कांग्रेस ने येस बैंक के मामले को लेकर शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि इस सरकार में अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई और आर्थिक स्थिति का उपचार करने के मामले में वह ‘नीम-हकीम’ साबित हुई है। पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि मोदी एवं उनके विचारों ने देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है।

गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘येस बैंक नहीं। मोदी और उनके विचारों ने भारत की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है।’’ पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने तंज कसते हुए कहा, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था को भाजपा सरकार की नीतियों ने बर्बाद किया है- येस। क्या अर्थव्यवस्था की इस लचर हालत में भारतीय अर्थव्यवस्था पांच हजार अरब डॉलर के लक्ष्य को छू पाएगी – नो। भाजपा सरकार की देन बर्बादी को येस, प्रगति को नो।’’

कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने ट्वीट करते हुए  मोदी सरकार पर तंज कसा है।उन्होंने लिखा है पिछले 6 साल में बीजेपी का नारा
2014: 15 लाख ले लो (सभी लोगों के लिए) 2018: पकौड़ा ले लो (सभी बेरोजगारों के लिए) 2020:ताला ले लो (सभी बैंक और इंडस्ट्री के लिए)

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने दावा किया, ‘‘भाजपा 6 साल से सत्ता में है। वित्तीय संस्थानों को नियंत्रित और विनियमित करने की उनकी क्षमता उजागर होती जा रही है।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘पहले पीएमसी बैंक, अब येस बैंक। क्या सरकार बिल्कुल भी चिंतित नहीं है? क्या वो अपनी जिम्मेदारी से बच सकते हैं? क्या अब कतार में कोई तीसरा बैंक है?’’

पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ पिछले छह साल से मोदी सरकार ने न सिर्फ अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी, बल्कि लोगों का जीना मुहाल कर दिया। लोग अपने खाते से पैसे नहीं निकाल पा रहे हैं। लंबी-लंबी कतारें लगी हैं।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘मोदी जी आखिर आप देश के लोगों को किस बात की सजा दे रहे हैं? आप किस बात का बदला इस देश से ले रहे हैं?’’ खेड़ा ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा और उन पर गलतबयानी का आरोप लगाया।

गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को सरकार से मशविरा करने के बाद येस बैंक पर रोक लगायी और उसके निदेशक मंडल को भी भंग कर दिया है। वहीं बैंक के ग्राहकों पर भी 50,000 रुपये मासिक तक निकासी करने की रोक लगायी है। येस बैंक किसी भी तरह का नया ऋण वितरण या निवेश भी नहीं कर सकेगा।

(भाषा इनपुट्स)