। आप किसी को मजबूर नहीं कर सकते।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अमित शाह ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे यह मुद्दा उठा रहे हैं, जिन्हें उनकी अपनी पार्टी ही महत्वपूर्ण मामलों पर बोलने की अनुमति नहीं देती। शाह ने कहा कि खड़गे यह मुद्दा उठा रहे हैं, जबकि उनकी अपनी पार्टी (कांग्रेस) उन्हें महत्वपूर्ण मामलों पर बोलने की अनुमति नहीं देती है।

‘PoK आपने दिया, वापस हम लेंगे’, राज्यसभा में बोले अमित शाह

राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष फिर खड़े हुए और उपसभापति से कहा कि आप हर मुद्दे पर बीच में बोलते हैं। इसके बाद विपक्षी सांसदों ने सदन से वाकआउट कर दिया। उन पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि विपक्षी सदस्य इस बहस को सुनने के लिए तैयार नहीं हैं, क्योंकि वे इतने वर्षों तक आतंकवाद को रोकने में असमर्थ रहे।

अमित शाह ने कहा कि विपक्ष की मांग उचित नहीं है, क्योंकि कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि चर्चा जब तक चाहें, चल सकती है, लेकिन यह सरकार पर निर्भर है कि वह इस पर कौन जवाब देगा। उन्होंने आगे कहा कि मुझे पता है कि वे क्यों जा रहे हैं, क्योंकि इतने सालों तक, अपने वोट बैंक की रक्षा के नाम पर, उन्होंने आतंकवाद को रोकने के लिए कुछ नहीं किया। वे इस बहस को सुनना ही नहीं चाहते। वहीं,ऑपरेशन सिंदूर को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में जोरदार भाषण दिया। पढ़ें…पूरी खबर।