ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर के मामले में दिल्ली पुलिस को हाईकोर्ट में उस समय नीचा देखना पड़ा, जब अदालत ने पूछा जिस शख्स के ट्वीट से तूफान खड़ा हुआ वो कहां है। कोर्ट का दिल्ली पुलिस से सवाल था कि जगदीश सिंह के खिलाफ आपने क्या एक्शन लिया है, ये बताए।
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस अनूप भंभानी का पुलिस से सवाल था कि आपने तमाम तरह की जांच कर ली। आपको ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक के खिलाफ कुछ भी नहीं मिला। इसी वजह से जो चार्जशीट आपने दाखिल की उसमें कहीं भी मोहम्मद जुबैर का नाम नहीं डाला गया है। लेकिन इतने से ही बात पूरी नहीं हो जाती। हमें ये देखना है कि मामला अपने अंजाम तक सही तरीके से पहुंचे। हमें ये भी देखना है कि जगदीश सिंह नाम का शख्स कहां है। दिल्ली पुलिस ने उस तक पहुंचने के लिए कितने हाथ पैर मारे। पुलिस उस तक नहीं पहुंच पा रही है तो इसकी वजह क्या है?
13 मार्च को होगी सुनवाई, सभी पक्षों को मौजूद रहने का निर्देश
जस्टिस अनूप भंभानी ने मामले की सुनवाई के लिए 13 मार्च की तारीख तय की है। उन्होंने कहा कि मामले से जुड़े सभी लोग तब कोर्ट में मौजूद रहें। उनका कहना था कि वो देखना चाहते हैं कि मामले खत्म होने की तरफ ठीक तरीके से बढ़ भी रहा है कि नहीं।
जुबैर बेंगलुरु के रहने वाले हैं। 2017 में जुबैर ने प्रतीक सिन्हा के साथ मिलकर ऑल्ट न्यूज को फैक्ट चेक वेबसाइट के रूप में लॉन्च किया। जुबैर के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने 6 अगस्त, 2020 को उनके एक ट्वीट का हवाला देते हुए एनसीपीसीआर की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। जुबैर ने अपने विवादास्पद ट्वीट में एक ऑनलाइन झगड़े के दौरान एक नाबालिग लड़की की तस्वीर ब्लर करके शेयर की थी।
जुबैर का उस शख्स से सवाल था कि वो अपने ट्वीट में आपत्तिजनक चीजें कह रहा है। वो भी तब जब उसकी प्रोफाइल में पोती की तस्वीर है। जुबैर ने कहा था कि वो शख्स कम से कम पोती की तस्वीर को अपने हैंडल से हटा ले। दिल्ली पुलिस ने इसके बाद जुबैर के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के अलावा आईटी एक्ट की अन्य कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। हालांकि केस दर्ज होने के बाद में जस्टिस योगेश खन्ना ने जुबैर को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दे दी थी।