यमुना का जलस्तर करीब 12 घंटे पहले ही खतरे के निशान से नीचे हो गया था। केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार सुबह आठ बजे यमुना का जलस्तर 205.48 मीटर तक पहुंच गया, जिसके अभी और बढ़ने की आशंका है।
हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी की प्रवाह दर में मंगलवार दोपहर मामूली वृद्धि देखी गई, जो 50,000 से 60,000 क्यूसेक के बीच थी। प्रवाह दर बुधवार सुबह सात बजे तक घटकर 39,000 के आस-पास रही। एक क्यूसेक का मतलब 28.32 लीटर प्रति सेकेंड पानी होता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 22 जुलाई तक उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की अलग-अलग जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है।
यमुना नदी का जलस्तर मंगलवार रात आठ बजे खतरे के निशान 205.33 से नीचे हो गया था, जो जोरदार बारिश के बाद बीते आठ दिन से खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी। जलस्तर के फिर से बढ़ने से पहले बुधवार तड़के पांच बजे यमुना में जलस्तर 205.22 मीटर था। जलस्तर बढ़ने से पानी की आपूर्ति पर भी असर पड़ सकता है।
जो वजीराबाद के एक पंप हाउस में पानी भर जाने की वजह से बीते चार-पांच दिन तक प्रभावित थी और मंगलवार को ही सामान्य हुई थी। यह पंप हाउस वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला जल शोधन संयंत्रों को पानी की आपूर्ति करता है, जो मिलकर राजधानी में 25 फीसद पानी की आपूर्ति करते हैं। उल्लेखनीय है कि ओखला जल शोधन संयंत्र ने शुक्रवार को, चंद्रावल ने रविवार को और वजीराबाद ने मंगलवार को काम करना शुरू कर दिया।
‘बाढ़ प्रभावितों के लिए सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध
नई दिल्ली : दिल्ली में बाढ़ प्रभावित लोगों को किसी भी असुविधा से बचाने के लिए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को शाहदरा जिले में पुराने लोहे वाले पुल के पास स्थित बाढ़ राहत शिविरों का सघन निरीक्षण किया। दिल्ली सरकार की ओर से किए जा रहे राहत उपायों को सुनिश्चित करने के लिए इस बाढ़ राहत शिविर का दौरा किया गया। उन्होंने कहा कि राहत शिविरों में बाढ़ प्रभावितों के लिए सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि राहत शिविरों में रह रहे लोगों के क्षेत्र में अभी भी पानी का स्तर नीचे नहीं गया है। वहां गाद और कीचड़ फैला हुआ है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देशानुसार दिल्ली सरकार के सभी मंत्री दिल्ली के प्रत्येक जिले में बचाव, राहत और पुनर्वास कार्य की निगरानी और पर्यवेक्षण संबंधित कार्यों को सुनिश्चित करने में लगे हैं। इसी के चलते आज हमने शाहदरा जिले के पुराने लोहे वाले पुल के पास स्थित राहत शिविर का दोबारा जायजा लिया।
उन्होंने बताया की आपदा प्रभावित लोगों के लिए सरकार के रूप में हमारी जिम्मेदारी है कि इससे प्रभावित होने वाले लोगों की मदद करे और उन्हें हर जरूरी सुविधाएं मुहैया करवाएं। इसी के चलते बाढ़ राहत शिविर का दोबारा दौरा किया और पाया कि बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए उपयुक्त मेडिकल सुविधाएं, खाना, पानी, अतिरिक्त टेंट, शिविरों में साफ-सफाई की व्यवस्था कर दी गई है। इन शिविरों में लोगों की सुविधा के लिए दरी और गद्दें की भी व्यवस्था की गई है।
साथ ही बाढ़ प्रभावित लोगों ने केजरीवाल सरकार द्वारा मुहैया कराई जा रही सुविधाओं पर भी सकारात्मक प्रतिक्रिया जताई है । पर्यावरण मंत्री ने कहा कि सांपों की समस्याओं से निजात पाने के लिए वन विभाग द्वारा छह रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है। यह टीम दिल्ली के सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में कार्यरत है। वन विभाग को सभी राहत शिविरों के आस-पास विशेष निगरानी करने का निर्देश दिया गया है। जिसके चलते आज त्वरित प्रतिक्रिया दल भी हमारे साथ मौके पर मौजूद रहा। रैपिड रिस्पांस टीम ने अभी तक 30 सांपों का रेस्क्यू कर पकड़ लिया है। उनको सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया जाएगा।