उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा के एसएसपी आईपीएस वैभव कृष्ण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें गुरुवार (9 जनवरी) को निलंबित कर दिया। सरकारी प्रवक्ता ने उक्त कार्रवाई की जानकारी दी। उन्हें एक महिला से चैट के वायरल वीडियो की गुजरात फॉरेंसिक लैब से रिपोर्ट आते ही निलंबित कर दिया गया। प्रवक्ता ने बताया कि फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट में वह वीडियो और चैट सही पाया गया है, जिसे कृष्ण ने फर्जी बताया था। फॉरेंसिक जांच में सामने आया कि वीडियो ‘एडिटेड और मॉर्फ्ड’ नहीं था।
मेरठ आईजी को सौंपी गई थी जांच: बता दें कि एसएसपी कृष्ण ने वायरल वीडियो के संबंध में खुद रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसके बाद मेरठ के एडीजी और आईजी को जांच सौंपी गई। जांच के दौरान आईजी ने वीडियो फॉरेंसिक लैब भेजा। कृष्ण ने पत्रकारों को खुद ही इसकी जानकारी दी थी और शासन को भेजी गई एक गोपनीय रिपोर्ट लीक कर दी थी। बता दें कि डीजीपी ओपी सिंह ने इस घटना के बाद लखनऊ में पत्रकारों से कहा था कि मेरठ रेंज आईजी को गौतमबुद्धनगर के एसएसपी से स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया गया है।
एडीजी एसएन साबत करेंगे जांच: यूपी सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि अधिकारी आचरण नियमावली का उल्लंघन किए जाने के कारण कृष्ण को निलंबित किया गया है। उन्होंने बताया कि वैभव कृष्ण के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं। लखनऊ के एडीजी एसएन साबत जांच कर जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।
15 दिन में जांच करने के आदेश: बता दें कि योगी सरकार ने पूरे मामले की जांच 15 दिन के भीतर करने के आदेश दिए हैं। रिपोर्ट आते ही वैभव कृष्ण के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जांच प्रभावित न हो, इसलिए सभी पांचों पुलिस अफसरों को फील्ड से हटा दिया गया है।