19 मई को योग गुरु रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के डेयरी कारोबार के प्रमुख सुनील बंसल की कोविड-19 से मौत हो गयी। कंपनी ने सोमवार को जानकारी देते हुए कहा कि सुनील बंसल के ऐलोपैथिक इलाज में कंपनी कोई भूमिका नहीं थी। बंसल पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के डेयरी विभाग के वाइस प्रेसिडेंट थे। बंसल 57 साल के थे।

हरिद्वार की कंपनी ने अपने बयान में कहा, “कोविड-19 की वजह से जयपुर के राजस्थान हॉस्पिटल में 19 मई को उनकी मौत हो गयी। उनकी पत्नी राजस्थान सरकार में वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी हैं।” बंसल की मौत ऐसे समय में हुई है जब रामदेव एलोपैथिक दवाओं और कोविड-19 पर अपनी टिप्पणी को लेकर विवादों में हैं। कंपनी के बयान में भी इसकी झलक दिखी।

पतंजलि ने कहा, “पतंजलि की उनकी एलोपैथिक इलाज में कोई भूमिका नहीं थी, उनके इलाज का अधिकतर समन्वय उनकी पत्नी ने किया था। हालांकि हम उन्हें लेकर चिंतित थे और उनकी पत्नी से उनकी स्थिति की जानकारी ले रहे थे।”

डेयरी विज्ञान के विशेषज्ञ बंसल ने जनवरी 2018 में पतंजलि के डेयरी विभाग का जिम्मा संभाला था। पतंजलि ने उस समय गाय के डिब्बाबंद दूध और दही, छाछ एवं चीज सहित दूसरे दुग्ध आधारित उत्पाद बेचने की अपनी योजना की घोषणा की थी। पतंजलि के लिए काम करने से पहले उन्होंने अमूल और वालमार्ट में भी सेवा दी थी।

रविवार को रामदेव को अपना वह बयान वापस लेने पर मजबूर होना पड़ा था जिसमें उन्होंने कहा था कि कोविड-19 के लिए एलोपैथिक दवाएं लेने की वजह से लाखों लोगों की मौत हो गयी। उनके बयान का वीडियो क्लिप वायरल हो गया था। विवादित बयानों को लेकर केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी बाबा रामदेव की कड़ी आलोचना की थी। इतना ही कई जगहों पर बाबा रामदेव के खिलाफ मामला भी दर्ज करवाया गया।